जयपुर. जैन तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने पर जैन समाज पूरे देश में विरोध कर रहा है. राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी इस मामले में केंद्रीय पर्यटन मंत्री किशन रेड्डी को पत्र लिखकर (Pilot letter to Union Tourism Minister) इस फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है.
पायलट ने पत्र के जरिए कहा है कि केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की ओर से हाल ही में जैन समुदाय के पवित्र तीर्थ स्थल श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित (Sachin Pilot letter on Sammed Shikharji) किए जाने से जैन समुदाय में भारी आक्रोश है. श्री सम्मेद शिखरजी पारसनाथ पर्वतराज जैन समुदाय की आस्था का प्रमुख केन्द्र है. पर्यटन मंत्रालय की ओर से श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने से जैन समुदाय की आस्था को गहरा आघात लगा है.
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जैन धर्मावम्बियों में इस धार्मिक, भावनात्मक और संवेदनशील मुद्दे पर केन्द्र सरकार के रवैये के खिलाफ असंतोष व्याप्त है. साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों में जैन समुदाय केन्द्र सरकार के इस निर्णय के विरोध में आंदोलनरत हैं. पायलट ने कहा कि जनभावना को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय की ओर से श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के निर्णय पर पुनः विचार करने का कष्ट करें.
मुख्यमंत्री ने भी झारखंड के सीएम को किया था फोनः इस मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बुधवार रात फोन पर बात की. साथ ही श्री सम्मेद शिखर जी को लेकर जैन समाज की मांग के संबंध में विस्तार से चर्चा की. गहलोत ने अपने ट्वीट के जरिए बताया कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उन्हें यक़ीन दिलाया है कि वह भी चाहते हैं कि इस मुद्दे का जल्द से जल्द सकारात्मक हल निकाला जाए.