जयपुर. आज 11 जून को सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट की 23 वीं पुण्यतिथि है. यदि कोरोना काल को छोड़ दिया जाए तो सचिन पायलट 11 जून को 22 वीं बार अपने पिता को श्रद्धांजलि देने दौसा के भड़ाना पहुंचेंगे. दौसा के भंडाना में होने जा रही श्रद्धांजलि सभा में हर बार की तरह इस बार भी पायलट समर्थक नेताओं के साथ ही पूर्वी राजस्थान के नेता भी शामिल होंगे. साथ ही कहा जा रहा है कि बड़ी तादाद में पूरे राजस्थान से लोग राजेश पायलट को श्रद्धांजलि देने पहुंचेंगे. अब हर किसी को इस बात का इंतजार है कि क्या सचिन पायलट दौसा में कोई ऐसा निर्णय लेंगे जो उन्हें कांग्रेस से अलग रास्ते पर लेकर जाएगा, लेकिन इसकी संभावना न के बराबर है. साफ है कि विरासत में मिली कांग्रेस की राजनीति को पायलट के लिए छोड़ना आसान नहीं होगा. हालांकि एक बात साफ है कि जनता से जुड़े मुद्दे जो उन्होंने उठाए हैं वो उस पर अभी कायम रहेंगे.
वेणुगोपाल के बाद पायलट आज जनता को बताएंगे अपने फैसले : सचिन पायलट की 2 दिन पहले कांग्रेस के संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल से मुलाकात हुई और उस मुलाकात में भी उन्होंने साफ कर दिया कि उन्होंने जो मुद्दे उठाए हैं. वो कांग्रेस के भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाए गए मुद्दे ही हैं. अब भले ही पार्टी का समर्थन मिले या नहीं लेकिन जनता को राहत दिलाने के लिए उन्होंने जो तीन मुद्दे आरपीएससी का पुनर्गठन, पूर्ववर्ती वसुंधरा राज्य सरकार के समय हुए भ्रष्टाचार की जांच और पेपर लीक में प्रभावित हुए छात्र-छात्राओं को मुआवजा देने के उठाए हैं वो उन पर कायम रहेंगे.
पार्टी का ऐलान न करें लेकिन जनता के बीच आंदोलन की कर सकते हैं घोषणा : ये भी लगभग तय है कि सचिन पायलट अभी कांग्रेस पार्टी से किनारा नहीं करेंगे, लेकिन यह भी साफ है कि वो अपने मुद्दों से पीछे नहीं हटेंगे. ऐसे में भले ही सचिन पायलट कल अपने पिता की पुण्यतिथि के कार्यक्रम पर कांग्रेस पार्टी से अलग होने की या खुद की पार्टी बनाने की कोई घोषणा तो नहीं करेंगे लेकिन अपने समर्थकों के बीच खड़े होकर वो इस बात का ऐलान जरूर कर सकते हैं कि वह जिन मुद्दों को लेकर चले हैं, उन पर उनके आंदोलन की राह क्या होगी? ऐसे में पायलट समर्थकों को ही नहीं बल्कि राजस्थान कांग्रेस के साथ ही भाजपा के नेताओं की भी इस बात पर नजर है कि पायलट आज क्या कदम उठाते हैं.
ये रहेगा कार्यक्रम : सचिन पायलट सुबह 9:00 बजे जयपुर से दौसा के भंडाना के लिए रवाना होंगे, जहां वो अपने समर्थकों और नेताओं के साथ भंडारा पहुंचकर अपने पिता को पहले श्रद्धांजलि देंगे. इसके साथ ही दौसा में गुर्जर छात्रावास में राजेश पायलट की मूर्ति का भी अनावरण करेंगे. इस दौरान दोनों में से किसी एक जगह सचिन पायलट जनता से भी मुखातिब हो सकते हैं और जब वो जनता से मुखातिब होंगे उस समय वो अपने आगे के फैसलों से जनता को अवगत कराएंगे. बता दें कि पायलट ने आंदोलन की घोषणा जनता के बीच खड़े होकर की थी, ऐसे में उस आंदोलन की रूपरेखा भी वह जनता के बीच ही घोषित कर सकते हैं. हालांकि दौसा के कार्यक्रम के ठीक बाद सचिन पायलट नोएडा के लिए रवाना होंगे जहां वह अपने पैतृक गांव वैदपुरा पहुंच कर वहां भी अपने पिता को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे.