जयपुर. राजनीति में कब क्या दिख जाए, कब किस नेता की किस नेता से बिगड़ जाए और कब वापस आरोप-प्रत्यारोप कर रहे नेता एक साथ खड़े दिखाई दें, इसे लेकर कभी कुछ तय रूप से नहीं कहा जा सकता. ऐसा ही एक नजारा शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में देखने को मिला, जब पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एक साथ चर्चा करते नजर आए.
कुछ दिन पहले तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच राजस्थान में कोल्ड वार चल रहा था. इस दौरान गद्दार, नकारा, निकम्मा और ना जाने कैसे-कैसे शब्द इस्तेमाल किए गए थे. अब दोनों का ये कोल्ड वार शांत होता नजर आ रहा है. अब दोनों नेता एकजुट होकर चुनाव में लड़ने की बात कर रहे हैं, लेकिन उससे भी महत्वपूर्ण आज एक और दूसरी तस्वीर राजस्थान विधानसभा में दिखाई दी, जहां जिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर सचिन पायलट पहले 11 अप्रैल को अनशन पर बैठे और फिर उन्हीं आरोपों में पेपर लीक के आरोप जोड़कर वह 5 दिन की अजमेर से जयपुर की पदयात्रा निकाल चुके हैं.
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आज उन्हीं वसुंधरा राजे के साथ सचिन पायलट विधानसभा में चर्चा करते हुए दिखाई दिए. आपको बता दें कि सचिन पायलट पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की बात लगातार उठाते रहे हैं. आज दोनों नेताओं के बीच क्या चर्चा हुई, यह तो सामने नहीं आया, लेकिन पिछले कई दिनों सचिन पायलट से जुड़े घटनाक्रम बता रहे हैं कि राजनीति में कोई स्थाई दोस्त और कोई स्थाई दुश्मन नहीं होता.
उधर तीनो सह प्रभारी पहुंचे पायलट से मुलाकात करनेः सचिन पायलट से मुलाकात करने वाले नेताओं में आज राजस्थान कांग्रेस के तीनों सह प्रभारी वीरेंद्र सिंह राठौड़, अमृता धवन और काजी निजामुद्दीन शामिल रहे. चारों नेताओं के बीच बंद कमरे में करीब 1 घंटे तक मुलाकात हुई. कहा जा रहा है कि पायलट ने इस बात पर नाराजगी जताई है कि उनके समर्थक कुछ नेताओं को प्रदेश कार्यकारिणी से हटाया दिया गया है.