जयपुर. पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर की गई टिप्पणी को लेकर जहां सभी राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. वहीं राजस्थान विश्विद्यालय के प्रोफसर भी खुलकर सामने आ गए.
बता दें कि कुछ दिन पहले ही यूनिवर्सिटी की रैंकिंग में गिरावट आई थी. उस पर कोई भी शिक्षक खुलकर सामने नहीं आया था. लेकिन राजनीतिक मुद्दों पर शिक्षक खुलकर सामने आते रहे हैं.
दरअसल, शुक्रवार को राजस्थान विश्वविद्यालय में कांग्रेस विचारधारा के 200 शिक्षकों ने हस्ताक्षर कर राष्ट्रपति को पत्र भेजा. इस दौरान शिक्षकों ने कहा कि इस प्रकार के बयान से इस महान राष्ट्र के करोड़ों लोगों को आघात लगा है. उन सभी को इस बात को लेकर आत्मग्लानि है कि राजनीतिक विमर्श कितना गिर चुका है.
आरयू के शिक्षक एमएल शर्मा ने कहा कि इसको लेकर शिक्षकों में गहरा रोष है. सभी शिक्षकों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर मांग की है कि आगे से कोई भी संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति किसी के लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल न करें.
प्रोफेसर जेपी यादव ने कहा कि भारत सहित विश्व के किसी भी देश के धर्म ग्रंथों में भी मृत आत्मा की निंदा की जाए. इस बात को सही नहीं ठहराया गया है. लेकिन भारत के प्रधानमंत्री चुनाव जीतने के लिए जिस तरीके से सालों पहले देश के लिए जान गंवा देने वाले प्रधानमंत्री राजीव गांधी के लिए इस तरह के बयान की भाषा का इस्तेमाल किया गया है.