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15 करोड़ की लागत से SWATAH प्रोजेक्ट तैयार, प्रदेशवासियों को मिलेगा विभिन्न योजनाओं का स्वतः लाभ

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 3, 2023, 7:12 PM IST

प्रदेश की गहलोत सरकार ने 15 करोड़ रुपए की लागत से SWATAH प्रोजेक्ट तैयार किया है. इस प्रोजेक्ट से प्रदेश वासियों को विभिन्न योजनाओं का लाभ स्वतः मिलेगा.

Swatah project in Rajasthan
SWATAH प्रोजेक्ट तैयार

जयपुर. प्रदेश में चुनावी माहौल में सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. उनमें से एक SWATAH प्रोजेक्ट है. 15 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुए SWATAH प्रोजेक्ट से प्रदेशवासियों को विभिन्न योजनाओं का स्वतः ही लाभ मिलेगा. इसके साथ सीएम गहलोत ने प्रदेश की 6204 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र को मुख्य आंगनबाड़ी केंद्र में क्रमोन्नत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है.

क्या है SWATAH प्रोजेक्ट: दरअसल सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग की ओर से प्रदेशवासियों के जन आधार डेटाबेस का उपयोग करते हुए रियल टाइम ऑटो सर्विस डिलेवरी सिस्टम (SWATAH) विकसित किया जाएगा. इस सिस्टम से पात्र नागरिकों को आवेदन किए बिना ही विभिन्न विभागों की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ घर बैठे स्वतः ही मिल जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस सम्बंध में 15 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है.

पढ़ें: राहत भरी खबर : प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सभी स्कूल, आंगनबाड़ी एवं स्वास्थ्य केंद्रों को मिलेगा नल कनेक्शन

योजनान्तर्गत 5 वर्ष के लिए 14 विभागों द्वारा संचालित की जा रही 79 योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचाने के लिए इस राशि का प्रावधान किया गया है. इसमें वित्तीय वर्ष 2023-24 में 5 करोड़ रुपए तथा आगामी 4 वर्षों में 2-2 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. विभाग इस वित्तीय वर्ष के लिए 5 करोड़ रुपए अपनी अन्य योजनाओं की संभावित बचत राशि में से वहन करेगा. बता दें कि इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ने राज्य बजट 2023-24 में घोषणा की थी.

पढ़ें: बड़ा फैसला: प्रदेश के 62 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों को मिलेगी 2 सेट यूनीफॉर्म

6204 आंगनबाड़ी केंद्र होंगे क्रमोन्नत: वहीं राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण के लिए महत्वपूर्ण फैसला लिया है. अब प्रदेश के सभी 6204 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को मुख्य आंगनबाड़ी केंद्रों में क्रमोन्नत किया जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. गहलोत ने क्रमोन्नत करने पर आने वाले अतिरिक्त वित्तीय भार के लिए कुल 56.72 करोड़ रुपए में से राज्यांश के रूप में 41.32 करोड़ रुपए की स्वीकृति भी दी है. इस मंजूरी से मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बढ़ते कार्यभार को कम किया जा सकेगा. साथ ही, केन्द्रों पर आधारभूत सुविधाओं का विस्तार और विकास होगा. बता दें कि वर्तमान में प्रदेश में कुल स्वीकृत आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या 55,816 और मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या 6,204 है.

जयपुर. प्रदेश में चुनावी माहौल में सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. उनमें से एक SWATAH प्रोजेक्ट है. 15 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुए SWATAH प्रोजेक्ट से प्रदेशवासियों को विभिन्न योजनाओं का स्वतः ही लाभ मिलेगा. इसके साथ सीएम गहलोत ने प्रदेश की 6204 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र को मुख्य आंगनबाड़ी केंद्र में क्रमोन्नत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है.

क्या है SWATAH प्रोजेक्ट: दरअसल सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग की ओर से प्रदेशवासियों के जन आधार डेटाबेस का उपयोग करते हुए रियल टाइम ऑटो सर्विस डिलेवरी सिस्टम (SWATAH) विकसित किया जाएगा. इस सिस्टम से पात्र नागरिकों को आवेदन किए बिना ही विभिन्न विभागों की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ घर बैठे स्वतः ही मिल जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस सम्बंध में 15 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है.

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योजनान्तर्गत 5 वर्ष के लिए 14 विभागों द्वारा संचालित की जा रही 79 योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचाने के लिए इस राशि का प्रावधान किया गया है. इसमें वित्तीय वर्ष 2023-24 में 5 करोड़ रुपए तथा आगामी 4 वर्षों में 2-2 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. विभाग इस वित्तीय वर्ष के लिए 5 करोड़ रुपए अपनी अन्य योजनाओं की संभावित बचत राशि में से वहन करेगा. बता दें कि इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ने राज्य बजट 2023-24 में घोषणा की थी.

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6204 आंगनबाड़ी केंद्र होंगे क्रमोन्नत: वहीं राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण के लिए महत्वपूर्ण फैसला लिया है. अब प्रदेश के सभी 6204 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को मुख्य आंगनबाड़ी केंद्रों में क्रमोन्नत किया जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. गहलोत ने क्रमोन्नत करने पर आने वाले अतिरिक्त वित्तीय भार के लिए कुल 56.72 करोड़ रुपए में से राज्यांश के रूप में 41.32 करोड़ रुपए की स्वीकृति भी दी है. इस मंजूरी से मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बढ़ते कार्यभार को कम किया जा सकेगा. साथ ही, केन्द्रों पर आधारभूत सुविधाओं का विस्तार और विकास होगा. बता दें कि वर्तमान में प्रदेश में कुल स्वीकृत आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या 55,816 और मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या 6,204 है.

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