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CBI Raid: 10 लाख की रिश्वत मामले में आईडीएएस अधिकारी सहित 6 गिरफ्तार, 40 लाख की नकदी बरामद

सीबीआई ने शुक्रवार को एक प्रेस रिलिज जारी कर बताया कि 10 लाख रुपए की रिश्व मामले में सेना की दक्षिण पश्चिमी कमान से जुड़े आईएफए (Integrated Financial Advisor) और लेखा अधिकारी सहित 6 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया (CBI arrested 6 bribe accused in Jaipur) है. सीबीआई ने जयपुर से चार आरोपियों को गिरफ्त में लिया है और 40 लाख रुपए की नकदी बरामद की है.

Rs 10 lakh bribe case: CBI arrested one army officer and 5 other
CBI Raid: 10 लाख की रिश्वत मामले में सेना की दक्षिण पश्चिम कमान के आईडीएएस अधिकारी सहित 6 गिरफ्तार
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Published : Dec 30, 2022, 11:09 PM IST

Updated : Jan 3, 2023, 1:17 PM IST

जयपुर. सीबीआई ने शुक्रवार को एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए 10 लाख रुपए की रिश्वत मामले में सेना की दक्षिण पश्चिमी कमान से जुड़े भारतीय रक्षा लेखा सेवा (आईडीएएस) के अधिकारी उमाशंकर प्रसाद कुशवाहा सहित 6 लोगों को गिरफ्तार किया (CBI arrested 6 bribe accused in Jaipur) है. सीबीआई ने शुक्रवार को एक प्रेस रिलिज जारी कर बताया कि पूरे प्रकरण में सीबीआई ने जयपुर से चार लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद सीबीआई ने कई स्थानों पर सर्च अभियान चलाकर 40 लाख रुपए की नकदी बरामद की है.

सीबीआई ने एक प्रेस रिलिज जारी कर बताया कि उमाशंकर वर्तमान में जयपुर में दक्षिण पश्चिमी कमान से आईएफए (Integrated Financial Advisor) में तैनात थे. 1998 बैच के आईडीएएस अधिकारी उमाशंकर प्रसाद कुशवाहा, आईएफए कार्यालय में तैनात लेखा अधिकारी रामरूप मीणा, जूनियर अनुवादक विजय नामा और तनुश्री सर्विसेज के कथित बिचौलिए राजेंद्र सिंह को जयपुर से गिरफ्तार किया गया है. सीबीआई ने प्रेस रिलिज में बताया है कि रिश्वतखोरी के आरोप में तीन निजी फर्मों के तीन लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है.

पढ़ें: CBI Raid In Jaipur: एसएनजी ग्रुप पर सीबीआई छापा, गुप्ता दंपती पर 14 करोड़ रुपए के घपले का आरोप

यह है आरोप: सीबीआई की ओर से बताया गया है कि तीन निजी फर्मों को एक साजिश के तहत दक्षिण पश्चिमी कमान में विभिन्न स्थानों के लिए सफाई सेवाओं की आउटसोर्सिंग से संबंधित सभी कार्य मिल रहे थे. जीईएम के प्रावधानों को दरकिनार कर आउटसोर्सिंग के लिए रिश्वत देने के साथ-साथ बिना आपत्ति के बिलों का भुगतान किया जा रहा था. कंपनियों ने बिना किसी आपत्ति के अपने बिलों की मंजूरी प्राप्त करने के लिए कथित तौर पर आईएफए अधिकारियों को रिश्वत देने की साजिश रची थी.

पढ़ें: सीबीआई ने बैंक धोखाधड़ी मामले में निजी कंपनी के दो पूर्व निदेशकों को गिरफ्तार किया

सीबीआई का आरोप है कि कुशवाहा, मीणा, विजय नामा व राजेंद्र सिंह नियमित रूप से निजी ठेकेदारों से उनके बिलों को चुकाने और अनुबंध प्राप्त करने में उनका पक्ष लेने के लिए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर रिश्वत ले रहे थे. अब सभी गिरफ्तार आरोपियों को हरियाणा के पंचकूला में एक विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा. जयपुर, जींद, बठिंडा और गंगानगर सहित 9 अलग-अलग स्थानों पर की गई तलाशी में 40 लाख रुपए की नकदी, लोक सेवकों से संबंधित विभिन्न संपत्ति के दस्तावेज और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं, जिनकी जांच की जा रही है.

भारतीय सेना ने किया खंडन - सीबीआई ने 30 दिसंबर को 10 लाख रुपए की रिश्वत मामले में दक्षिण पश्चिम कमान के आईएफए (Integrated Financial Advisor) और लेखा अधिकारी सहित 6 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था. इस मामले में भारतीय सेना ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर यह स्पष्ट किया है कि गिरफ्तार आरोपियों में से कोई भी सैन्य अधिकारी शामिल नहीं है. एक मीडिया समूह के सीबीआई द्वारा गिरफ्तार आरोपियों को सैन्य अधिकारी बताकर गलत जानकारी प्रसारित किए जाने पर भारतीय सेना ने इसका खंडन किया है. प्रकरण में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए दक्षिण पश्चिमी कमान के एकीकृत वित्तीय सलाहकार उमाशंकर प्रसाद कुशवाहा, इंडियन डिफेंस अकाउंट सर्विसेज के 1998 बैच के अधिकारी हैं, न कि कोई सैन्य अधिकारी. इसी तरह से कार्यालय में तैनात लेखाधिकारी रामरूप मीणा व कनिष्ठ अनुवादक विजय नामा भी सैन्य अधिकारी नहीं हैं.

जयपुर. सीबीआई ने शुक्रवार को एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए 10 लाख रुपए की रिश्वत मामले में सेना की दक्षिण पश्चिमी कमान से जुड़े भारतीय रक्षा लेखा सेवा (आईडीएएस) के अधिकारी उमाशंकर प्रसाद कुशवाहा सहित 6 लोगों को गिरफ्तार किया (CBI arrested 6 bribe accused in Jaipur) है. सीबीआई ने शुक्रवार को एक प्रेस रिलिज जारी कर बताया कि पूरे प्रकरण में सीबीआई ने जयपुर से चार लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद सीबीआई ने कई स्थानों पर सर्च अभियान चलाकर 40 लाख रुपए की नकदी बरामद की है.

सीबीआई ने एक प्रेस रिलिज जारी कर बताया कि उमाशंकर वर्तमान में जयपुर में दक्षिण पश्चिमी कमान से आईएफए (Integrated Financial Advisor) में तैनात थे. 1998 बैच के आईडीएएस अधिकारी उमाशंकर प्रसाद कुशवाहा, आईएफए कार्यालय में तैनात लेखा अधिकारी रामरूप मीणा, जूनियर अनुवादक विजय नामा और तनुश्री सर्विसेज के कथित बिचौलिए राजेंद्र सिंह को जयपुर से गिरफ्तार किया गया है. सीबीआई ने प्रेस रिलिज में बताया है कि रिश्वतखोरी के आरोप में तीन निजी फर्मों के तीन लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है.

पढ़ें: CBI Raid In Jaipur: एसएनजी ग्रुप पर सीबीआई छापा, गुप्ता दंपती पर 14 करोड़ रुपए के घपले का आरोप

यह है आरोप: सीबीआई की ओर से बताया गया है कि तीन निजी फर्मों को एक साजिश के तहत दक्षिण पश्चिमी कमान में विभिन्न स्थानों के लिए सफाई सेवाओं की आउटसोर्सिंग से संबंधित सभी कार्य मिल रहे थे. जीईएम के प्रावधानों को दरकिनार कर आउटसोर्सिंग के लिए रिश्वत देने के साथ-साथ बिना आपत्ति के बिलों का भुगतान किया जा रहा था. कंपनियों ने बिना किसी आपत्ति के अपने बिलों की मंजूरी प्राप्त करने के लिए कथित तौर पर आईएफए अधिकारियों को रिश्वत देने की साजिश रची थी.

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सीबीआई का आरोप है कि कुशवाहा, मीणा, विजय नामा व राजेंद्र सिंह नियमित रूप से निजी ठेकेदारों से उनके बिलों को चुकाने और अनुबंध प्राप्त करने में उनका पक्ष लेने के लिए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर रिश्वत ले रहे थे. अब सभी गिरफ्तार आरोपियों को हरियाणा के पंचकूला में एक विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा. जयपुर, जींद, बठिंडा और गंगानगर सहित 9 अलग-अलग स्थानों पर की गई तलाशी में 40 लाख रुपए की नकदी, लोक सेवकों से संबंधित विभिन्न संपत्ति के दस्तावेज और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं, जिनकी जांच की जा रही है.

भारतीय सेना ने किया खंडन - सीबीआई ने 30 दिसंबर को 10 लाख रुपए की रिश्वत मामले में दक्षिण पश्चिम कमान के आईएफए (Integrated Financial Advisor) और लेखा अधिकारी सहित 6 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था. इस मामले में भारतीय सेना ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर यह स्पष्ट किया है कि गिरफ्तार आरोपियों में से कोई भी सैन्य अधिकारी शामिल नहीं है. एक मीडिया समूह के सीबीआई द्वारा गिरफ्तार आरोपियों को सैन्य अधिकारी बताकर गलत जानकारी प्रसारित किए जाने पर भारतीय सेना ने इसका खंडन किया है. प्रकरण में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए दक्षिण पश्चिमी कमान के एकीकृत वित्तीय सलाहकार उमाशंकर प्रसाद कुशवाहा, इंडियन डिफेंस अकाउंट सर्विसेज के 1998 बैच के अधिकारी हैं, न कि कोई सैन्य अधिकारी. इसी तरह से कार्यालय में तैनात लेखाधिकारी रामरूप मीणा व कनिष्ठ अनुवादक विजय नामा भी सैन्य अधिकारी नहीं हैं.

Last Updated : Jan 3, 2023, 1:17 PM IST
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