जयपुर. अपनी 21 सूत्री मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारियों ने जयपुर में रैली निकालकर धरना प्रदर्शन किया. जिसमें भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध राजस्थान परिवहन निगम संयुक्त कर्मचारी फेडरेशन और सेवानिवृत संयुक्त कर्मचारी महासंघ के सदस्य शामिल हुए. इस दौरान शहर में रैली निकालकर विरोध दर्ज कराया गया.
रैली शहीद स्मारक से रवाना होकर सरदार पटेल मार्ग से चौमूं हाउस चौराहा होते हुए रोडवेज मुख्यालय पहुंची. मुख्यालय पर रोडवेज कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर सभा की. प्रदर्शन में प्रदेश भर से आए सैकड़ों कर्मचारी शामिल हुए. रोडवेज कर्मचारियों ने रोडवेज एमडी से मिलकर ज्ञापन सौंपा. भारतीय मजदूर संघ के अखिल भारतीय मंत्री और परिवहन उद्योग प्रभारी राज बिहारी शर्मा ने आरोप लगाया है कि मौजूदा प्रदेश सरकार अपने वादे से मुकर रही है. उन्होंने कांग्रेस की ओर से सत्ता में आने पहले भारतीय मजदूर संघ की मागों को पूरा करने का आश्वास दिया गया था.
राज बिहारी शर्मा ने कहा है कि रोडवेज कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देने, सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान करने, नई बसें खरीदने सहित 19 सूत्रीय मांग पत्र देते हुए सरकार को याद दिलाने के लिए धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. सत्ता में आने के बाद राज्य सरकार द्वारा रोडवेज की उपेक्षा की गई है. बजट में किसी प्रकार का प्रावधान रोडवेज के लिए नहीं किया गया है. राज्य सरकार और रोडवेज प्रशासन दोनों ही रोडवेज कर्मचारियों की समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं है. राज्य सरकार रोडवेज के बस अड्डे के बाहर से निजी बसों के जमावड़े को उठाने के लिए तैयार नहीं है.
उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा कि राज्य सरकार की गलत नीति से रोडवेज का घाटा बढ़ रहा है. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर रोडवेज कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा. वहीं संयुक्त कर्मचारी फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष नत्थू सिंह राठौड़ ने कहा है कि रोडवेज में हड़ताल जैसा कदम आत्मघाती है. फिर भी कई संगठन रोडवेज में हड़ताल जैसी कार्रवाई के लिए लोगों को उकसाने का काम कर रहा है. इससे रोडवेज को घाटा और निजी वाहन स्वामियों को फायदा पहुंचता है.