जयपुर. स्वास्थ्य के अधिकार कानून को लेकर राजस्थान में चल रही डॉक्टरों की हड़ताल पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गंभीर का दिखाई है. सीएम गहलोत उच्च स्तरीय बैठक के लिए दिल्ली से जयपुर पहुंचे हैं. जयपुर पहुंचने के साथ ही सीएम गहलोत ने चिकित्सा मंत्री और चिकित्सा विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ आपात बैठक कर डॉक्टरों के साथ वार्ता करने के निर्देश दिए. सीएम गहलोत ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि वह डॉक्टरों से बात करे. साथ ही हड़ताल कर रहे डॉक्टरों से अपील की है कि वो काम पर लौटें.
सीएम गहलोत ने की आपात बैठकः स्वास्थ्य का अधिकार बिल विधानसभा में पास होने के साथ ही प्रदेश में डॉक्टरों की हड़ताल तेज हो गई है. निजी चिकित्सकों के समर्थन में अब अन्य चिकित्सक भी आने लगे हैं. डॉक्टरों की हड़ताल के बीच मुख्यमंत्री गहलोत अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर दिल्ली से जयपुर पहुंचे है. जयपुर पहुंचते ही मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर शनिवार को चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा और चिकित्सा विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ में आपात बैठक कर हड़ताल को खत्म करने के विकल्पों पर चर्चा की. मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव उषा शर्मा और उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे डॉक्टरों से वार्ता कर हड़ताल को खत्म कराएं. डॉक्टरों और सरकार के बीच शनिवार रात 10 बजे बैठक होगी.
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हड़ताल खत्म करने की अपीलः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिकित्सकों से अपील करते हुए कहा कि वह हड़ताल खत्म कर काम पर लौट आएं. गहलोत ने कहा कि राइट टू हेल्थ बिल में डॉक्टरों के हितों का पूरा ख्याल रखा गया है. डॉक्टरों की मांग को मान कर ही यह बिल लाया गया है. ऐसे में अब डॉक्टरों का हड़ताल करना उचित नहीं है. पक्ष-विपक्ष की सर्वसम्मति के बाद ही विधानसभा में बिल पास हुआ है. गहलोत ने कहा कि आमजन के जीवन से बड़ा कुछ नहीं है. ऐसे में डॉक्टर अपनी जिम्मेदारी को समझें और काम पर लौटें.
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RTH का हो रहा विरोध: बता दें कि राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य है जहां पर स्वास्थ्य का अधिकार कानून लाया गया है, लेकिन राजस्थान के निजी चिकित्सक इस बिल का लगातार विरोध कर रहे हैं. विधानसभा में बिल पेश होने के साथ ही बिल को विरोधी करार देते हुए चिकित्सकों ने इस बिल को नहीं लाने की मांग की थी. तमाम विरोध के बीच प्रदेश की गहलोत सरकार ने विधानसभा में बिल को बहुमत के साथ पास कराया. सदन में बिल पास होने के साथ ही प्रदेश में डॉक्टरों का आंदोलन तेज हो गया और अब प्रदेश के सभी निजी चिकित्सक हड़ताल पर हैं. राजस्थान के चिकित्सकों को अब देश के अन्य डॉक्टरों का भी समर्थन मिलने लगा है.