जयपुर. बेरोजगारों के लिए राज्य सरकार की ओर से राहत भरी खबर आई है. प्रदेश के नगरीय निकाय में सफाई कर्मचारियों के 13 हजार 184 पदों पर कराई जा रही भर्ती में अब प्राइवेट संस्थानों में काम कर चुके सफाई कर्मचारी भी अप्लाई कर सकेंगे. भर्ती में सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर के साथ अनुभव प्रमाण पत्र की बाध्यता को खत्म कर बेरोजगारों के लिए राहत के द्वार खोले हैं.
कर्मचारियों ने किया था प्रदर्शन : सफाई कर्मचारी भर्ती में अनुभव प्रमाण पत्र में सक्षम अधिकारी की बाध्यता को खत्म करने की मांग को लेकर कर्मचारी नेता राकेश मीणा के नेतृत्व में मंगलवार को बेरोजगारों ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के आवास का घेराव किया था. इस पर फैसला लेते हुए बुधवार को डीएलबी डायरेक्टर हृदेश शर्मा की ओर से संशोधित विज्ञप्ति जारी की गई है. संशोधित विज्ञप्ति के अनुसार अब सफाई कर्मचारियों के पदों पर प्राइवेट स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल, होटल, फैक्ट्री, मॉल, शॉप और घरों में सफाई का काम करने वाले सफाई कर्मचारी भी भाग ले सकेंगे.
सक्षम अधिकारी के प्रमाण पत्र की शर्त हटी : अब तक सफाई कर्मचारी के पद पर अप्लाई करने के लिए उम्मीदवारों को किसी नगर पालिका, केंद्र या राज्य सरकार के विभाग, सरकारी-अर्द्ध सरकारी संस्थानों में सफाई कर्मचारी के रूप में काम करने का 1 साल का एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट का नियम था. इसमें भी सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर को अनिवार्य किया गया था, जिसमें संशोधन करते हुए अब बेरोजगारों को राहत दी गई है.
वाल्मीकि समाज को भी नहीं कोई एतराज : वाल्मीकि समाज सफाई श्रमिक संघ ने भी संशोधित विज्ञप्ति पर कोई एतराज नहीं जताया है. संगठन के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने कहा कि सक्षम अधिकारी की बाध्यता को खत्म करने से 2018 से पहले मस्टरोल और बीट पर काम कर चुके सफाई कर्मचारियों को वरीयता मिलेगी, हालांकि उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि निगम के साथ पूर्व में काम कर चुके कर्मचारियों को वरीयता नहीं दी जाती, तो आंदोलन भी किया जाएगा.