जयपुरः जयपुर विकास प्राधिकरण अगले महीने एक बार फिर तीन आवासीय योजनाएं लाने की योजना बना रहा है, ताकि राजस्थान के निवासियों को विवाद रहित सरकारी योजनाओं में भूखंड मिल सके. ये कहना है प्रदेश के यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा का. मंत्री खर्रा शुक्रवार को जेडीए की अटल विहार आवासीय योजना की लॉटरी के लिए जेडीए पहुंचे. इस दौरान खर्रा ने आगामी नई योजनाओं का जिक्र किया. साथ ही कहा कि 1974 से 1976 के कालखंड के बाद लोगों में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने का लालच बढ़ा.
जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से नवसृजित अटल विहार आवासीय योजना की लॉटरी 14 फरवरी को यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा की मौजूदगी में नागरिक सेवा केंद्र में लॉटरी निकाली गई. खुद मंत्री ने लॉटरी के सीड नंबर के लिए टोकन भी निकाला और कंप्लीट सीड नंबर मिलने के बाद लैपटॉप पर एंटर दबाते हुए लॉटरी भी निकाली. इस अवसर पर यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि राजस्थान सरकार ने अपने कार्यकाल का एक वर्ष पूर्ण होने पर जयपुर विकास प्राधिकरण के माध्यम से तीन आवासीय योजनाओं की शुरुआत की थी. उनमें से एक अटल विहार योजना में भूखंडों के आवंटन की लॉटरी निकाली गई है.
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कई शिकायतें मिलीः उन्होंने कहा कि बीते 1 साल में निजी व्यक्तियों की ओर से और आवासीय सहकारी समितियां के माध्यम से जो योजनाएं विकसित हुई, उनके बारे में बहुत सारी शिकायतें प्राप्त हुई. इस पर राज्य सरकार के स्तर पर ये निर्णय लिया गया कि जेडीए सहित राजस्थान के सभी शहरी निकायों को इस दिशा में काम करना चाहिए. प्रदेश की जनता को विवाद रहित भूखंड उचित मूल्य पर प्राप्त हो, इसके लिए आवासीय योजना का सृजन करके उन्हें आवंटित करने की शुरूआत की गई है. इसी के तहत अटल विहार योजना की लॉटरी निकाली है और अगले महीने तीन और योजनाएं लेकर के आएंगे. यूडीएच मंत्री ने स्पष्ट किया कि जेडीए की तीन और योजनाओं में मूलभूत सुविधाएं सृजित करने का काम तेजी से चल रहा है.
हटा रहे हैं अतिक्रमणः इस दौरान यूडीएच मंत्री ने सरकारी जमीनों पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर कहा कि 1974 से पहले सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण बहुत कम हुआ करते थे, लेकिन 1974 से 1976 के कालखंड के बाद आम लोगों के मन में लालच ज्यादा बढ़ा और बहुत से लोग सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने को तत्पर होने लगे. जेडीए और शहरी निकाय सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटा रहे हैं. धीरे-धीरे लोगों के मन में ये भाव उत्पन्न हो रहा है कि अब गलती करेंगे तो किसी न किसी दिन आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा.
सफल आवेदकों तक पहुंचा मैसेजः वहीं, जेडीसी आनंदी ने बताया कि जो आवेदक इस प्रक्रिया में सफल रहे हैं, उनके पास जेडीए की ओर से एक मैसेज पहुंचा है. इसके साथ ही पोर्टल पर एक लेटर भी मिलेगा, सफल आवंटियों को दस्तावेजों के साथ जोन 12 में पहुंचना होगा. ये पूरी प्रक्रिया 21 दिन में संपन्न होनी होती है, ऐसे में अंतिम 6 और 7 मार्च को निगम परिसर में ही एक कैंप भी लगाया जाएगा. डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद एक डिमांड नोट निकाला जाएगा, जिसमें जेडीए में कितना पैसा जमा कराना है, इसका पूरा विवरण रहेगा. पैसा जमा कराने के बाद पट्टे की कार्रवाई की जाएगी. कोशिश ये है कि एक महीने के अंदर जो आवेदक असफल रहे हैं उन्हें रिफंड कर दिया जाएगा.
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वहीं, नई योजनाओं के संबंध में उन्होंने कहा कि नई योजनाओं की पूरी डिटेल 20 फरवरी को जारी की जाएगी और उन नई योजनाओं की लॉटरी भी एक से डेढ़ महीने में निकाल दी जाएगी. वहीं, लॉटरी को लेकर उन्होंने स्पष्ट कहा कि ये जेडीए का सॉफ्टवेयर है, आज तक की सभी लॉटरी इसी के जरिए निकाली गई है. इसकी डीओआईटी सिक्योरिटी ऑडिट भी हुई है, उसका सर्टिफिकेट भी उनके पास में है.
वहीं, इससे पहले उन्होंने कहा कि काफी लंबे अरसे बाद जेडीए की ओर से योजना लॉन्च की गई है. जेडीए की संयुक्त टीम ने पूरी मेहनत करके योजना की भूमि से अतिक्रमण हटाकर इस योजना का सृजन किया. इस योजना की बेहतर प्लानिंग करके ये स्कीम लॉन्च की गई. इसके अलावा अन्य उपायुक्तों की ओर से भी नई योजनाएं सृजित करने के प्रयास किए जा रहे हैं.
आपको बता दें कि जेडीए की ओर से जोन-12 में कालवाड़ रोड पर चक पीथावास उर्फ नारी का बास में अटल विहार आवासीय योजना विकसित की गई है. योजना में कुल 284 भूखण्ड हैं. इस योजना में ईडब्ल्यूएस कैटेगरी 45 वर्गमीटर तक के भूखण्डों की संख्या 43, एलआईजी कैटेगरी 46-75 वर्गमीटर तक के भूखण्डों की संख्या 99, एमआईजी - ए 76-120 वर्गमीटर तक के भूखण्डों की संख्या 11 है. साथ ही एमआईजी - बी 121-220 वर्गमीटर तक के भूखण्डों की संख्या 96 और एचआईजी 220 वर्ग मीटर से अधिक भूखण्डों की संख्या 35 है. इनका आवंटन लॉटरी के माध्यम से किया गया है.