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घर में कोई सरकारी कर्मचारी नहीं, फिर भी एसडीएम ने थमाया 33 हजार की वसूली का नोटिस

जयपुर में जनसुनवाई का आयोजन हुआ. इस दौरान एक फरियादी को रसद विभाग (Recovery notice of 33 thousand to Family) की ओर से 1230 किलो गेहूं की वसूली का 33 हजार रुपये का नोटिस थमाने का मामला सामने आया. साथ ही परिवार के मुखिया से मामले को रफा-दफा करने की एवज में पैसे भी मांगे गए.

Public Hearing in Jaipur
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Published : Nov 17, 2022, 5:29 PM IST

जयपुर. जिला परिषद के सभागार में गुरुवार को जिला स्तरीय जनसुनवाई हुई. इस जनसुनवाई में अलग-अलग फरियादी (Public Hearing in Jaipur) अपनी समस्याओं को लेकर जिला कलेक्टर के पास पहुंचे. जनसुनवाई में कुल 138 शिकायतें दर्ज की गईं. इनमें से 11 का हाथों-हाथ समाधान कर परिवादियों को लाभ दिया गया. वहीं एक मामला ऐसा भी आया जहां फरियादी के घर गेहूं की वसूली का 33 हजार रुपये का नोटिस भेज दिया गया.

जमवारामगढ़ निवासी रमेश कुमार गुर्जर अपनी फरियाद लेकर जनसुनवाई में पहुंचे थे. रमेश गुर्जर ने बताया कि उसके परिवार में न तो वो खुद और न ही कोई सदस्य सरकारी कर्मचारी है. इसके बावजूद भी उपखंड अधिकारी ने उनके घर 1230 किलो गेहूं की वसूली का 33 हजार रुपये का नोटिस भेज दिया. रमेश गुर्जर ने बताया कि नोटिस के बाद उसके परिवार को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा का लाभ मिलना भी बंद हो गया. पिछले कई महीनों से वह इस संबंध में विभागों के चक्कर काट रहा है, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई. दो बार जिला स्तरीय जनसुनवाई में भी वे गुहार लगा चुके हैं.

एसडीएम ने थमाया 33 हजार की वसूली का नोटिस.

पढ़ें. कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष ने जनसुनवाई पर उठाए सवाल, कहा- अधिकारी काम नहीं कर रहे, मुख्यमंत्री गहलोत को बदनाम करने की रच रहे साजिश

रसद विभाग पर लापरवाही का आरोप : रमेश गुर्जर ने आरोप लगाया कि मामले को रफा-दफा करने के लिए उनसे पैसे की भी मांग (Recovery notice of 33 thousand to Family) की गई. रमेश ने बताया कि उसके परिवार में 6 सदस्य हैं और रसद विभाग ने सातवां सदस्य जोड़कर यह नोटिस उन्हें थमा दिया. उसने बताया कि वकील की ओर से भी उसने नोटिस भेजे लेकिन विभाग ने उसका भी आज तक कोई जवाब नहीं दिया. रमेश गुर्जर ने बताया कि कोरोना काल में उनकी पत्नी की तबीयत भी खराब हो गई, 1 लाख रुपये का भी खर्चा आया. उस रकम का ब्याज वह आज तक दे रहा है.

उसने बताया कि एनएफएसए में नाम नहीं होने पर उसे चिरंजीवी योजना का भी लाभ नहीं मिल पा रहा. रमेश गुर्जर ने बताया कि सचिव पटवारी और राशन डीलर ने मिलकर उसका नाम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से हटा दिया. उसने आरोप लगाया कि मामले को रफा-दफा करने और एनएफएसए में वापस नाम जोड़ने की एवज में उनसे 15000 भी मांगे जा रहे हैं.

दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश : इस मामले को लेकर प्रकाश राजपुरोहित ने कहा कि पीड़ित को स्वास्थ्य योजना का लाभ देने के लिए उसका नाम चिरंजीवी योजना में जोड़ने के निर्देश दे दिए गए हैं. साथ ही उसने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में जोड़ने के लिए ऑनलाइन अप्लाई किया है, उससे ऑनलाइन गाइड किया गया है. जिला कलेक्टर ने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है कि किस स्तर पर गलती हुई है और दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ जरूर कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें. शहर की सफाई पर मंत्री विश्वेंद्र सिंह का बयान, BJP की गंदगी हटाने में लग गए दो साल

जनसुनवाई में मनोहरपुर से आई उर्मिला ने कलेक्टर से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास देने की मांग की. उर्मिला ने कहा कि वह किराये के मकान में बच्चों के साथ रहती है. उसके पास कमाने का कोई मूल साधन नहीं है. मजदूरी करके बच्चों का पालन पोषण करती है. उर्मिला ने कहा कि वह पहले भी कई बार जनसुनवाई में आ चुकी है, लेकिन उसे अनदेखा किया जा रहा.

जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि जनसुनवाई में नगर निगम, पंचायती राज, पीडब्ल्यूडी, बिजली विभाग, पीएचईडी, पुलिस व अन्य विभागों से जुड़ी हुई शिकायतें परिवादी लेकर आए और संबंधित अधिकारियों को उन शिकायतों का समाधान करने के निर्देश भी दिए गए हैं. स्थानीय स्तर पर समस्याओं के समाधान नहीं होने के सवाल पर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने कहा कि स्थानीय स्तर पर समस्याओं का समाधान लगातार किया जा रहा है। कुछ समस्याएं टिपिकल होती है जो जिला स्तर की जनसुनवाई में आती है। जिला स्तर पर 138 समस्याओं का आना यह बताता है कि स्थानीय स्तर पर भी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है।

जयपुर. जिला परिषद के सभागार में गुरुवार को जिला स्तरीय जनसुनवाई हुई. इस जनसुनवाई में अलग-अलग फरियादी (Public Hearing in Jaipur) अपनी समस्याओं को लेकर जिला कलेक्टर के पास पहुंचे. जनसुनवाई में कुल 138 शिकायतें दर्ज की गईं. इनमें से 11 का हाथों-हाथ समाधान कर परिवादियों को लाभ दिया गया. वहीं एक मामला ऐसा भी आया जहां फरियादी के घर गेहूं की वसूली का 33 हजार रुपये का नोटिस भेज दिया गया.

जमवारामगढ़ निवासी रमेश कुमार गुर्जर अपनी फरियाद लेकर जनसुनवाई में पहुंचे थे. रमेश गुर्जर ने बताया कि उसके परिवार में न तो वो खुद और न ही कोई सदस्य सरकारी कर्मचारी है. इसके बावजूद भी उपखंड अधिकारी ने उनके घर 1230 किलो गेहूं की वसूली का 33 हजार रुपये का नोटिस भेज दिया. रमेश गुर्जर ने बताया कि नोटिस के बाद उसके परिवार को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा का लाभ मिलना भी बंद हो गया. पिछले कई महीनों से वह इस संबंध में विभागों के चक्कर काट रहा है, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई. दो बार जिला स्तरीय जनसुनवाई में भी वे गुहार लगा चुके हैं.

एसडीएम ने थमाया 33 हजार की वसूली का नोटिस.

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रसद विभाग पर लापरवाही का आरोप : रमेश गुर्जर ने आरोप लगाया कि मामले को रफा-दफा करने के लिए उनसे पैसे की भी मांग (Recovery notice of 33 thousand to Family) की गई. रमेश ने बताया कि उसके परिवार में 6 सदस्य हैं और रसद विभाग ने सातवां सदस्य जोड़कर यह नोटिस उन्हें थमा दिया. उसने बताया कि वकील की ओर से भी उसने नोटिस भेजे लेकिन विभाग ने उसका भी आज तक कोई जवाब नहीं दिया. रमेश गुर्जर ने बताया कि कोरोना काल में उनकी पत्नी की तबीयत भी खराब हो गई, 1 लाख रुपये का भी खर्चा आया. उस रकम का ब्याज वह आज तक दे रहा है.

उसने बताया कि एनएफएसए में नाम नहीं होने पर उसे चिरंजीवी योजना का भी लाभ नहीं मिल पा रहा. रमेश गुर्जर ने बताया कि सचिव पटवारी और राशन डीलर ने मिलकर उसका नाम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से हटा दिया. उसने आरोप लगाया कि मामले को रफा-दफा करने और एनएफएसए में वापस नाम जोड़ने की एवज में उनसे 15000 भी मांगे जा रहे हैं.

दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश : इस मामले को लेकर प्रकाश राजपुरोहित ने कहा कि पीड़ित को स्वास्थ्य योजना का लाभ देने के लिए उसका नाम चिरंजीवी योजना में जोड़ने के निर्देश दे दिए गए हैं. साथ ही उसने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में जोड़ने के लिए ऑनलाइन अप्लाई किया है, उससे ऑनलाइन गाइड किया गया है. जिला कलेक्टर ने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है कि किस स्तर पर गलती हुई है और दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ जरूर कार्रवाई की जाएगी.

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जनसुनवाई में मनोहरपुर से आई उर्मिला ने कलेक्टर से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास देने की मांग की. उर्मिला ने कहा कि वह किराये के मकान में बच्चों के साथ रहती है. उसके पास कमाने का कोई मूल साधन नहीं है. मजदूरी करके बच्चों का पालन पोषण करती है. उर्मिला ने कहा कि वह पहले भी कई बार जनसुनवाई में आ चुकी है, लेकिन उसे अनदेखा किया जा रहा.

जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि जनसुनवाई में नगर निगम, पंचायती राज, पीडब्ल्यूडी, बिजली विभाग, पीएचईडी, पुलिस व अन्य विभागों से जुड़ी हुई शिकायतें परिवादी लेकर आए और संबंधित अधिकारियों को उन शिकायतों का समाधान करने के निर्देश भी दिए गए हैं. स्थानीय स्तर पर समस्याओं के समाधान नहीं होने के सवाल पर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने कहा कि स्थानीय स्तर पर समस्याओं का समाधान लगातार किया जा रहा है। कुछ समस्याएं टिपिकल होती है जो जिला स्तर की जनसुनवाई में आती है। जिला स्तर पर 138 समस्याओं का आना यह बताता है कि स्थानीय स्तर पर भी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है।

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