जयपुर. राजधानी जयपुर के नाहरगढ़ की तलहटी में माउंट रोड पर भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर, ब्रह्म राम मंदिर और श्री राम आश्रम के नाम से भी जाना जाता है. हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु नयनाभिराम स्वरूप का दर्शन करने पहुंचते हैं. गुरुवार को रामनवमी के अवसर पर मंदिर में सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक हवन-यज्ञ किया गया. पूर्णाहुति के बाद भगवान श्री राम की महाआरती की गई.
मंदिर के पंडित रमेश शर्मा ने बताया कि श्री ब्रह्म राम मंदिर में भगवान श्री राम माया से विरक्त ब्रह्म स्वरूप में विराजमान हैं. वाल्मीकि रामायण और अन्य शास्त्रों में भी इसका वर्णन है कि 'एको ब्रह्म, द्वितीयो नास्ति' यानी ईश्वर एक ही है, बाकी सभी नाशवान है. उन्होंने बताया कि भगवान के इस स्वरूप के साथ करीब 30 वर्ष पहले बाबा लक्ष्मण दास जी की बगीचा में मंदिर का निर्माण किया गया था. मंदिर महंत ऋषि कुमार के सानिध्य में इस मंदिर की नींव रखी गई थी.
उन्होंने बताया कि मंदिर का आंतरिक हिस्सा कांच की कारीगरी से तैयार किया गया है, जबकि बाहर सुंदर बगीचा है. इस मंदिर में भगवान श्री राम के साथ सिर्फ उनके परम भक्त हनुमान विराजित हैं. उन्होंने बताया कि यहां हर दिन सुबह से भक्तों का जमावड़ा लगना शुरू होता है. स्थानीय महिलाएं नियमित रूप से भगवान के समक्ष भजन-कीर्तन करती हैं.
श्रद्धालु योगेंद्र ने बताया कि ये बाबा लक्ष्मण दास जी महाराज का प्राचीनतम स्थान है, जहां 30 वर्ष पहले ब्रह्म राम मंदिर बनाया गया. इस मंदिर में दर्शन के लिए दूरदराज से भी लोग पहुंचते हैं. बीते 25 साल से रामनवमी के अवसर पर सूर्योदय से सूर्यास्त तक यज्ञ होता आया है. इसमें गणेश सहस्त्रनाम, राम रक्षा स्त्रोत, सीताराम युगल सहस्त्रनाम, हनुमान सहस्त्रनाम, गुरु सहस्रनाम के बाद पूर्णाहुति होती है.
श्रद्धालु नीता रावत ने बताया कि वो करीब 28 वर्ष से नियमित मंदिर आ रही हैं. वह दिल्ली से हर सप्ताह मंदिर आती हैं. उन्होंने बताया कि यहां भगवान के समक्ष जो भी मन्नत मांगी, वो पूरी हुई हैं. मंदिर में भगवान श्री राम की खूबसूरत प्रतिमा है. एक अन्य श्रद्धालु चंपा देवी ने बताया कि वो 30 साल से नियमित इस मंदिर में भगवान की सेवा और पूजा के लिए आ रही हैं. यहां भजन कीर्तन के लिए अन्य महिलाएं भी नियमित आती हैं. रामनवमी के मौके पर ब्रह्म राम मंदिर में भी विशेष साज-सज्जा की गई है.