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विधायक गोपाल शर्मा को मिला रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण, की थी मंदिर आंदोलन की कवरेज

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 9, 2024, 6:13 PM IST

22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान देशभर से 7000 लोग विशेष बुलावे पर अयोध्या पहुंचेंगे. जयपुर की सिविल लाइन विधानसभा क्षेत्र से विधायक गोपाल शर्मा को भी इस भव्य समारोह का आमंत्रण मिला है. शर्मा अपने पत्रकारिता के जीवन की उपलब्धि के आधार पर इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. इनविटेशन कार्ड को 'अनादिक निमंत्रण' का नाम दिया गया है.

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गोपाल शर्मा को मिला रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण.

जयपुर. अयोध्या में 22 जनवरी को एक भव्य और अभूतपूर्व समारोह के साथ रामलला की मूर्ति स्थापित की जाएगी. इस दौरान मंदिर के मुख्य गर्भ गृह में पांच लोग मौजूद रहेंगे, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास. दोपहर 12:20 बजे के शुभ मुहूर्त पर रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी.

देशभर से करीब 7000 लोग राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा आयोजन कार्यक्रम में शामिल होंगे, जिनका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मंदिर आंदोलन से जुड़ाव रहा है. इन सभी को अंग्रेजी या हिंदी में छापे गए निमंत्रण पत्र भेजे गए हैं. जयपुर के विधायक गोपाल शर्मा को भी ऐसा ही एक निमंत्रण पत्र मिला है. बताया जा रहा है कि महानायक अमिताभ बच्चन, भारत रत्न सचिन तेंदुलकर और क्रिकेटर विराट कोहली के अलावा उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडानी को भी इस तरह का निमंत्रण पत्र भेजा गया है. यहां आने वाले 7000 मेहमानों की फेहरिस्त में साधु-संत और विदेशी नागरिक भी शामिल हैं. ट्रस्ट ने देश भर से 4,000 संतों को भी आमंत्रित किया है. राम मंदिर आंदोलन के दौरान बलिदान देने वाले 50 कारसेवकों के परिवार के सदस्यों को भी आमंत्रित किया गया है. इसके अलावा न्यायाधीशों, वैज्ञानिकों, लेखकों और कवियों को भी निमंत्रण भेजा गया है. प्रसिद्ध धारावाहिक "रामायण" में भगवान राम और सीता की भूमिका निभाने वाले अभिनेता अरुण गोविल और दीपिका को भी आमंत्रित किया गया है.

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह
गोपाल शर्मा पास मौजूद मंदिर का अवशेष

इसे भी पढ़ें-रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले कैसा दिख रहा भव्य मंदिर, देखिए ट्रस्ट की ओर से जारी ताजा तस्वीरें

राम मंदिर की भव्यता का प्रतीक है निमंत्रण पत्र : राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण पत्र भव्य नजर आता है, जिसमें सुनहरे रंग की लिफाफे में ऊपर और अंदर राम मंदिर की छवि को अंकित किया गया है. निमंत्रण पत्र के ऊपर युवा भगवान राम की तस्वीर लगी है. खास तौर पर डिजाइन किए गए इस कार्ड में एक छोटी किताब भी है, जिसमें राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े प्रमुख लोगों के संघर्ष का जिक्र करते हुए उनका परिचय दिया गया है. मुख्य निमंत्रण कार्ड के कवर पर आगामी राम मंदिर की एक शानदार तस्वीर है और इसके नीचे 'श्री राम धाम' और उसके नीचे 'अयोध्या' छापा गया है. इसके कवर पर अपूर्व अनादि निमंत्रण भी लिखा गया है. हर एक निमंत्रण पत्र में "प्राण प्रतिष्ठा" का कार्यक्रम, राम जन्मभूमि आंदोलन की यात्रा और आंदोलन में भूमिका निभाने वाली शख्सियत पर एक लघु पुस्तक रखी गई है.

निमंत्रण में सुरक्षा और सुविधाओं का पूरा ख्याल : विधायक गोपाल शर्मा का दावा है कि इस निमंत्रण पत्र में सुविधाओं के साथ-साथ सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा गया है. आने वाले मेहमानों को ठहरने और कार्यक्रम स्थल तक पहुंचाने के मार्ग की जानकारी तक इस निमंत्रण पत्र के जरिए दी गई है. यहां तक कि इस निमंत्रण पत्र में आने वाले वाहनों के लिए एक पास जारी करते हुए बारकोड और कोड नंबर तक दिए गए हैं, जो यह वाहन के अनुसार लागू होंगे. इन्हें किसी और व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता है. गोपाल शर्मा अपनी पत्रकारिता से लेकर राम मंदिर आंदोलन पर खुद के द्वारा लिखी गई किताब कारसेवा से कारसेवा तक के सफर को याद करते हुए बताते हैं कि विधायक होने से पहले उनकी इन दो उपलब्धियों के दम पर आज यह निमंत्रण उन तक पहुंचा है. उन्हें इस क्षण में साक्षी होने पर गौरवान्वित महसूस होगा. गोपाल शर्मा बताते हैं कि उन्होंने किसी की प्रेरणा से राम मंदिर आंदोलन को लेकर पुस्तक लिखी थी. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने कवरेज से पहले के एक किस्से का जिक्र करते हुए बताया था, कि कैसे उन्हें बेमन से इस मंदिर आंदोलन की कवरेज के लिए भेजा गया. जो उनके जीवन का महत्वपूर्ण क्षण बना.

राम मंदिर की यादों को संजोया विधायक शर्मा ने : पहले पत्रकार और फिर विधायक बने गोपाल शर्मा बताते हैं कि जिस समय राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी, तब जन्मभूमि के आसपास मंदिर के प्रमाण तलाश किए जा रहे थे. इस दौरान पुरातत्व विभाग और विशेषज्ञों की टीम खुदाई में मंदिर के अवशेष प्राप्त करने में कामयाब रही थी. गोपाल शर्मा का दावा है कि करीब 2000 साल पुरानी इस विरासत को मिट्टी में दबा दिया गया था. जिसके प्रमाण स्वरूप एक अवशेष खंड उनके पास अभी भी मौजूद है. गोपाल शर्मा ने इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि मंदिर निर्माण पूरा होने के बाद इस अवशेष को वह मंदिर को भेंट स्वरूप देना चाहेंगे, ताकि वहां आने वाले दर्शनार्थी हजारों साल पुरानी अपनी विरासत के बारे में जानकार गौरवान्वित महसूस कर सकें.

गोपाल शर्मा को मिला रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण.

जयपुर. अयोध्या में 22 जनवरी को एक भव्य और अभूतपूर्व समारोह के साथ रामलला की मूर्ति स्थापित की जाएगी. इस दौरान मंदिर के मुख्य गर्भ गृह में पांच लोग मौजूद रहेंगे, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास. दोपहर 12:20 बजे के शुभ मुहूर्त पर रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी.

देशभर से करीब 7000 लोग राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा आयोजन कार्यक्रम में शामिल होंगे, जिनका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मंदिर आंदोलन से जुड़ाव रहा है. इन सभी को अंग्रेजी या हिंदी में छापे गए निमंत्रण पत्र भेजे गए हैं. जयपुर के विधायक गोपाल शर्मा को भी ऐसा ही एक निमंत्रण पत्र मिला है. बताया जा रहा है कि महानायक अमिताभ बच्चन, भारत रत्न सचिन तेंदुलकर और क्रिकेटर विराट कोहली के अलावा उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडानी को भी इस तरह का निमंत्रण पत्र भेजा गया है. यहां आने वाले 7000 मेहमानों की फेहरिस्त में साधु-संत और विदेशी नागरिक भी शामिल हैं. ट्रस्ट ने देश भर से 4,000 संतों को भी आमंत्रित किया है. राम मंदिर आंदोलन के दौरान बलिदान देने वाले 50 कारसेवकों के परिवार के सदस्यों को भी आमंत्रित किया गया है. इसके अलावा न्यायाधीशों, वैज्ञानिकों, लेखकों और कवियों को भी निमंत्रण भेजा गया है. प्रसिद्ध धारावाहिक "रामायण" में भगवान राम और सीता की भूमिका निभाने वाले अभिनेता अरुण गोविल और दीपिका को भी आमंत्रित किया गया है.

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह
गोपाल शर्मा पास मौजूद मंदिर का अवशेष

इसे भी पढ़ें-रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले कैसा दिख रहा भव्य मंदिर, देखिए ट्रस्ट की ओर से जारी ताजा तस्वीरें

राम मंदिर की भव्यता का प्रतीक है निमंत्रण पत्र : राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण पत्र भव्य नजर आता है, जिसमें सुनहरे रंग की लिफाफे में ऊपर और अंदर राम मंदिर की छवि को अंकित किया गया है. निमंत्रण पत्र के ऊपर युवा भगवान राम की तस्वीर लगी है. खास तौर पर डिजाइन किए गए इस कार्ड में एक छोटी किताब भी है, जिसमें राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े प्रमुख लोगों के संघर्ष का जिक्र करते हुए उनका परिचय दिया गया है. मुख्य निमंत्रण कार्ड के कवर पर आगामी राम मंदिर की एक शानदार तस्वीर है और इसके नीचे 'श्री राम धाम' और उसके नीचे 'अयोध्या' छापा गया है. इसके कवर पर अपूर्व अनादि निमंत्रण भी लिखा गया है. हर एक निमंत्रण पत्र में "प्राण प्रतिष्ठा" का कार्यक्रम, राम जन्मभूमि आंदोलन की यात्रा और आंदोलन में भूमिका निभाने वाली शख्सियत पर एक लघु पुस्तक रखी गई है.

निमंत्रण में सुरक्षा और सुविधाओं का पूरा ख्याल : विधायक गोपाल शर्मा का दावा है कि इस निमंत्रण पत्र में सुविधाओं के साथ-साथ सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा गया है. आने वाले मेहमानों को ठहरने और कार्यक्रम स्थल तक पहुंचाने के मार्ग की जानकारी तक इस निमंत्रण पत्र के जरिए दी गई है. यहां तक कि इस निमंत्रण पत्र में आने वाले वाहनों के लिए एक पास जारी करते हुए बारकोड और कोड नंबर तक दिए गए हैं, जो यह वाहन के अनुसार लागू होंगे. इन्हें किसी और व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता है. गोपाल शर्मा अपनी पत्रकारिता से लेकर राम मंदिर आंदोलन पर खुद के द्वारा लिखी गई किताब कारसेवा से कारसेवा तक के सफर को याद करते हुए बताते हैं कि विधायक होने से पहले उनकी इन दो उपलब्धियों के दम पर आज यह निमंत्रण उन तक पहुंचा है. उन्हें इस क्षण में साक्षी होने पर गौरवान्वित महसूस होगा. गोपाल शर्मा बताते हैं कि उन्होंने किसी की प्रेरणा से राम मंदिर आंदोलन को लेकर पुस्तक लिखी थी. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने कवरेज से पहले के एक किस्से का जिक्र करते हुए बताया था, कि कैसे उन्हें बेमन से इस मंदिर आंदोलन की कवरेज के लिए भेजा गया. जो उनके जीवन का महत्वपूर्ण क्षण बना.

राम मंदिर की यादों को संजोया विधायक शर्मा ने : पहले पत्रकार और फिर विधायक बने गोपाल शर्मा बताते हैं कि जिस समय राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी, तब जन्मभूमि के आसपास मंदिर के प्रमाण तलाश किए जा रहे थे. इस दौरान पुरातत्व विभाग और विशेषज्ञों की टीम खुदाई में मंदिर के अवशेष प्राप्त करने में कामयाब रही थी. गोपाल शर्मा का दावा है कि करीब 2000 साल पुरानी इस विरासत को मिट्टी में दबा दिया गया था. जिसके प्रमाण स्वरूप एक अवशेष खंड उनके पास अभी भी मौजूद है. गोपाल शर्मा ने इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि मंदिर निर्माण पूरा होने के बाद इस अवशेष को वह मंदिर को भेंट स्वरूप देना चाहेंगे, ताकि वहां आने वाले दर्शनार्थी हजारों साल पुरानी अपनी विरासत के बारे में जानकार गौरवान्वित महसूस कर सकें.

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