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'राम' हजारों साल पुरानी भारत की सनातन संस्कृति के प्रतीक और संवाहक, वैष्णव संत समाज ने 11 लाख रुपए दी सहायता राशि

जयपुर के कोटपूतली क्षेत्र में मानदास श्री वैष्णव संत समाज सत्ताईसा मंडल समिति के संत-महंतों ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण निधि समर्पण अभियान में सौंपी 11 लाख रुपयों की सहयोग राशि. वहीं इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण निधि समर्पण महाभियान निरन्तर जारी रहेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीरामचन्द्र जी हजारों साल पुरानी भारतवर्ष की सनातन संस्कृति के प्रतीक और संवाहक हैं.

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संत-महंतों ने की सहायता...
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Published : Feb 4, 2021, 9:33 AM IST

कोटपूतली (जयपुर). श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण निधि समर्पण अभियान के अंतर्गत क्षेत्र के श्री वैष्णव संत समाज का सत्ताईसा मंडल समिति की बैठक बुधवार को कस्बा स्थित नागाजी की गौर मंदिर में मंडल अध्यक्ष महंत श्री मानदास जी महाराज की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई. इसमें अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण कार्यक्रम का आयोजन हुआ.

इस दौरान समस्त संत समाज ने सामूहिक रूप से 11 लाख रुपयों की राशि श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए समर्पित की. वहीं संत समाज की ओर से उक्त राशि विहिप जिला प्रमुख पूरणमल भरगड़ को सुपुर्द की गई. वहीं कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए महंत श्री मानदास जी महाराज ने कहा कि मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीरामचन्द्र जी हजारों वर्ष पूरानी भारतवर्ष की सनातन संस्कृति के प्रतीक और संवाहक है.

इसके साथ ही उन्होंने भगवान श्रीराम को भारतीय संस्कृति का आधार बताते हुए कहा कि अयोध्या में बन रहा राम मंदिर न केवल एक मंदिर है. बल्कि यह हमारी धर्म संस्कृति का एक प्रमुख केंद्र निर्मित हो रहा है, जिसके माध्यम से धर्म क्षेत्र में बहुत बड़ा काम होना है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर के रूप में बन रहे इस राष्ट्र मंदिर के निर्माण में योगदान करना देश में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है. वहीं उन्होंने कहा कि अपनी सामर्थ्य के अनुरूप समाज का हर वर्ग इस अभियान में अपना समर्पण दे रहा है. उसी चरण में संत समाज के रूप में सत्ताईसा मंडल के हम सभी संत इस अभियान में अपना समर्पण योगदान दे रहे हैं.

यह भी पढ़ें: फिर महंगाई की मार : घरेलू सिलेंडर पर 25 रुपये महंगा, पेट्रोल-डीजल के दाम भी बढ़ाए

इसके साथ ही निम्बार्क आश्रम बड़नगर के महंत ज्ञानदास महाराज और नागाजी मंदिर के महंत मक्खनदास महाराज ने कहा कि निधि समर्पण का यह अभियान देश के सांस्कृतिक गौरव को पुन: विश्व गुरु के रूप में स्थापित करेगा और मर्यादाओं की स्थापना के माध्यम से समाज में रामत्व का भाव जाग्रित कर रामराज्य के संकल्प को साकार करेगा. वहीं इस दौरान महंत मानदास महाराज ने 1 लाख, इसके साथ ही ज्ञानदास महाराज ज्ञानपुरा ने 1 लाख, मक्खनदास महाराज नागाजी की गोर ने 1 लाख, रामरतन दास महाराज चतुर्भुज ने 1 लाख, गुरुदास महाराज बखराना ने 1 लाख रुपए, सांडेल मंदिर के महंत गिरधारी दास और भाड़ास मंदिर के महंत कालिदास महाराज ने इक्यावन इक्यावन हजार रुपए का सहयोग समर्पण राशि का सहयोग किया.

वहीं इस अवसर पर उपस्थित सभी संतों ने समर्पण अभियान में समाज के हर व्यक्ति से समर्पण में भागीदारी निभाने का आह्वान किया. वहीं अभियान प्रमुख पूरणमल भरगड ने बताया कि क्षेत्र में लोग बढ़ चढ़ कर इस अभियान में भाग ले रहे हैं. वहीं दूसरे चरण का कार्य भी शुरु हो गया है. इसके साथ ही कार्यकर्ता अब कूपनों के माध्यम से घर घर धन संग्रह कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का अभियान कि ओर से मूल उद्धेश्य हिन्दू समाज के प्रत्येक घर से चंदा एकत्रित करने का है, ताकि राम मंदिर एक राष्ट्र मंदिर के प्रतीक के रूप में उभरे. वहीं इस मौके पर रामचरण दास, रामलखन दास, सुरजनदास, रामदास लीलका धाम, ओंकार दास बागावास, श्रवणदास, रामेश्वरदास समेत अनेक साधु-संत मौजूद रहे.

कोटपूतली (जयपुर). श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण निधि समर्पण अभियान के अंतर्गत क्षेत्र के श्री वैष्णव संत समाज का सत्ताईसा मंडल समिति की बैठक बुधवार को कस्बा स्थित नागाजी की गौर मंदिर में मंडल अध्यक्ष महंत श्री मानदास जी महाराज की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई. इसमें अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण कार्यक्रम का आयोजन हुआ.

इस दौरान समस्त संत समाज ने सामूहिक रूप से 11 लाख रुपयों की राशि श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए समर्पित की. वहीं संत समाज की ओर से उक्त राशि विहिप जिला प्रमुख पूरणमल भरगड़ को सुपुर्द की गई. वहीं कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए महंत श्री मानदास जी महाराज ने कहा कि मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीरामचन्द्र जी हजारों वर्ष पूरानी भारतवर्ष की सनातन संस्कृति के प्रतीक और संवाहक है.

इसके साथ ही उन्होंने भगवान श्रीराम को भारतीय संस्कृति का आधार बताते हुए कहा कि अयोध्या में बन रहा राम मंदिर न केवल एक मंदिर है. बल्कि यह हमारी धर्म संस्कृति का एक प्रमुख केंद्र निर्मित हो रहा है, जिसके माध्यम से धर्म क्षेत्र में बहुत बड़ा काम होना है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर के रूप में बन रहे इस राष्ट्र मंदिर के निर्माण में योगदान करना देश में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है. वहीं उन्होंने कहा कि अपनी सामर्थ्य के अनुरूप समाज का हर वर्ग इस अभियान में अपना समर्पण दे रहा है. उसी चरण में संत समाज के रूप में सत्ताईसा मंडल के हम सभी संत इस अभियान में अपना समर्पण योगदान दे रहे हैं.

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इसके साथ ही निम्बार्क आश्रम बड़नगर के महंत ज्ञानदास महाराज और नागाजी मंदिर के महंत मक्खनदास महाराज ने कहा कि निधि समर्पण का यह अभियान देश के सांस्कृतिक गौरव को पुन: विश्व गुरु के रूप में स्थापित करेगा और मर्यादाओं की स्थापना के माध्यम से समाज में रामत्व का भाव जाग्रित कर रामराज्य के संकल्प को साकार करेगा. वहीं इस दौरान महंत मानदास महाराज ने 1 लाख, इसके साथ ही ज्ञानदास महाराज ज्ञानपुरा ने 1 लाख, मक्खनदास महाराज नागाजी की गोर ने 1 लाख, रामरतन दास महाराज चतुर्भुज ने 1 लाख, गुरुदास महाराज बखराना ने 1 लाख रुपए, सांडेल मंदिर के महंत गिरधारी दास और भाड़ास मंदिर के महंत कालिदास महाराज ने इक्यावन इक्यावन हजार रुपए का सहयोग समर्पण राशि का सहयोग किया.

वहीं इस अवसर पर उपस्थित सभी संतों ने समर्पण अभियान में समाज के हर व्यक्ति से समर्पण में भागीदारी निभाने का आह्वान किया. वहीं अभियान प्रमुख पूरणमल भरगड ने बताया कि क्षेत्र में लोग बढ़ चढ़ कर इस अभियान में भाग ले रहे हैं. वहीं दूसरे चरण का कार्य भी शुरु हो गया है. इसके साथ ही कार्यकर्ता अब कूपनों के माध्यम से घर घर धन संग्रह कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का अभियान कि ओर से मूल उद्धेश्य हिन्दू समाज के प्रत्येक घर से चंदा एकत्रित करने का है, ताकि राम मंदिर एक राष्ट्र मंदिर के प्रतीक के रूप में उभरे. वहीं इस मौके पर रामचरण दास, रामलखन दास, सुरजनदास, रामदास लीलका धाम, ओंकार दास बागावास, श्रवणदास, रामेश्वरदास समेत अनेक साधु-संत मौजूद रहे.

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