जयपुर. सफाई कर्मचारियों के 4500 रिक्त पदों पर भर्ती, इस भर्ती में 2018 से पहले मस्टर रोल पर लगे कर्मचारियों को प्राथमिकता देने और सफाई कर्मचारियों के पदों पर शत प्रतिशत व वाल्मीकि समाज को आरक्षण की मांग को लेकर सफाई कर्मचारियों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सरकार को 3 दिन का समय देते हुए कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर उपयुक्त आश्वासन नहीं दिया जाता, तो 3 दिन बाद वो आंदोलन की राह पर उतरेंगे और शहर को सड़ा देंगे.
संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने सफाई कर्मचारियों की मांगों पर सुनवाई के लिए एक समिति का गठन करने के निर्देश दिए थे. लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद भी ना तो समिति बनी और ना ही सफाई कर्मचारियों की मांगों पर कोई कार्रवाई की गई. जिससे गुस्साए सफाई कर्मचारियों ने सोमवार को अजमेरी गेट से स्वायत्त शासन भवन तक रैली निकाली और स्वायत्त शासन भवन के बाहर धरना (Rally by cleaning workers in Jaipur) दिया.
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सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने कहा कि 4 साल पहले कांग्रेस ने जो वादे किए थे, उन वादों के कारण ही उन्हें जीत दिलाई थी. उन्हीं वादों को याद दिलाते हुए एक बार फिर 4500 रिक्त पदों पर कर्मचारियों की भर्ती की मांग की गई है. उन्होंने स्पष्ट में कहा कि सफाई कर्मचारियों की जो भर्ती होगी, उनमें 2018 से पहले ठेके, बीट और मस्टररोल पर काम करने वाले कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाए.
साथ ही उन्होंने बताया कि 1995 से पहले कोई कर्मचारी 45 वर्ष की आयु के बाद गंभीर बीमारी से पीड़ित हो जाता था, तो उसके परिवार के किसी भी आश्रित को नौकरी लगाई जा सकती थी. दूसरे कई राज्यों में अभी भी यह व्यवस्था लागू है. ऐसे में उन्होंने प्रदेश में इस व्यवस्था को दोबारा लागू करने की भी मांग उठाई है. डंडोरिया ने कहा कि सफाई कर्मचारियों की 17 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन कई बार प्रशासन को दिया जा चुका है.
इन मांगों को यूडीएच मंत्री के सामने भी रखा जा चुका है, लेकिन अब तक ना तो यूडीएच मंत्री के निर्देश के बावजूद कोई कमेटी बनाई गई और ना ही सफाई कर्मचारियों की किसी भी मांग को निस्तारित किया गया है. ऐसे में अब 3 दिन का समय दिया जा रहा है. उसके बाद पहले राजधानी और फिर प्रदेश के सभी सफाई कर्मचारी आंदोलन की राह पर उतरेंगे. उसके बाद जो शहर की स्थिति बनेगी उसका जिम्मेदार प्रशासन और सरकार होगी.
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ये हैं सफाई कर्मचारियों की अन्य प्रमुख मांगे: सफाई कर्मचारियों की भर्ती में वाल्मीकि समाज को शत प्रतिशत आरक्षण दिया जाए. नगरीय निकायों के कर्मचारियों का वेतन राज्य निधि कोष से दिया जाए. सफाई कर्मचारियों की भर्ती नियमों में संशोधन किया जाए. सेवानिवृत्त सफाई कर्मचारियों और मृतक कर्मचारियों के परिजनों को ग्रेच्युएटी, पीएल/पीएफ का भुगतान दिलवाया जाए. 2018 की भर्तियों में लगे सफाई कर्मचारियों को मूल पद पर लगाया जाए. सफाई कर्मचारियों के आरजीएचएस कार्ड बनवाए जाएं.