जयपुर. रक्षाबंधन के दिन भारत-चीन सीमा पर तैनात सैनिकों की कलाई सूनी न रहे, इसके लिए करीब 50 बालिकाओं का दल शुक्रवार को जयपुर से रवाना हुआ. ये राष्ट्रीय रक्षाबंधन यात्रा रक्षाबंधन पर भारत-चीन सीमा माणा पास, बद्रीनाथ, उत्तराखंड पहुंचेगी. दल की ओर से आईटीबीपी के करीब 8 स्थानों पर रक्षा सूत्र बांधकर देश के जवानों के प्रति प्रेम और आभार जताते हुए ये महापर्व मनाया जाएगा.
अपने परिवार, तीज-त्योहार को भूल देश की सीमाओं की रक्षा में तैनात जवानों को रक्षाबंधन पर एक तोहफा मिलेगा. जयपुर की विभिन्न स्कूलों और सामाजिक संगठनों से मिले करीब 75 हजार रक्षा सूत्र जवानों को बांधने के लिए 11वीं राष्ट्रीय रक्षाबंधन यात्रा शुक्रवार को रवाना हुई. जयपुर के अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर, यहां मौजूद शहीदों के परिजनों को रक्षा सूत्र बांधे गए. श्री शक्ति पीठ की ओर से यहां ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव शर्मा का सम्मान भी किया गया. इस मौके पर यहां मौजूद विशिष्ट जनों को भी रक्षा सूत्र बांधकर 50 बालिकाओं का दल भारत माता के जयकारे के साथ राष्ट्र की सीमा पर तैनात सैनिकों के रक्षा सूत्र बांधने के लिए अग्रसर हुआ.
पढ़ें. Rakshabandhan 2023 : इस बार भी रक्षाबंधन पर भद्रा का साया, लेकिन इस वक्त बांध सकते हैं राखी
5 हजार राखियों से हुई थी शुरुआत : श्री शक्ति पीठ की संस्थापिका साध्वी समदर्शी गिरी ने बताया कि बीते 10 सालों से सीमा पर राष्ट्रीय रक्षाबंधन यात्रा ले जाई जा रही है. रक्षाबंधन के दिन फौजी भाइयों को रक्षा सूत्र बांधकर ये पर्व मनाया जाता रहा है. इसकी शुरुआत 5 हजार राखियों से हुई थी और ये कारवां सामाजिक सहयोग के जरिए रक्षा सूत्र प्राप्त करते हुए अब तक 8 लाख से ज्यादा राखियां फौजी भाइयों तक पहुंचा चुका है. ये यात्रा पहले गुजरात से लेह-लद्दाख तक और राजस्थान-पंजाब-जम्मू-कश्मीर से लेकर माणा तक अपना सफर तय कर चुकी है.