जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव के बीच भाजपा के प्रत्याशियों का विरोध अभी भी कम नहीं हो रहा है. नवरात्र शुरू होने के साथ ही प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार का आगाज कर दिया, लेकिन प्रत्याशियों को स्थानीय क्षेत्रों में विरोध का सामना करना पड़ रहा है. हालात ये हैं कि कुछ जगह तो प्रत्याशियों को काले झंडे दिखाए जा रहे है. लेकिन इस विरोध और बवाल के बीच कुछ नेता ऐसे भी हैं जो इस विरोध को गांधीगिरी के साथ शांत कर रहे हैं.
गांधीगिरी वाली तस्वीरें झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से भी सामने आईं हैं. भाजपा के झोटवाड़ा प्रत्याशी कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ चुनाव प्रचार की शुरुआत के साथ रविवार को जोबनेर ज्वाला माता का आशीर्वाद लेने पहुंचे तो स्थानीय कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाए. राठौड़ वहां से सीधे नहीं निकले, उन्होंने अपनी गाड़ी रोकी और नाराज कार्यकर्ताओं के पास पहुंचे. उन्हें लड्डू खिलाया और गले लगाने की कोशिश की और कहा कि आपका साथ चाहिए.
राठौड़ को दिखाए काले झंडे : दरअसल, राजस्थान विधानसभा चुनाव में जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को झोटवाड़ा विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित करने के बाद लगातार विरोध का सामना करना पड़ रहा है. चुनाव प्रचार के आगाज के साथ राठौड़ जोबनेर ज्वाला माता के दर्शन करने के लिए पहुंचे. जैसे ही राज्यवर्धन सिंह का काफिला जोबनेर में पहुंचा, वहां पहले से मौजूद भाजपा कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाना शुरू कर दिया.
नाराज कार्यकर्ताओं ने कहा कि झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से राजपाल सिंह शेखावत ही प्रबल दावेदार हैं. लंबे समय से झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में रहकर क्षेत्र के लोगों की सेवा कर रहे हैं. भाजपा ने पैराशूट उम्मीदवार उतार दिया है.
राठौड़ की गांधीगिरी : ज्वाला माता के दर्शन के लिए जोबनेर पहुंचे राठौड़ ने देखा कि कुछ कार्यकर्ता नाराजगी जता रहे हैं और काले झंडे दिखा रहे हैं तो उन्होंने अपने काफिले को वहां रोका और नाराज कार्यकर्ताओं से बात करने की कोशिश की. राठौड़ ने नाराज कार्यकर्ताओं को लड्डू खिलाया और उन्हें गले लगाने की कोशिश की, लेकिन कार्यकर्ताओं में नाराजगी इतनी थी कि उन्होंने लड्डू खाने से भी इनकार कर दिया और झोटवाड़ा का एक ही लाल, राजपाल-राजपाल के नारे लगाने लगे. राठौड़ ने इस दौरान कार्यकर्ताओं से कहा कि वो भी उनके अपने हैं. चुनाव में पार्टी के कार्यकर्ताओं का साथ चाहिए और वही मांगने इस विरोध के बावजूद गाड़ी से उतर कर आया हूं.