जयपुर. शहर में गुरुवार को ई एक्सपोर्ट हाट का आयोजन किया गया. इस आयोजन का मकसद प्रदेश में निर्यात के कारोबार को बढ़ावा देने का था. इस दौरान चर्चा की गई कि प्रदेश में ई-कॉमर्स निर्यात को बढ़ावा देने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं. उद्योग और वाणिज्य विभाग के साथ ही राजस्थान निर्यात संवर्द्धन परिषद (आरईपीसी) ने अमेजॉन ग्लोबल सेलिंग के सहयोग से इस जागरूकता कार्यक्रम को आयोजित किया. राजसिको और आरईपीसी चैयरमेन राजीव अरोड़ा ने इस दौरान कहा कि प्रदेश में 1 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य से ऊपर निर्यात को ले जाने का राजस्थान सरकार का मकसद है.
उन्होंने कहा कि इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने बुनियादी ढ़ाचे को विकसित करने के साथ ही एक्सपोर्ट हेल्पलाइन विकसित करने का फैसला बीते बजट में लिया था. जिसके तहत उद्योग विभाग में ही आरईपीसी केंद्र तैयार किया जा रहा है. प्रदेश में ई-कॉमर्स निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आयोजित इस कार्यक्रम को जागरूकता के मकसद से आयोजित किया गया. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में प्रदेश के उद्यमियों और निर्यातकों ने शिरकत की. कार्यक्रम के दौरान सामने आया कि निर्यात प्रोत्साहन के लिए आरईपीसी ने विदेशी चैम्बर्स के साथ एमओयू किये हैं.
ई-कॉमर्स निर्यात को बढ़ाने पर जोरः राजीव अरोड़ा ने कहा कि साल 2020 में राजस्थान लैंड लॉक्ड स्टेट की श्रेणी में प्रथम स्थान पर था. राज्य सरकार की इंडस्ट्रीयल पॉलिसी की वजह से साल 2021-22 में राज्य के एक्सपोर्ट में करीब 37 फीसदी का इजाफा देखा गया था. वहीं साल 2022-23 में भी अब तक के महीनों में 8 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है. उद्योगों की नजर में इससे क्वांटम जंप कहा जाएगा. आरईपीसी, सीईओ, पीआर शर्मा ने कार्यक्रम के दौरान आए उद्योगपतियों से निर्यात को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि आरईपीसी ने राज्य के निर्यातकों को ई-कॉमर्स उपलब्धता कराने के मकसद से यह कार्यशाला आयोजित की है. गौरतलब है कि मौजूदा दौर में ई-कॉमर्स का योगदान करीब 20 प्रतिशत है, जो आने वाले वक्त में और ज्यादा बढ़ने के आसार हैं.