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राजीव गांधी आवास बना असामाजिक तत्वों का अड्डा...जिम्मेदार चला रहे बयानों के तीर

राजधानी जयपुर के भट्टा बस्ती में बने निर्माणाधिन राजीव गांधी आवास असामाजिक तत्वों का अड्डा बन रहा है. लेकिन, निगम प्रशासन आंख बंद किए हुए है. मामले पर मेयर विष्णु लाटा ने कहा कि ये एक महत्वपूर्ण योजना होने के बावजूद राजीव आवास नाम होने के कारण खंडहर बना दिया गया. मेयर ने कहा कि राजीव आवास को जल्द ठीक कराने के लिए सीएम और मंत्री से निवेदन किया जाएगा, ताकि करीब 2 हजार गरीब लोगों को इसका फायदा मिल सके.

राजीव आवास बना असामाजिक तत्वों का अड्डा
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Published : Jun 5, 2019, 7:53 PM IST

जयपुर. जिले के भट्टा बस्ती में बने निर्माणाधीन राजीव गांधी आवास असामाजिक तत्वों का अड्डा बन रहा है. लेकिन, निगम प्रशासन आंख बंद किए हुए है. वहीं, शहरी सरकार के कर्णधार शब्दों के बाण चलाने में व्यस्त हैं. इस तरफ किसी की नजर जाती नहीं दिखाई दे रही है. वहीं, मेयर विष्णु लाटा बताते हैं कि एक महत्वपूर्ण योजना होने के बावजूद सिर्फ राजीव गांधी आवास नाम होने के कारण खंडहर बना दिया गया.

राजीव आवास बना असामाजिक तत्वों का अड्डा

इस मामले को ईटीवी भारत ने उठाते हुए निगम का ध्यान इस तरफ आकर्षित किया. बावजूद इसके निगम के अधिकारी अभी भी आंख पर पट्टी बांधे बैठे हुए हैं. शहरी सरकार के नुमाइंदों ने भी इनकी सुध लेने के बजाए इन पर राजनीति शुरू कर दी है. इस मामले पर मेयर विष्णु लाटा ने कहा कि ये एक महत्वपूर्ण योजना होने के बावजूद राजीव आवास नाम होने के कारण खंडहर बना दिया गया. मेयर ने कहा कि राजीव आवास को जल्द ठीक कराने के लिए सीएम और मंत्री से निवेदन किया जाएगा, ताकि करीब 2 हजार गरीब लोगों को इसका फायदा मिल सके.

वहीं, उपमहापौर मनोज भारद्वाज ने इसे निगम की लापरवाही बताते हुए बीते 4 महीने में निगम का ढर्रा बिगड़ने की बात कही. उन्होंने कहा कि यदि ऐसे मामलों में निगम असंवेदनशील है, तो निश्चित रूप से जिम्मेदार लोग इसके लिए जवाबदेह हैं. बहरहाल, राजधानी में बन रहे जिन राजीव आवास का फायदा गरीब परिवारों को मिलना था, वो फिलहाल असामाजिक तत्वों का घर बना हुआ है और कार्रवाई करने वाले राजनीति करने में व्यस्त हैं.

जयपुर. जिले के भट्टा बस्ती में बने निर्माणाधीन राजीव गांधी आवास असामाजिक तत्वों का अड्डा बन रहा है. लेकिन, निगम प्रशासन आंख बंद किए हुए है. वहीं, शहरी सरकार के कर्णधार शब्दों के बाण चलाने में व्यस्त हैं. इस तरफ किसी की नजर जाती नहीं दिखाई दे रही है. वहीं, मेयर विष्णु लाटा बताते हैं कि एक महत्वपूर्ण योजना होने के बावजूद सिर्फ राजीव गांधी आवास नाम होने के कारण खंडहर बना दिया गया.

राजीव आवास बना असामाजिक तत्वों का अड्डा

इस मामले को ईटीवी भारत ने उठाते हुए निगम का ध्यान इस तरफ आकर्षित किया. बावजूद इसके निगम के अधिकारी अभी भी आंख पर पट्टी बांधे बैठे हुए हैं. शहरी सरकार के नुमाइंदों ने भी इनकी सुध लेने के बजाए इन पर राजनीति शुरू कर दी है. इस मामले पर मेयर विष्णु लाटा ने कहा कि ये एक महत्वपूर्ण योजना होने के बावजूद राजीव आवास नाम होने के कारण खंडहर बना दिया गया. मेयर ने कहा कि राजीव आवास को जल्द ठीक कराने के लिए सीएम और मंत्री से निवेदन किया जाएगा, ताकि करीब 2 हजार गरीब लोगों को इसका फायदा मिल सके.

वहीं, उपमहापौर मनोज भारद्वाज ने इसे निगम की लापरवाही बताते हुए बीते 4 महीने में निगम का ढर्रा बिगड़ने की बात कही. उन्होंने कहा कि यदि ऐसे मामलों में निगम असंवेदनशील है, तो निश्चित रूप से जिम्मेदार लोग इसके लिए जवाबदेह हैं. बहरहाल, राजधानी में बन रहे जिन राजीव आवास का फायदा गरीब परिवारों को मिलना था, वो फिलहाल असामाजिक तत्वों का घर बना हुआ है और कार्रवाई करने वाले राजनीति करने में व्यस्त हैं.

Intro:राजधानी की भट्टा बस्ती में अधूरे बने राजीव आवास असामाजिक तत्वों का अड्डा बन रहे हैं। लेकिन निगम प्रशासन कुंभकरण की नींद सो रहा है। और शहरी सरकार के कर्णधार शब्दों के बाण चलाने में व्यस्त हैं।


Body:वो कहते हैं ना जब जागो तब सवेरा। लेकिन निगम में अब तक ना कोई जागा है ना वहां सवेरा हुआ है। यही वजह है कि राजीव आवास में असामाजिक तत्वों की रात हो रही है। इस मामले को ईटीवी भारत प्रकाश में भी लाया। लेकिन निगम के अधिकारी अभी भी आंख पर पट्टी बांधे बैठे हुए हैं। वहीं शहरी सरकार के नुमाइंदों ने इनकी सुध लेने के बजाए इन पर राजनीति शुरू कर दी है। इस मामले पर मेयर विष्णु लाटा ने कहा कि ये एक महत्वपूर्ण योजना होने के बावजूद राजीव आवास नाम होने के कारण खंडहर बना दिया गया। मेयर ने कहा कि राजीव आवास को जल्द ठीक कराने के लिए सीएम और मंत्री से निवेदन किया जाएगा। ताकि करीब 2000 गरीब लोगों को इसका फायदा मिल सके।
बाईट - विष्णु लाटा, मेयर

वहीं उपमहापौर मनोज भारद्वाज ने इसे निगम की लापरवाही बताते हुए, बीते 4 महीने में निगम का ढर्रा बिगड़ने की बात कही। उन्होंने कहा कि यदि ऐसे मामलों में निगम असंवेदनशील है, तो निश्चित रूप से जिम्मेदार लोग इसके लिए जवाबदेह हैं।
बाईट - मनोज भारद्वाज, डिप्टी मेयर


Conclusion:बहरहाल, राजधानी में बन रहे जिन राजीव आवास का फायदा गरीब परिवारों को मिलना था। वो फिलहाल असामाजिक तत्वों का घर बने हुए हैं। और कार्रवाई करने वाले राजनीति करने में व्यस्त हैं।
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