जयपुर. कांग्रेस ने चुनावी माहौल में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना यानी ईआरसीपी के मुद्दे के जरिये बीजेपी को घेरने के लिए जन जागरण अभियान शुरू किया है. कांग्रेस इस अभियान पर बीजेपी ने हमला बोला. नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस ईआरसीपी के मुद्दे पर जनता को गुमराह कर रही है. चुनावी साल में कांग्रेस ईआरसीपी का झुनझुना पकड़कर चुनाव जीतना चाहती है. ये इनका अभियान सिर्फ दिखावा है. हमारी योजना हम पूरा करेंगे.
झुनझुना पकड़ा कर चुनाव जीतना चाहती है: नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस अपने चुनाव अभियान का श्री गणेश कर रही है. इसमें उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे उपस्थित रहे. साथ में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी भी उपस्थित रहे. ये तीनों वो ही किरदार हैं जो सितंबर 2022 के अंदर जब कांग्रेस की आंतरिक गुटबाजी और विधायकों के इस्तीफे में ड्रामे शामिल थे, कांग्रेस के अभियान के मुद्दों का जो आधार है वो लोगों को गुमराह करने के साथ-साथ असत्य पर टिका है.
राठौड़ ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण संसदीय लोकतंत्र में सबसे पवित्र दस्तावेज के रूप में माना जाता है. इस बार जो 23 जनवरी, 2023 को राज्यपाल का अभिभाषण विधानसभा में पढ़ा गया. उसके पैरा 170 के अंदर इन्होंने यह कहा कि 2051 में यह ईआरसीपी के प्रोजेक्ट को पूरा करेंगे. जिस ईआरसीपी को लेकर राजस्थान में कांग्रेस प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. वो राज्यपाल से मुख से कहलाते हैं कि विधानसभा में 2051 में पूरा करेंगे. इसी तरह 2021-22 के बजट में कहा कि 2037 में बजटीय प्रावधान किया है. इनकी सरकार ईआरसीपी का मुद्दा हर बजट में हर समय उठाते रहे हैं.
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हमारी योजना हम ही पूरा करेंगे: राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि इस योजना को अटकाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ दोषी है. राज्य सरकार इस परियोजना को वर्ष 2051 में पूरा करने का दावा कर रही है और इसके विधानसभा में 37 हजार करोड़ रूपए खर्च करने की घोषणा कर चुकी है. लेकिन इसके बाद अब तक इस योजना के नाम पर कोई काम नहीं हुआ है. राजस्थान के सीएम मुख्यमंत्री नहीं बल्कि घोषणा मंत्री हैं. ईआरसीपी के लिए सीएम ने ईआरसीपी कॉरपोरेशन बनाकर 13 हजार करोड़ देने की बात कही, लेकिन अब तक एक पैसा भी खर्च नहीं किया.
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राठौड़ ने कहा कि कमलनाथ ने ही सबसे पहले राजस्थान को एनओसी देने पर एतराज जताया था. इसके बाद गहलोत ने राज्य के खर्च पर प्रोजेक्ट को शुरू करने की घोषणा की और अब तक सिवाय घोषणाओं के कुछ नहीं हुआ. जब सीएम इस योजना पर काम कर रहे हैं तो किस बात के लिए यह जनजागरण यात्रा निकाली जा रही है. उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में राजस्थान आर्थिक आपातकाल की स्थिति में पहुंच गया है. इसके कारण अब प्रदेश में कर्ज बढ़कर 5 लाख 37 हजार 13 करोड का हो गया है. मुख्यमंत्री कहते हैं कि 6 राष्ट्रीय परियोजना हैं, लेकिन उनके मानदंड और मापदंड क्या हैं. ये सीएम क्यों नहीं बताते. उनकी सरकार ने प्लानिंग कमीशन ने बनाए थे, उनके आधार पर क्या ईआरसीपी खरी उतरी सीएम ये क्यों नहीं बताते हैं? ईआरसीपी का झुंझुना थमा कर लोगों को गुमराह कर रहे हैं, बीजेपी सरकार में आएगी तो ईआरसीपी को मजबूत कर पूरा करेगी.
कानून व्यवस्था को लेकर हमलावर: राजेंद्र राठौड ने सीएम गहलोत से सवाल किया कि सीएम कानून व्यवस्था पर मुहं क्यों नहीं खोलते हैं, सात दिन में 21 हत्याएं 34 बलात्कार हुए हैं. एक दिन में अपराध घटित हुए हैं छिपे नहीं है. राजस्थान में 24 घंटे में रामगढ़ में नौजवान को चाकुओं से गोद दिया. पिछले छह माह में प्रदेश में 1.25 लाख मुकदमे दर्ज हुए थे जिसमें से मात्र 33 हजार मामलों में ही चालान पेश किए गए हैं. ऐसे में प्रदेश में सिर्फ 25 फीसदी मामलों को जांच के बाद अदालत तक ले जाया गया है. वहीं प्रदेश में इन दिनों प्रतिदिन 17 महिलाओं से रेप की वारदात हो रही है और राज्य के कई जिलो में बेटियों की वस्तुओं की तरह नीलामी की जा रही है. राठौड़ ने कहा कि पूर्णकालिक गृहमंत्री नहीं बनाया इसके पीछे साफ कारण था कि सीएम को अपने साथियों की निगरानी के लिए पुलिस का बेजा इस्तेमाल करना था.