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शुचिता की राजनीति के मेरुदंड थे मदनलाल सैनी: राजेंद्र राठौड़

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी के निधन पर विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ और प्रदेश प्रवक्ता एवं विधायक सतीश पूनिया ने भी शोक जताया है. राठौड़ ने कहा है कि प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी शुचिता की राजनीति का मेरुदंड थे. वहीं सतीश पूनिया ने इसे बीजेपी के लिए अपूर्णनीय क्षति बताया है.

राजेंद्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष
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Published : Jun 24, 2019, 11:24 PM IST

जयपुर. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की दिवंगत होने की खबर से बीजेपी में शोक की लहर है. सभी राजनीतिक दलों को नेता शोक व्यक्त कर रहे हैं. राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी शुचिता की राजनीति का मेरुदंड थे. वे मजदूर संघ से लेकर किसानों और किसानों से लेकर कार्यकर्ताओं के साथ आम व्यक्ति बन कर काम करते थे. वे ईमानदारी और सादगी का प्रतीक थे. उन्होंने पूरा जीवन पार्टी को बनाने में समर्पित कर दिया.

शुचिता की राजनीति के मेरुदंड से मदनलाल सैनी

राठौड़ ने कहा कि मदन लाल सैनी का जाना भारतीय जनता पार्टी के लिए ही नहीं अपितु प्रदेश राजनीति के लिए भी अपूरणीय क्षति है. उनके जाने से लाखों कार्यकर्ताओं को वज्रपात लगा है. वहीं प्रदेश प्रवक्ता सतीश पूनिया ने कहा मदन लाल सैनी का जाना पार्टी के लिए ही नहीं राजस्थान की राजनीति के लिए भी रिक्त है. इसे भर पाना मुश्किल है. पूनिया ने कहा साठ के दशक में सीकर की हार्डकोर राजनीति में संघ का स्वयंसेवक बनने से लेकर भारतीय मजदूर संघ में किसानों की आवाज बनना बड़ी बात थी. उन्होंने कहा उनमें दृढ़ता इतनी थी की वे समान विचार की सरकार से मजदूरों की मांग मनवा लेते थे और इस बात के लिए उन्हें जाना भी जाता था.

प्रदेश संगठन में महामंत्री और उसके बाद किसान मोर्चा में राष्ट्रीय महामंत्री के पदों पर काम किया. राज्यसभा सांसद के रूप में अपने विशेषाधिकार कोटे को आम जनता के हित में कैसे इसके बारे में सोचते थे, उन्होंने कहा कि 75 साल की उम्र में भी मदन लाल सैनी में आलस्य नहीं था. जयपुर से बाड़मेर तक की यात्रा सड़क मार्ग से आराम से कर लेते थे. उनकी दृढ़ता और कर्मशीलता आज की युवा कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत है. उनकी यादें और स्मृतियां हमारे बीच में हमेशा रहेगी.

जयपुर. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की दिवंगत होने की खबर से बीजेपी में शोक की लहर है. सभी राजनीतिक दलों को नेता शोक व्यक्त कर रहे हैं. राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी शुचिता की राजनीति का मेरुदंड थे. वे मजदूर संघ से लेकर किसानों और किसानों से लेकर कार्यकर्ताओं के साथ आम व्यक्ति बन कर काम करते थे. वे ईमानदारी और सादगी का प्रतीक थे. उन्होंने पूरा जीवन पार्टी को बनाने में समर्पित कर दिया.

शुचिता की राजनीति के मेरुदंड से मदनलाल सैनी

राठौड़ ने कहा कि मदन लाल सैनी का जाना भारतीय जनता पार्टी के लिए ही नहीं अपितु प्रदेश राजनीति के लिए भी अपूरणीय क्षति है. उनके जाने से लाखों कार्यकर्ताओं को वज्रपात लगा है. वहीं प्रदेश प्रवक्ता सतीश पूनिया ने कहा मदन लाल सैनी का जाना पार्टी के लिए ही नहीं राजस्थान की राजनीति के लिए भी रिक्त है. इसे भर पाना मुश्किल है. पूनिया ने कहा साठ के दशक में सीकर की हार्डकोर राजनीति में संघ का स्वयंसेवक बनने से लेकर भारतीय मजदूर संघ में किसानों की आवाज बनना बड़ी बात थी. उन्होंने कहा उनमें दृढ़ता इतनी थी की वे समान विचार की सरकार से मजदूरों की मांग मनवा लेते थे और इस बात के लिए उन्हें जाना भी जाता था.

प्रदेश संगठन में महामंत्री और उसके बाद किसान मोर्चा में राष्ट्रीय महामंत्री के पदों पर काम किया. राज्यसभा सांसद के रूप में अपने विशेषाधिकार कोटे को आम जनता के हित में कैसे इसके बारे में सोचते थे, उन्होंने कहा कि 75 साल की उम्र में भी मदन लाल सैनी में आलस्य नहीं था. जयपुर से बाड़मेर तक की यात्रा सड़क मार्ग से आराम से कर लेते थे. उनकी दृढ़ता और कर्मशीलता आज की युवा कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत है. उनकी यादें और स्मृतियां हमारे बीच में हमेशा रहेगी.

Intro:जयपुर। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी के निधन पर विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ और प्रदेश प्रवक्ता एवं विधायक सतीश पूनिया ने भी शोक जताया।


Body:राजेंद्र राठौड़ ने कहा प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी शुचिता की राजनीति का मेरुदंड थे वह मजदूर संघ से लेकर किसानों और किसानों से लेकर कार्यकर्ताओं के साथ आम व्यक्ति बन कर काम करते थे। वे ईमानदारी और सादगी का प्रतीक थे उन्होंने पूरा जीवन पार्टी को बनाने में समर्पित कर दिया। राठौड़ ने कहा कि मदन लाल सैनी का जाना भारतीय जनता पार्टी के लिए ही नहीं अपितु प्रदेश राजनीति के लिए भी अपूरणीय क्षति है। उनके जाने से लाखों कार्यकर्ताओं को वज्रपात लगा है।


Conclusion:प्रदेश प्रवक्ता सतीश पूनिया ने कहा मदन लाल सैनी का जाना पार्टी के लिए ही नहीं राजस्थान की राजनीति के लिए भी रिक्तित है और इस भरना मुश्किल है। सतीश पूनिया ने कहा साठ के दशक में सीकर की हार्डकोर राजनीति मैं संघ का स्वयंसेवक बनने से लेकर भारतीय मजदूर संघ में किसानों की आवाज बनना बड़ी बात थी । उन्होंने कहा उनमें दृढ़ता इतनी थी की वे समान विचार की सरकार से मजदूरों की मांग मनवा लेते थे और इस बात के लिए उन्हें जाना भी जाता था। प्रदेश संगठन में महामंत्री और उसके बाद किसान मोर्चा में राष्ट्रीय महामंत्री के पदों पर काम किया। राज्यसभा सांसद के रूप में अपने विशेषाधिकार कोटे को आम जनता के हित में कैसे इसके बारे में सोचते थे उन्होंने कहा कि 75 साल की उम्र में भी मदन लाल सैनी में आलस्य नहीं था जयपुर से बाड़मेर तक की यात्रा सड़क मार्ग से आराम से कर लेते थे। उनकी दृढ़ता और कर्मशीलता आज की युवा कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत है। उनकी यादें और स्मृतियां हमारे बीच में हमेशा रहेगी।

बाईट राजेंद्र राठौड़ और सतीश पूनिया
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