जयपुर. ग्रामीण विकास विभाग राजस्थान की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में शुक्रवार को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) के एक दिवसीय 'सखी सम्मेलन' का आयोजन किया गया. सीतापुरा जयपुर स्थित जेईसीसी सभागार में हुए आयोजन में प्रदेश के विभिन्न जिलों से राजीविका स्वयं सहायता समूहों की करीब 20 हजार महिलाओं ने हिस्सा लिया. साथ ही, बड़ी संख्या में महिलाएं वीसी के माध्यम से भी कार्यक्रम से जुड़ीं. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजीविका जैसे कार्यक्रमों से महिलाओं का सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है.
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अहम प्रयास : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पूर्व कार्यकाल में अजमेर जिले से स्वयं सहायता समूहों की शुरुआत की गई थी. आज वो प्रयास इस ऐतिहासिक वृहत कार्यक्रम में रूप में सबके सामने है. राजीविका से जुड़कर महिलाएं विभिन्न प्रकार के उद्यमों और नवाचारों में भाग ले रही हैं, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा है. उन्हें अपनी क्षमताओं और संविधान प्रदत्त अधिकारों की पहचान हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में राजीविका के अंतर्गत 3.60 लाख समूहों का गठन कर लगभग 43 लाख महिलाओं को इनसे जोड़ा गया है. राज्य सरकार इन समूहों को 4774 करोड़ का ऋण उपलब्ध करवा रही है. यह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में राज्य सरकार का एक अहम प्रयास है.
स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को सौंपे चेक : मुख्यमंत्री ने बैंकों की ओर से दिए जाने वाले 381 करोड़ रुपए की ऋण राशि के चेक स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को सौंपे. साथ ही, राजस्थान महिला निधि से दिए जाने वाले 63 करोड़ रुपए, आजीविका संवर्धन सहायता की ओर से दिए जाने वाले 160 करोड़ रुपए और जलग्रहण विकास कर्न्वजेंस सहायता की ओर से दी जाने वाली 98 करोड़ रुपए की राशि के चेक भी राजीविका से जुड़ी महिलाओं को दिए. इस अवसर पर सीएम गहलोत ने महिलाओं को स्कूटी की चाबी सौंपी और सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाली स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को सम्मानित किया.
महिलाओं को सशक्त बना रही योजनाएं : सीएम गहलोत ने कहा कि प्रदेश सरकार अपनी जनकल्याणकारी योजनाओं से हर वर्ग को लाभान्वित कर रही है. राज्य में लगभग 1 करोड़ लोगों को न्यूनतम 1000 रुपए सामाजिक सुरक्षा पेंशन, निशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट, 500 रुपए में गैस सिलेंडर जैसी योजनाओं से आमजन को राहत दी जा रही है. महिलाओं के लिए उड़ान योजना के अंतर्गत निःशुल्क सेनेटरी नैपकिन, रोडवेज बस किराए में 50 प्रतिशत छूट, इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना के अंतर्गत इंटरनेट युक्त निःशुल्क स्मार्टफोन, आरटीई के तहत 12वीं तक छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा, नई महिला नीति लागू करने, सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण, मकान के खरीदने-बेचने में रजिस्ट्री महिला के नाम से होने पर शुल्क में छूट देने जैसे निर्णय लिए गए हैं. अनिवार्य एफआईआर की नीति से महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अत्याचारों में कमी आई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2030 तक राजस्थान को देश का अग्रणी राज्य बनाना हमारा ध्येय है. इसमें राजीविका से जुड़ी महिलाओं की भूमिका भी महत्वपूर्ण रहेगी.
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मुख्यमंत्री ने किया विभिन्न योजनाओं का शुभारंभ : इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने समर्थ सखी योजना, इंदिरा रसोई योजना (ग्रामीण), एकीकृत खेती क्लस्टर (आईएफसी) कार्यक्रम और डिजिटल सखी योजना का शुभारंभ किया. डिजिटल सखी योजना के तहत महिलाओं को चरणबद्ध रूप से डिजिटल प्रशिक्षण दिया जाएगा. एकीकृत खेती क्लस्टर कार्यक्रम के लिए महिला किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने की घोषणाएं :
- राजीविका कैडर से जुड़ी महिलाओं के मानदेय में 15 प्रतिशत बढ़ोतरी.
- राजीविका से जुड़ी महिलाओं को कृषि और गैर कृषि क्षेत्र में 1000 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा.
- राजीविका से जुड़ी महिलाएं 2.5 प्रतिशत की जगह शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर स्कूटी खरीद पाएंगी.
- उड़ान योजना के अंतर्गत सेनिटरी नैपकिन की पूरी सप्लाई और बनाने का कार्य चरणबद्ध रूप से राजीविका को सौंपा जाएगा.
- इंदिरा रसोई योजना-ग्रामीण के अंतर्गत 1000 रसोइयों का संचालन और प्रबंधन राजीविका स्वयं सहायता समूहों की ओर से किया जाएगा.