जयपुर. प्रदेश के युवा कलाकारों को मंच मुहैया कराने के लिए प्रदेश में राजस्थान युवा महोत्सव का आयोजन होने जा रहा है. इसकी शुरुआत 5 जुलाई से होनी थी लेकिन अब यूथ फेस्टिवल के मंच 10 जुलाई से सजेंगे. महोत्सव में शामिल होने के लिए अब तक 76 हजार युवा अपना रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. लेकिन रजिस्ट्रेशन कराने से चूक गए युवाओं को 4 दिन का समय और दिया गया है. आयोजन पहले ब्लॉक, फिर जिला और आखिर में राज्य स्तर इस होगा. राजस्थानी युवा महोत्सव की जानकारी देने के दौरान बोर्ड अध्यक्ष सीताराम लांबा ने यूथ फेस्टिवल और ग्रामीण शहरी ओलंपिक खेलों के जरिए जेब भरने के बीजेपी के आरोप पर भी पलटवार किया.
अब राजस्थान युवा महोत्सव की शुरुआत 10 जुलाई से होगी. 10 जुलाई से 25 जुलाई तक ब्लॉक, 26 जुलाई से 10 अगस्त तक जिला स्तर और 20 अगस्त से 22 अगस्त तक राज्य स्तरीय कार्यक्रम होंगे. यूथ बोर्ड के अध्यक्ष सीताराम लांबा ने बताया कि सीएम गहलोत की बजट घोषणा के तहत राजस्थान युवा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. इसमें अब तक 76 हजार से ज्यादा युवा रजिस्ट्रेशन कर चुके हैं. युवा महोत्सव में अच्छा प्रदर्शन करने वाले युवाओं को युवा बोर्ड देश की संस्कृति जानने के लिए देश में भ्रमण करवाएगा. इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य राजस्थान की संस्कृति को बढ़ावा देते हुए युवाओं को मौका देना है.
लांबा ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को सीएम गहलोत ने एक हजार करोड़ रुपए की सौगात दी है. देश में पहली बार 500 करोड़ के युवा कल्याण कोष की घोषणा की गई. इसका एक हिस्सा स्किल डेवलपमेंट और यूथ एंटरप्रेन्योर के लिए, दूसरा हिस्सा छात्रवृत्ति और शिक्षा और तीसरा हिस्सा युवाओं के एडवांस पर्सनैलिटी डेवलपमेंट के लिए रखा है. इसी के तहत यूथ फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है. प्रदेश के 10 हजार युवाओं को देश की संस्कृति को जानने के लिए भ्रमण कार्यक्रम के तहत 75 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया.
बता दें कि दिल्ली में 275 करोड़ रुपए की लागत से नेहरू यूथ ट्रांजिट हॉस्टल बन रहा है. जिसमें प्रदेश के 500 अल्प आय वर्ग के कोचिंग करने वाले युवाओं के लिए रहने खाने की व्यवस्था सरकार की तरफ से रहेगी. इसके निर्माण से पहले 200 युवाओं के लिए इसी महीने से रहने-खाने की वैकल्पिक व्यवस्था शुरू की जाएगी. इसके लिए टेंडर भी किए जा रहे हैं. इसके अलावा प्रदेश की युवा पॉलिसी को लेकर भी युवा बोर्ड ने काम किया जिसका ड्राफ्ट बन चुका है. वहीं यूनिसेफ के साथ मिलकर युवाओं की सरकार से अपेक्षाओं को लेकर चैट बोर्ड बनाया जा रहा है.
इस दौरान उन्होंने युवाओं के नाम पर जेब भरने के बीजेपी के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी नेताओं को आईना देखना चाहिए. 2014 के चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगरा में युवाओं को संबोधित करते हुए कहा था कि हर साल 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देंगे. 9 साल बाद 18 करोड़ युवाओं को रोजगार मिल जाना चाहिए था, लेकिन देश में रोजगार घटे हैं. बड़ी संस्थानों का निजीकरण हुआ, जीएसटी और नोटबंदी से भी रोजगार घटे. बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं के पेट पर लात मारने और उन्हें ठगने का काम किया है. जबकि राजस्थान सरकार ने चार लाख रोजगार दिए हैं.