जयपुर. मैं राजनीति में 50 साल का अनुभव रखता हूं और अनुभव का कोई विकल्प नहीं होता. ये कहना है प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत का. मंगलवार को राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने ये बात कहते हुए अप्रत्यक्ष रूप में अगले विधानसभा चुनाव में भी खुद को ही चेहरा बताया. वहीं, सीएम ने उनके और वसुंधरा राजे के मिले हुए होने के राजनीतिक आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि लोग कहते हैं कि मैं और वसुंधरा मिले हुए हैं. कहां मिले हुए हैं, मेरे काम (रिफाइनरी, लॉ यूनिवर्सिटी, पत्रकारिता यूनिवर्सिटी) को तो उन्होंने बंद कर दिया. इस दौरान सीएम ने ये भी स्पष्ट कर दिया कि तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नीति बनाने के बाद ही होंगे.
दरअसल, राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में शिरकत करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर शिक्षकों का मन टटोलने की कोशिश की. उन्होंने अपने संबोधन में आरजीएचएस और ओपीएस जैसी योजनाओं का जिक्र किया, जिसमें सभागार में एक तरफ तालियां नहीं बजने पर चुटकी लेते हुए कहा कि कहीं यहां आरएसएस और नॉन आरएसएस में बंटे हुए तो नहीं बैठे. वहीं, उन्होंने बदलते राजस्थान की तस्वीर बयां करते हुए कहा कि मिशन 2030 एक टारगेट लेकर चले हैं. उसमें सबसे बड़ी भूमिका शिक्षकों की ही हो सकती है. सीएम ने कहा कि समय बदल गया है. उसके साथ हमें भी बदलना होगा. पहले वो भी इंग्लिश के विरोधी थे, लेकिन आज इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले, जिसमें 6 लाख छात्र पढ़ रहे हैं. बचपन में सोचते थे संस्कृत क्या काम आएगी, आज महसूस करते हैं कि संस्कृत का भी महत्व है.
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राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह | बिड़ला ऑडिटोरियम, जयपुर https://t.co/NxyNnrLSZz
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) September 5, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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इस दौरान उन्होंने एजुकेशन पॉलिसी की दिशा में काम करने की भी बात कही, साथ ही बताया कि राज्य में लागू किए गए राइट टू हेल्थ, गिग वर्कर जैसे एक्ट की राष्ट्रीय स्तर के आर्टिकल लिखने वाले भी प्रशंसा कर रहे हैं और दूसरे राज्यों में ही नहीं दुनिया के दूसरे देशों में भी इस तरह की योजनाओं को लागू करने की बात कहते हैं. इस दौरान उन्होंने पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पिछली सरकार की सोच नकारात्मक थी. उनकी फितरत यही है, वो नेगेटिव सोचते हैं, दुश्मनी निकालते हैं, तनाव पैदा करते हैं. जबकि लोकतंत्र मांग करता है टॉलरेंस की. उनमें टॉलरेंस नहीं. उनकी आलोचना करो तो देशद्रोही हो, जबकि सीएम होने के नाते वो खुद आलोचना का स्वागत करते हैं. विपक्ष का काम है आलोचना करना, लेकिन अब खाली हवा में आलोचना करो तो वो हवा में ही उड़ जाती है. लेकिन अभी जो आलोचना हो रही है, वो हवा में हो रही है.
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पठन, पाठन, प्रबंधन
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उन्नत एप शाला सम्बलन#शिक्षक_दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में शिक्षकों को सम्मानित किया।
इस प्रेरक अवसर पर किए गए 'शाला सम्बलन ऐप 2.0' सहित अन्य नवाचारों के शुभारंभ से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ता प्राप्त होगी। pic.twitter.com/42JiX0E1D0
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इस दौरान उन्होंने एनपीएस के तहत कर्मचारियों का पैसा शेयर मार्केट में लगाए जाने को गलत बताते हुए कहा कि उन्होंने भी एक बार म्यूचुअल फंड में 20 हजार रुपये लगाए थे. पांच साल बाद भी 20 हजार ही मिले. अडानी के शेयर भी गिर गए और ह्यूमन राइट कमीशन ने भी एनपीएस को गलत बताया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि ओपीएस लागू करने का फैसला मानवीय दृष्टिकोण के आधार पर लिया गया. इसमें राजनीति नहीं.
वहीं, तृतीय श्रेणी शिक्षकों के ट्रांसफर को एक बड़ा इशू बताते हुए उन्होंने शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला और शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान को कहा कि कैंसर, किडनी पेशेंट, दिव्यांग और जेन्युअन केस की लिस्ट बनाई जाए. बाकि ट्रांसफर पॉलिसी से ही शिक्षकों को फायदा मिलेगा. इससे उन्हें पता होगा कि उनका ट्रांसफर कब होना है. साथ ही उन्होंने शिक्षकों का आह्वान करते हुए कहा कि शिक्षक सरकार की योजनाओं को गरीब, वंचित तक पहुंचा सकते हैं. बच्चों से इसका सर्वे करवा सकते हैं और वैसे भी बच्चों से सोशल वर्क करवाना जरूरी है.
उन्होंने कहा कि 1.82 करोड़ परिवार ने गारंटी कार्ड लिए हैं, लेकिन सरकार का मिशन है कि एक भी परिवार वंचित नहीं रहे. आखिर में उन्होंने कहा कि शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य न कराएं, इस पर भी ध्यान दे रहे हैं. यदि सरकार दोबारा आई तो शिक्षकों का काम हल्का किया जाएगा. इस दौरान सीएम ने बताया कि जब मंत्रियों को विभाग देने की बात आती है तो सारे मंत्री यही कहते हैं कि शिक्षा विभाग मत देना, लेकिन बीडी कल्ला शिक्षकों को पटाकर रखते हैं. वैसे भी शिक्षकों से लोहा लेना बड़ा मुश्किल काम है.
राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला, शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान, तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग और उच्च शिक्षा मंत्री राजेंद्र यादव भी मौजूद रहे. इस दौरान 149 शिक्षकों का सम्मान किया गया. इनमें कक्षा 9 से 12 तक के 50, कक्षा 6 से 8 तक के 45 और कक्षा 1 से 5 तक के 49 शिक्षकों को सम्मानित किया गया. इसके अलावा पांच विशिष्ट शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया. हालांकि, शिक्षकों को पहले सभागार के गेट पर सर्टिफिकेट दिए गए बाद में शिक्षकों की अपील पर मंच पर बुलाकर सीएम ने उन्हें सम्मानित किया. इस दौरान वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकार्ड्स लंदन की ओर से स्कूलों में संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का वाचन करने और गुड टच बैड टच के रिकॉर्ड सेशन पर बने वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट भी दिया गया.
इससे पहले कार्यक्रम में शाला दर्पण शिक्षक एप, शाला संबल 2.0 एप, स्कूल आफ्टर स्कूल प्रोग्राम, रोबोटिक्स लैब, मिशन स्टार्ट, राजस्थान स्टेट ओपन कंप्यूटीकरण प्रोग्राम की भी शुरुआत की गई. साथ ही विभिन्न प्राइवेट संस्थानों के साथ स्कूली छात्रों को ऑनलाइन और हाई स्टडी के लिए एमओयू भी किए गए. वहीं, शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने संस्कृति के साथ मिलावट करने वालों से सावधान रहने और सांस्कृतिक प्रदूषण से बच्चों को बचाने के लिए शिक्षकों का आह्वान किया, जबकि शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान ने ग्रामीण क्षेत्रों में बालिका शिक्षा को एक बड़ी चुनौती बताते हुए, इस पर पार पाने का प्रयास किए जाने की बात कही.