जयपुर. RTH बिल के विरोध में हड़ताल कर रहे डॉक्टर्स और सरकार के बीच एक बार फिर वार्ता बेनतीजा रही. सोमवार को हड़ताली निजी डॉक्टर्स के प्रतिनिधि मंडल की सरकार से वार्ता हुई. वार्ता सकारात्मक हुई, कुछ बिंदूओं पर सहमति के आसार बनें, लेकिन अंत मे नतीजा नहीं निकला और डॉक्टरों ने हड़ताल जारी रखने की घोषणा की. अब डॉक्टर्स अपने परिजनों के साथ मंगलवार को रैली निकालेंगे. सरकार से वार्ता करने आए डॉक्टर्स ने कहा कि सरकार पहले बिल के प्रावधानों को सरकारी चिकित्सा संस्थानों में लागू करें, वहां सफल होने पर इसे प्राइवेट में लागू करे. इससे पहले सोमवार को प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएमएस सहित सभी अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर्स काम पर लौटे. जिससे अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को बड़ी राहत मिली.
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17वें दिन भी नहीं टूटा गतिरोधः बता दें कि राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में प्राइवेट डॉक्टर्स सरकार के बीच गतिरोध नहीं टूट रहा है. 17वें दिन भी डॉक्टरों की हड़ताल जारी है. सोमवार को सरकार की ओर से मिले वार्ता के न्योते ने एक उम्मीद जगाई थी कि कुछ बात बन जाएगी. सरकार के आला अधिकारियों और डॉक्टरों के बीच सचिवालय में करीब दो घंटे की वार्ता भी हुई, लेकिन इस बार भी कोई नतीजा नहीं निकला. वार्ता में डॉक्टर्स की ओर से विजय कपूर,अशोक शारदा सहित अन्य डॉक्टर शामिल हुए. वहीं सरकार की ओर से प्रमुख चिकित्सा सचिव टी. रविकांत, विधि विभाग, चिकित्सा विभाग के अधिकारी मौजूद रहे. वार्ता में दोनों ही पक्षों की ओर से अपने अपने सुझाव रखे गए. सरकार की ओर से कहा गया कि अभी बिल पास हुआ है. इसके नियम नहीं बनें, ऐसे में नियम इस प्रकार बनाएंगे जिससे प्राइवेट डॉक्टर्स को ज्यादा परेशानी नहीं हो. सरकारी अफसरों ने कहा कि बिल विधानसभा से पास हो चुका है, लिहाजा इसे वापस नहीं लिया जा सकता है.
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इस बिल को पहले सरकारी संस्थानों में लागू किया जाएः इस पर प्राइवेट डॉक्टर्स की ओर से डॉक्टर अशोक शारदा ने कहा कि विधानसभा में बिल पास होने पर वापस नहीं लिया जा सकता है, तो सरकार पहले इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सरकारी चिकित्सा संस्थानों में लागू करे. एक वर्ष या कुछ महीनों के बाद प्राइवेट में लागू करे. यदि इस दौरान कोई कठिनाइयां आती हैं तो उन्हें दूर किया जाए. इसके साथ ही कहा कि चिरंजीवी और आरजीएचएस गतिविधियां हॉस्पिटलों चल रही है. इनमें इमरजेंसी पैकेज को सुधार कर लगाए जाए. बिल किसी भी तरह से प्रैक्टिकल नहीं लगता है. वहीं डॉक्टर राजशेखर यादव ने कहा कि सकारात्मक रूख में वार्ता हुई. मरीजों की परेशानी को देखते हुए हम भी चाह रहे थे कि गतिराेध टूटे और वार्ता हो. सरकार से वार्ता हुई, लेकिन चर्चा रुकी हुई है. कोई हल नहीं निकला, हमने सरकार को हमारे सब बिंदू बता दिए. सरकार के बिंदु हमने सुनें. हम हमारी वर्किंग टीम से चर्चा करेंगे. सरकार ने आश्वासन दिया है, इस मामले पर निर्णय लिया जाएगा. दूसरी ओर हमारा आंदोलन जारी रहेगा. चिकित्साकर्मी, उनके परिजन मंगलवार को होने वाली रैली में शामिल होंगे. यह रैली 27 मार्च को निकाली गई रैली से भी ज्यादा बड़ी होगी.