जयपुर.प्रदेश में साइबर क्राइम को लेकर राजस्थान पुलिस की ओर से दो दिवसीय हैकथॉन कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. बुधवार को राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में राजस्थान पुलिस साइबर क्राइम अवेयरनेस मिशन के तहत आयोजित राजस्थान पुलिस हैकथॉन 1.0 के उदघाटन सत्र में गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने शिरकत की. इस मौके पर वक्ताओं ने साइबर सुरक्षा के लिए जागरूकता बढ़ाने की बात कही.
गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा है कि राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में साइबर सुरक्षा की दृष्टि से सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे. प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने के साथ ही एक सुनहरे राजस्थान का निर्माण किया जाएगा. गृहमंत्री ने कहा कि वर्तमान परिवेश में सोशल मीडिया के उपयोग से अनेक सुविधाएं तो बढ़ी हैं, लेकिन इससे संबंधित अपराधों में भी वृद्धि हुई है. विशेष रूप से मेवात क्षेत्र में बढ़े अपराधों पर रोक लगाने के लिए सार्थक प्रयासों की आवश्यकता है. उन्होंने सभी जिलों में साइबर विशेषज्ञ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में टीम गठित करने का सुझाव दिया.
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सभी स्तरों पर समन्वय की आवश्यकता : भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र के सीईओ राजेश कुमार ने बताया कि यह संस्थान देश में साइबर अपराध से समन्वित और व्यापक तरीके से निपटने के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय की एक पहल है. भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र नागरिकों के लिए साइबर अपराध से संबंधित सभी मुद्दों से निपटने पर ध्यान केंद्रित कर विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों और हितधारकों के बीच समन्वय में सुधार करना, साइबर अपराध से निपटने के लिए देश की समग्र क्षमता में बदलाव लाना शामिल है. साइबर अपराध से निपटने के लिए सभी स्तरों पर समन्वय की आवश्यकता होती है.
एसीएस गृह आनंद कुमार ने कहा कि साइबर अपराध निरंतर बढ़ता जा रहा है. बढ़ते साइबर अपराध को रोकना एक बड़ी चुनौती है. इसे नियंत्रित करने के लिए निरंतर नई तकनीक का उपयोग आवश्यक है. साथ ही पीड़ित व्यक्ति को उन्नत तकनीक से लाभांवित करना मुख्य उद्देश्य है, साथ ही साइबर जागरूकता बढ़ाने की दिशा में भी गम्भीर प्रयासों की आवश्यकता है
20 लाख रुपए के नकद पुरस्कार : डीजीपी यूआर साहू ने कहा कि इस 2 दिवसीय हैकथॉन में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, उद्योगों, रिसर्च लैबों और स्टार्टअप्स के 1665 प्रतिभागियों की ओर से पंजीयन करवाया गया है, इनमें लगभग 300 टीमें भाग ले रही हैं. यह टीमें 12 साइबर सुरक्षा से संबंधित समस्याओं का समाधान निकालने के लिए 36 घंटे तक निरंतर काम करेंगी. हैकथॉन के विजेताओं को विभिन्न श्रेणियां में कुल 20 लाख रुपए के नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान करने के साथ ही इच्छुक टीमों को राजस्थान पुलिस के इंटर्नशिप प्रोग्राम में शामिल किया जाएगा.
कानून व्यवस्था बेहतर बनाने का प्रयास : डीजीपी ने कहा कि राजस्थान पुलिस प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति को बेहतर बनाने, महिलाओं सहित कमजोर वर्गों को त्वरित न्याय दिलाने एवं आमजन के जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संकल्पित होकर कार्य कर रही है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर एडीजी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में राज्य स्तर पर एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का गठन किया गया है. विभिन्न परीक्षाओं में पेपर लीक से संबिंधत घटनाओं की रोकथाम और इस संबंध में दर्ज मामलों में त्वरित जांच व दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के लिए भी एडीजी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया गया है.
साइबर क्राइम के प्रति जागरूकता : डीजीपी साइबर सुरक्षा डॉ रविप्रकाश मेहरड़ा ने कहा कि पुलिस साइबर अपराध की रोकथाम के लिए तत्परता से कार्य कर रही है, लेकिन साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए जन जागरूकता को ध्यान में रखते हुए राजस्थान पुलिस की ओर से हैकथॉन का आयोजन किया गया है. उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का पहला उद्देश्य साइबर क्राइम की प्रति जागरूकता बढ़ाना है. साइबर क्राइम को कम करने के लिए जागरूकता बहुत जरूरी है. दूसरा उद्देश्य पुलिस की समस्याओं का टेक्नोलॉजिकल सॉल्यूशन निकाला जाए. विभिन्न प्रोडक्ट्स की एग्जीबिशन लगाई गई है, जिससे भी अवेयरनेस बढ़ेगी. साइबर क्राइम को कंट्रोल करने की दिशा में अब अच्छा काम कर पाएंगे. छात्र-छात्राओं को भी साइबर क्राइम के प्रति जागरूक किया जा रहा है. पुलिस को अपना तंत्र और मजबूत करना पड़ेगा. ट्रेनिंग तेज करनी पड़ेगी. टेक्नोलॉजी को अपग्रेड करना पड़ेगा. कार्यक्रम में डीजीपी यूआर साहू, डीजी साइबर क्राइम रवि प्रकाश मेहरडा समेत राजस्थान पुलिस के अधिकारी मौजूद रहे.