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Special : राजस्थान में माफियाओं पर 'लगाम', पुलिस ने इस साल 1073 इनामी बदमाश पकड़े, 8 पर था एक-एक लाख का इनाम

संगठित अपराध और माफियाओं पर लगाम कसने में जुटी पुलिस ने प्रदेशभर में इनामी बदमाशों के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है. इस साल अब तक एक हजार से ज्यादा इनामी बदमाशों को गिरफ्तार किया है. आखिर क्यों जारी करती है पुलिस बदमाशों पर इनाम, पढ़िए यह खास रिपोर्ट.

Rajasthan police action
राजस्थान पुलिस की कार्रवाई
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 1, 2023, 10:06 PM IST

राजस्थान पुलिस की कार्रवाई

जयपुर. राजस्थान में संगठित अपराध और माफिया पर लगाम कसने के लिए पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर्स और हार्डकोर बदमाशों के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. इसके साथ ही इनामी बदमाशों को पकड़ने के लिए भी पुलिस ने खास मुहिम छेड़ी हुई है. यह मुहिम पुलिस के लिए कितनी खास है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस साल जनवरी से जुलाई तक पुलिस ने एक हजार से ज्यादा इनामी बदमाशों को गिरफ्तार किया है. ऐसे बदमाशों को पकड़ने या पकड़वाने वालों को तय राशि का नकद पुरस्कार दिया जाता है.

इस साल जुलाई तक के आंकड़े : डीजीपी उमेश मिश्रा बताते हैं कि इस साल पुलिस ने जनवरी से जुलाई तक 1073 इनामी बदमाशों को दबोचने में सफलता हासिल की है. इन बदमाशों पर कुल 62 लाख रुपए का इनाम घोषित था. खास बात यह है कि इनमें से 8 बदमाश ऐसे हैं, जिन पर एक-एक लाख रुपए का इनाम था. 13 बदमाशों पर 50-50 हजार रुपए, 2 पर 40-40 हजार रुपए और 45 बदमाशों पर 25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित था. उनका कहना है कि पुलिस मुख्यालय की क्राइम ब्रांच ने 18 इनामी बदमाशों को गिरफ्तार किया है.

पढ़ें. Special : देश में सबसे ज्यादा साइबर अपराध मेवात से, राजस्थान में भरतपुर अव्वल, लगाम कसने के लिए साइबर वॉलिंटियर्स की मदद लेगी पुलिस

राजस्थान के बाहर जाकर भी दबोचे बदमाश : पुलिस मुख्यालय की क्राइम ब्रांच ने हार्डकोर अपराधी और कुख्यात तस्कर कमल राणा को शिरडी से दबोचा था. उस पर 70 हजार रुपए का इनाम घोषित था. कोटा रेंज के इनामी अपराधी गौरव मेहरा को भी क्राइम ब्रांच ने पकड़ा था. शुभम मेहरा गैंग के इस बदमाश पर 50 हजार रुपए का इनाम था, जबकि कोटा शहर पुलिस ने जिस हार्डकोर अपराधी सलमान उर्फ शफीक मोहम्मद पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा था. उसे भी क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था. राजू ठेहट हत्याकांड के आरोपी कमल डेलू, श्रवण सिंवार और विजयपाल विश्नोई को पुलिस ने महाराष्ट्र से दबोचा था.

Crime in Rajasthan
राजस्थान में माफियाओं पर 'लगाम'

अजयपाल को सूरत से, विक्रम नांदिया को पहाड़ी से दबोचा : जोधपुर के कुख्यात बदमाश और 1 लाख रुपए के इनामी बदमाश अजयपाल को जोधपुर पुलिस ने सूरत से पकड़ा था. वह प्रदेश के टॉप-5 बदमाशों में शामिल था. इस साल मई में पकड़े जाने से पहले वह पांच साल तक पुलिस को चकमा देता रहा. पांच साल पहले पेरोल मिली थी, जिसके बाद वह फरार हो गया था. इसी तरह जोधपुर के ही 1 लाख रुपए के इनामी बदमाश विक्रम नांदिया को पुलिस ने जोधपुर जिले में एक पहाड़ी से गिरफ्तार किया था.

पढ़ें. Rajasthan : महिला अत्याचार के मामले में फजीहत झेल रही राजस्थान पुलिस को आंकड़ों ने दी 'राहत', सजा दिलाने में नेशनल औसत रेट से भी आगे, जानिये पूरी रिपोर्ट

आखिर क्यों घोषित करती है पुलिस इनाम : किसी बड़ी आपराधिक घटना को अंजाम देने वाले बदमाशों की गिरफ्तारी या लंबे समय से पुलिस को चकमा दे रहे अपराधी को पकड़ने के लिए पुलिस उस पर इनाम की घोषणा करती है. अपराध जितना संगीन होता है, इनाम की राशि उतनी ज्यादा होती है. किसी अपराधी पर जारी इनाम की राशि इस पर भी निर्भर करती है कि किस रैंक का अधिकारी इनाम की घोषणा कर रहा है. यानी अलग-अलग रैंक के अधिकारी अलग-अलग इनामी राशि घोषित कर सकते हैं. इसके साथ ही मुखबिर तंत्र को मजबूत करने के लिए भी बदमाशों को पकड़वाने वालों को इनाम दिया जाता है.

गिरफ्तारी पर किसे मिलती है इनाम की राशि : किसी इनामी बदमाश को पकड़ने पर उस पर घोषित इनाम की राशि किसे दी जाती है, इसकी भी अलग-अलग व्यवस्था है. यदि किसी खास मुखबिर की पुख्ता सूचना पर इनामी बदमाश को पुलिस गिरफ्तार करती है तो इनाम की राशि मुखबिर को दी जाती है. यदि पुलिस अपने स्तर पर जानकारी जुटाकर बदमाश को दबोचती है तो इनाम की राशि बदमाश को पकड़ने वाले पुलिसकर्मी या पुलिस टीम को मिलती है.

डीजीपी कर सकेंगे 5 लाख तक के इनाम की घोषणा : पिछले दिनों सरकार ने आदेश जारी कर बदमाशों पर पुलिस अधिकारियों की ओर से घोषित की जाने वाली इनामी राशि में बढ़ोतरी की है. डीजीपी अब पांच लाख रुपए तक के इनाम की घोषणा कर सकेंगे, पहले यह राशि एक लाख रुपए थी. अब एडीजी (क्राइम), एटीएस और एसओजी 50 हजार के स्थान पर 1 लाख रुपए के इनाम की घोषणा कर सकेंगे. रेंज आईजी और कमिश्नर 10 हजार के स्थान पर 50 हजार रुपए और जिला पुलिस अधीक्षक 5 हजार के स्थान पर 25 हजार रुपए तक के इनाम की घोषणा कर सकेंगे.

राजस्थान पुलिस की कार्रवाई

जयपुर. राजस्थान में संगठित अपराध और माफिया पर लगाम कसने के लिए पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर्स और हार्डकोर बदमाशों के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. इसके साथ ही इनामी बदमाशों को पकड़ने के लिए भी पुलिस ने खास मुहिम छेड़ी हुई है. यह मुहिम पुलिस के लिए कितनी खास है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस साल जनवरी से जुलाई तक पुलिस ने एक हजार से ज्यादा इनामी बदमाशों को गिरफ्तार किया है. ऐसे बदमाशों को पकड़ने या पकड़वाने वालों को तय राशि का नकद पुरस्कार दिया जाता है.

इस साल जुलाई तक के आंकड़े : डीजीपी उमेश मिश्रा बताते हैं कि इस साल पुलिस ने जनवरी से जुलाई तक 1073 इनामी बदमाशों को दबोचने में सफलता हासिल की है. इन बदमाशों पर कुल 62 लाख रुपए का इनाम घोषित था. खास बात यह है कि इनमें से 8 बदमाश ऐसे हैं, जिन पर एक-एक लाख रुपए का इनाम था. 13 बदमाशों पर 50-50 हजार रुपए, 2 पर 40-40 हजार रुपए और 45 बदमाशों पर 25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित था. उनका कहना है कि पुलिस मुख्यालय की क्राइम ब्रांच ने 18 इनामी बदमाशों को गिरफ्तार किया है.

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राजस्थान के बाहर जाकर भी दबोचे बदमाश : पुलिस मुख्यालय की क्राइम ब्रांच ने हार्डकोर अपराधी और कुख्यात तस्कर कमल राणा को शिरडी से दबोचा था. उस पर 70 हजार रुपए का इनाम घोषित था. कोटा रेंज के इनामी अपराधी गौरव मेहरा को भी क्राइम ब्रांच ने पकड़ा था. शुभम मेहरा गैंग के इस बदमाश पर 50 हजार रुपए का इनाम था, जबकि कोटा शहर पुलिस ने जिस हार्डकोर अपराधी सलमान उर्फ शफीक मोहम्मद पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा था. उसे भी क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था. राजू ठेहट हत्याकांड के आरोपी कमल डेलू, श्रवण सिंवार और विजयपाल विश्नोई को पुलिस ने महाराष्ट्र से दबोचा था.

Crime in Rajasthan
राजस्थान में माफियाओं पर 'लगाम'

अजयपाल को सूरत से, विक्रम नांदिया को पहाड़ी से दबोचा : जोधपुर के कुख्यात बदमाश और 1 लाख रुपए के इनामी बदमाश अजयपाल को जोधपुर पुलिस ने सूरत से पकड़ा था. वह प्रदेश के टॉप-5 बदमाशों में शामिल था. इस साल मई में पकड़े जाने से पहले वह पांच साल तक पुलिस को चकमा देता रहा. पांच साल पहले पेरोल मिली थी, जिसके बाद वह फरार हो गया था. इसी तरह जोधपुर के ही 1 लाख रुपए के इनामी बदमाश विक्रम नांदिया को पुलिस ने जोधपुर जिले में एक पहाड़ी से गिरफ्तार किया था.

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आखिर क्यों घोषित करती है पुलिस इनाम : किसी बड़ी आपराधिक घटना को अंजाम देने वाले बदमाशों की गिरफ्तारी या लंबे समय से पुलिस को चकमा दे रहे अपराधी को पकड़ने के लिए पुलिस उस पर इनाम की घोषणा करती है. अपराध जितना संगीन होता है, इनाम की राशि उतनी ज्यादा होती है. किसी अपराधी पर जारी इनाम की राशि इस पर भी निर्भर करती है कि किस रैंक का अधिकारी इनाम की घोषणा कर रहा है. यानी अलग-अलग रैंक के अधिकारी अलग-अलग इनामी राशि घोषित कर सकते हैं. इसके साथ ही मुखबिर तंत्र को मजबूत करने के लिए भी बदमाशों को पकड़वाने वालों को इनाम दिया जाता है.

गिरफ्तारी पर किसे मिलती है इनाम की राशि : किसी इनामी बदमाश को पकड़ने पर उस पर घोषित इनाम की राशि किसे दी जाती है, इसकी भी अलग-अलग व्यवस्था है. यदि किसी खास मुखबिर की पुख्ता सूचना पर इनामी बदमाश को पुलिस गिरफ्तार करती है तो इनाम की राशि मुखबिर को दी जाती है. यदि पुलिस अपने स्तर पर जानकारी जुटाकर बदमाश को दबोचती है तो इनाम की राशि बदमाश को पकड़ने वाले पुलिसकर्मी या पुलिस टीम को मिलती है.

डीजीपी कर सकेंगे 5 लाख तक के इनाम की घोषणा : पिछले दिनों सरकार ने आदेश जारी कर बदमाशों पर पुलिस अधिकारियों की ओर से घोषित की जाने वाली इनामी राशि में बढ़ोतरी की है. डीजीपी अब पांच लाख रुपए तक के इनाम की घोषणा कर सकेंगे, पहले यह राशि एक लाख रुपए थी. अब एडीजी (क्राइम), एटीएस और एसओजी 50 हजार के स्थान पर 1 लाख रुपए के इनाम की घोषणा कर सकेंगे. रेंज आईजी और कमिश्नर 10 हजार के स्थान पर 50 हजार रुपए और जिला पुलिस अधीक्षक 5 हजार के स्थान पर 25 हजार रुपए तक के इनाम की घोषणा कर सकेंगे.

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