जयपुर. त्योहारी सीजन में दूध, मावा, घी, पनीर, तेल और मसालों के साथ ही खाद्य वस्तुओं मे मिलावट की आशंका अधिक होती है. ऐसे में इसके रोकथाम को चिकित्सा विभाग की ओर से प्रदेश भर में विशेष अभियान चलाया जा (Campaign against adulteration in Rajasthan) रहा है. जिसके तहत विभागीय टीम ने प्रदेश भर से हजारों लीटर मिलावटी तेल, घी के साथ ही भारी मात्रा में मिर्च और मसाले जब्त (Large quantity of oil spices seized) किए हैं. खैर, सूबे में चिकित्सा विभाग की ओर से समय-समय पर मिलावट के खिलाफ अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जाती है. वहीं, अब विभाग की ओर से मिलावटी वस्तुओं की जांच की विधि (Check adulteration in this way) बताई जा रही है, ताकि हर व्यक्ति घर बैठे बाजार से खरीदी गई वस्तुओं की जांच कर सके.
जयपुर स्थित राज्य केंद्रीय जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला में हर साल भारी मात्रा में खाद्य पदार्थों के सैंपल जांच के लिए आते हैं. लेकिन अब खाद्य पदार्थों की जांच करने वाले एनालिस्ट का कहना है कि घी, तेल और मसालों में मिलावट का पता घर बैठे भी लगाया जा सकता है. इसके लिए महज टिंचर आयोडीन और हाइड्रोक्लोरिक एसिड की जरूरत होती है. बताया गया कि मूंगफली के तेल में मिलावट की जांच के लिए परखनली में तेल के बराबर नाइट्रिक एसिड डालकर हिलाने पर अगर रंग गहरा होता है तो उसमें मिलावट होने की पुष्टि होती है.
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इसी तरह लाल मिर्च में मिलावट की जांच के लिए मिर्च को पानी में घोलकर देख सकते हैं. यदि मिर्च पानी में गहरा रंग छोड़ती है तो जान लीजिए कि मिर्च मिलावटी है. ठीक ऐसे ही हल्दी में मिलावट की जांच के लिए हल्दी को पानी में घोलकर उसमें हाइड्रोक्लोरिक एसिड की दो-चार बूंद डालने के बाद यदि रंग गहरा लाल हो जाता है तो हल्दी में मिलावट की पुष्टि होती है.
इसके अलावा चाय की पत्ती में मिलावट की जांच के लिए एक कागज पर पानी डालकर हाथ से पत्ती को रगड़ने पर अगर पत्ती का रंग लाल हो जाता है तो साफ है कि चायपत्ती में मिलावट हुई है. इसी तरह शुद्ध केसर पानी में आसानी से घुल जाता है, जबकि नकली केसर पानी में नहीं घुलता है. आगे बताया गया कि सरसों के तेल में मिलावट की जांच के लिए एक परखनली में तेल के बराबर नाइट्रिक एसिड डालने पर यदि रंग गुलाबी होता है तो तेल में मिलावट होने की बात साफ हो जाती है.
कुछ इसी प्रकार बेसन में मिलावट का पता लगाने के लिए परखनली में बेसन को पानी में घोलकर उसमें हाइड्रोक्लोरिक एसिड की दो-चार बूंद डालकर उसे गर्म करें. वहीं, अगर गर्म करने पर पहले गुलाबी रंग आता है और इसके बाद यदि हल्का बैंगनी रंग दिखाई दे तो समझ लें कि बेसन में मिलावट हुई है.
हाल ही में राज्य सरकार की ओर से मिलावट को लेकर एक बिल भी विधानसभा में पारित किया गया है. जिसके तहत कुछ धाराओं में संशोधन भी हुए हैं और जब यह कानून प्रदेश में लागू होगा तो उसके बाद मिलावट करना एक गैर जमानती अपराध माना जाएगा. जिसके तहत मिलावटखोरों को एक से 7 साल की सजा के अलावा उन पर जुर्माने भी लगेंगे.