जयपुर. चुनावी साल में अपनी-अपनी मांगों को लेकर अलग-अलग कैडर के सरकारी कर्मचारी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं. इसी कड़ी में अब जेलकर्मी भी सरकार की चिंता बढ़ाएंगे. दरअसल, वेतन विसंगति दूर करने की अपनी कई साल पुरानी मांग को लेकर प्रदेश की 100 से अधिक जेलों में तैनात तीन हजार से ज्यादा कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मंगलवार से मोर्चा खोल दिया है. अपने इस आंदोलन को लेकर बुधवार को आज दूसरे दिन भी जेल कर्मचारियों ने बाजू पर काली पट्टी बांधकर काम करते हुए अपना विरोध प्रदर्शन किया है. अब अगले पांच दिन तक जेलकर्मी इसी तरह बाजू पर काली पट्टी बांधकर काम करेंगे और छह साल पहले किए गए वादे की याद सरकार को दिलाएंगे. इस बीच यदि सरकार ने उनकी मांग पर सुनवाई नहीं की तो वे मैस का बहिष्कार कर आंदोलन को गति देंगे.
आंदोलन कर रहे जेलकर्मियों का कहना है कि वेतन विसंगति दूर करने की उनकी मांग कई साल पुरानी है. साल 1988 से 1998 तक कारागार विभाग में प्रहरी व मुख्य प्रहरी का वेतनमान पुलिस विभाग के कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल के बराबर था. लेकिन वित्त विभाग द्वारा 1 मार्च 1998 को पुलिस विभाग के कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन किया गया था. इसके बाद से जेल कर्मियों के वेतनमान में असमानता उत्पन्न हुई है. जेलकर्मी इसी वेतन विसंगति को दूर करने की मांग कर रहे हैं.
जेलकर्मियों के साथ सरकार ने 2017 में किया था समझौता : अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि 2017 में सभी जेल कार्मिकों ने मैस का बहिष्कार कर भूखे रहकर ड्यूटी का निर्वहन किया था. इस पर राज्य सरकार व विभाग के उच्च अधिकारियों के बीच 9 जुलाई 2017 को लिखित समझौता हुआ. जिसमें जेल कर्मियों का वेतन पुलिस महकमे के समान करने पर सहमति दी गई थी. लेकिन आज तक इस समझौते को लागू नहीं किया गया है. इसी मांग को लेकर अब जेलकर्मी एक बार फिर आंदोलन की राह पर हैं. अब भी सरकार ने इनकी सुनवाई नहीं की तो ये मैस का बहिष्कार भी करेंगे.
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सीएम के आश्वासन के बाद भी अधूरी रही आस : वेतन विसंगति दूर करने की अपनी मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे जेलकर्मियों ने इस साल 13 जनवरी को मैस का बहिष्कार कर ड्यूटी का निर्वहन किया था. इस पर 18 जनवरी को प्रशानिक अधिकारियों के आश्वासन के बाद मैस का बहिष्कार वापस लिया गया. प्रतिनिधि मंडल से सीएम अशोक गहलोत भी मिले और जेलकर्मियों की मांग पर सकारात्मक कार्रवाई का भरोसा दिलाया था, लेकिन अभी तक समस्या जस की तस है. ऐसे में अब जेलकर्मियों ने एक बार फिर आंदोलन शुरू कर दिया है.