जयपुर: राजस्थान हाउसिंग बोर्ड में जेईएन, एईएन, क्लर्क और दूसरे पदों पर भर्ती प्रक्रिया का रास्ता साफ हो गया है. हाउसिंग बोर्ड में चल रहे 700 से ज्यादा रिक्त पदों में से 311 पदों पर भर्ती के लिए राज्य सरकार ने स्वीकृति दे दी है. आवासन बोर्ड कर्मचारी संघ के प्रांतीय सम्मेलन में कमिश्नर पवन अरोड़ा ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि ये भर्तियां राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड के माध्यम से होंगी. लेकिन कर्मचारी चयन बोर्ड के पास काम की व्यस्तता है. ऐसे में हाउसिंग बोर्ड इस भर्ती को अपने स्तर पर कराए, इस संबंध में राज्य सरकार को लिखा जाएगा.
राजस्थान आवासन बोर्ड कर्मचारी संघ के दसवें प्रांतीय सम्मेलन कार्यक्रम में पहुंचे आवासन आयुक्त ने कर्मचारियों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार की ओर से 311 पदों पर भर्तियां किराए जाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि 3 साल बाद हुए कर्मचारियों के प्रांतीय अधिवेशन में राजस्थान में पदस्थापित चतुर्थ श्रेणी से लेकर चीफ इंजीनियर तक सभी अधिकारी-कर्मचारी हाउसिंग बोर्ड का पार्ट हैं. सभी मिलकर बोर्ड के विकास में कार्य कर रहे हैं. उन्होंने भर्तियों की जानकारी देते हुए बताया कि हाउसिंग बोर्ड ने राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा हुआ था. जिस पर राज्य सरकार ने मंजूरी देते हुए 311 पद सृजित करने की स्वीकृति दी है.
इसमें 100 जेईएन, 50 एईएन, 50 लिपिक संवर्ग, 50 कनिष्ठ लेखाकार शामिल है. इसके अलावा लॉ सेक्शन और टाउन प्लानिंग में भी भर्ती की जाएगी. इससे हाउसिंग बोर्ड को मजबूती मिलेगी. उन्होंने बताया कि वर्तमान में 900 में से 725 पद खाली पड़े थे. साथ ही कर्मचारियों की औसतन आयु 57 वर्ष है. ऐसी स्थिति में हाउसिंग बोर्ड ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है. आने वाले समय में नई भर्तियां होने से नई ऊर्जा का संचार होगा. यूथ के जुड़ने से और ज्यादा गति से उपलब्धियां हासिल कर पाएंगे.
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आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने बताया कि अभी राज्य सरकार की ओर से दी गई स्वीकृति के अनुसार ये भर्तियां राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड के माध्यम से होंगी. लेकिन कर्मचारी चयन बोर्ड के पास काफी व्यस्तता है. ऐसे में राज्य सरकार को लिखा जाएगा कि हाउसिंग बोर्ड को अपने स्तर पर एमएनआईटी या किसी और संस्था के माध्यम से भर्ती कराने की छूट दी जाए.
मण्डल एक्ट में दोबारा होगा संशोधन, अब मिलेंगे पट्टे जारी करने के अधिकारः आवासन आयुक्त ने बताया कि उन्होंने आते ही मण्डल एक्ट में संशोधन के प्रयास किए. अब मण्डल को अतिक्रमण हटाने और बकाया न जमा कराने वाले की सम्पत्ति के कुर्की जैसे अधिकार मिले हैं. कर्मचारियों के सहयोग से पिछले एक साल में मण्डल ने लगभग 1 लाख 4 हजार 410 वर्ग मीटर भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवाया है. जिसका अनुमानित मूल्य 807 करोड़ रुपए है. उन्होंने बताया कि मण्डल एक्ट में एक और संशोधन होने जा रहा है, जिसके बाद मण्डल को अपनी अवाप्तशुदा जमीनों पर पट्टे जारी करने के अधिकार मिल जाएंगे. इस दौरान आवासन आयुक्त ने राजस्थान आवासन बोर्ड कर्मचारी संघ की ओर से प्रकाशित स्मारिका का विमोचन भी किया.