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वरिष्ठ प्रयोगशाला सहायक को बीएलओ लगाया, हाईकोर्ट ने लगाई रोक - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट ने वरिष्ठ प्रयोगशाला सहायत को बीएलओ (High Court stayed the order) लगाने के आदेश पर रोक लगा दी है. साथ ही कोर्ट ने अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

Rajasthan High Court,  High Court stayed the order
वरिष्ठ प्रयोगशाला सहायक को बीएलओ लगाया.
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Published : Jul 15, 2023, 4:41 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वरिष्ठ प्रयोगशाला सहायक को बीएलओ लगाने के आदेश पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में प्रमुख शिक्षा सचिव, एसडीओ भीलवाड़ा और स्थानीय स्कूल के प्रिंसिपल को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि वरिष्ठ प्रयोगशाला सहायक को बिना सहमति बीएलओ नियुक्त क्यों किया गया और जब उसने काम नहीं किया तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के लिए नोटिस क्यों जारी किए गए. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश महावीर जैन की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता वरिष्ठ प्रयोगशाला सहायक के तौर पर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रताप नगर भीलवाड़ा में कार्यरत हैं. याचिकाकर्ता के पास स्कूल की अपनी प्रयोगशाला के साथ ही स्कूल की दो अन्य प्रयोगशालाओं के काम की भी जिम्मेदारी है. वहीं निर्वाचन विभाग ने गत 23 मई को उसे बूथ लेवल अधिकारी नियुक्त कर दिया, जबकि इसके लिए याचिकाकर्ता से सहमति भी नहीं ली गई. दूसरी ओर वह बीएलओ का काम करने के लिए प्रशिक्षित भी नहीं है.

पढ़ेंः Rajasthan High Court : गैर RAS से IAS के पदों पर की जा रही पदोन्नति प्रक्रिया पर रोक

वहीं जब प्रयोगशालाओं का काम अधिक होने के चलते उसने बीएलओ का काम नहीं किया तो एसडीओ भीलवाड़ा ने उसे निलंबित करने के लिए उसके सोशल मीडिया पर मैसेज भी कर दिया. याचिका में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट तय कर चुका है कि किसी भी शिक्षक को उसकी सहमति के बिना चुनावी कार्यो में नहीं लगाया जा सकता. इसके अलावा यहां पूर्व में तैनात बीएलओ को फायदा देने के लिए याचिकाकर्ता को उसके स्थान पर लगाया गया है, जबकि याचिकाकर्ता ने वीआरएस लेने के लिए भी विभाग में आवेदन कर रखा है. निर्वाचन विभाग ने भी अप्रशिक्षित कर्मचारी को बीएलओ नहीं लगाने को कह रखा है, लेकिन याचिकाकर्ता के अप्रशिक्षित होने के बावजूद उसे बीएलओ लगाया गया है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ता को बीएलओ लगाने के आदेश पर रोक लगा दी है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वरिष्ठ प्रयोगशाला सहायक को बीएलओ लगाने के आदेश पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में प्रमुख शिक्षा सचिव, एसडीओ भीलवाड़ा और स्थानीय स्कूल के प्रिंसिपल को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि वरिष्ठ प्रयोगशाला सहायक को बिना सहमति बीएलओ नियुक्त क्यों किया गया और जब उसने काम नहीं किया तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के लिए नोटिस क्यों जारी किए गए. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश महावीर जैन की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता वरिष्ठ प्रयोगशाला सहायक के तौर पर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रताप नगर भीलवाड़ा में कार्यरत हैं. याचिकाकर्ता के पास स्कूल की अपनी प्रयोगशाला के साथ ही स्कूल की दो अन्य प्रयोगशालाओं के काम की भी जिम्मेदारी है. वहीं निर्वाचन विभाग ने गत 23 मई को उसे बूथ लेवल अधिकारी नियुक्त कर दिया, जबकि इसके लिए याचिकाकर्ता से सहमति भी नहीं ली गई. दूसरी ओर वह बीएलओ का काम करने के लिए प्रशिक्षित भी नहीं है.

पढ़ेंः Rajasthan High Court : गैर RAS से IAS के पदों पर की जा रही पदोन्नति प्रक्रिया पर रोक

वहीं जब प्रयोगशालाओं का काम अधिक होने के चलते उसने बीएलओ का काम नहीं किया तो एसडीओ भीलवाड़ा ने उसे निलंबित करने के लिए उसके सोशल मीडिया पर मैसेज भी कर दिया. याचिका में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट तय कर चुका है कि किसी भी शिक्षक को उसकी सहमति के बिना चुनावी कार्यो में नहीं लगाया जा सकता. इसके अलावा यहां पूर्व में तैनात बीएलओ को फायदा देने के लिए याचिकाकर्ता को उसके स्थान पर लगाया गया है, जबकि याचिकाकर्ता ने वीआरएस लेने के लिए भी विभाग में आवेदन कर रखा है. निर्वाचन विभाग ने भी अप्रशिक्षित कर्मचारी को बीएलओ नहीं लगाने को कह रखा है, लेकिन याचिकाकर्ता के अप्रशिक्षित होने के बावजूद उसे बीएलओ लगाया गया है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ता को बीएलओ लगाने के आदेश पर रोक लगा दी है.

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