जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आरटीई कानून के तहत निजी स्कूलों में पहली कक्षा में बच्चों को प्रवेश (Rajasthan High Court stayed the implementation) देने की बाध्यता से जुडे़ मामले में राज्य सरकार के गत 6 व 7 सितंबर के आदेशों की क्रियांविति पर रोक लगा दी है. साथ ही अदालत ने मामले में शिक्षा विभाग से जवाब तलब किया है. अदालत ने स्पष्ट किया है कि रोक याचिकाकर्ता के मामले तक ही सीमित रहेगी. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश मैनेजिंग कमेटी महाराजा सवाई मानसिंह विद्यालय की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता अनुरूप सिंघी ने बताया कि स्कूल शिक्षा निदेशक व जिला शिक्षा अधिकारी ने गत 6 व 7 सितंबर को आदेश जारी कर कहा कि याचिकाकर्ता सहित अन्य स्कूलों ने शैक्षणिक सत्र 2022-23 में आरटीई कानून का उल्लंघन करते हुए पहली कक्षा में बच्चों को प्रवेश नहीं दिया है. ऐसे में क्यों ना उनको दी गई मान्यता को वापस ले लिया जाए.
पढ़ेंः आरटीई के तहत 1.38 लाख बच्चों को मिला निजी स्कूलों में प्रवेश, जयपुर में सबसे ज्यादा
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि आरटीई कानून के प्रावधानों के अनुसार जिन स्कूलों में प्री-प्राइमरी शिक्षा है, वे स्कूल बच्चों को प्री-प्राइमरी सेक्शन में ही प्रवेश देंगे. इसके अलावा हाईकोर्ट ने भी इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर रखे हैं. ऐसे में याचिकाकर्ता ने आरटीई कानून के प्रावधानों की अवहेलना नहीं की है और वे प्री-प्राइमरी सेक्शन में बच्चों को प्रवेश देने के लिए तैयार हैं. इसलिए उनके खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर रोक लगाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने राज्य सरकार से जवाब तलब करते हुए याचिकाकर्ता स्कूल के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी है.