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तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती: मेरिट में आने के बाद भी विशेष शिक्षक को नियुक्ति नहीं देने पर मांगा जवाब - Third grade teacher

तृतीय श्रेणी विशेष शिक्षक भर्ती 2022 में कट ऑफ में आने के बाद भी नियुक्ति नहीं देने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 6, 2024, 8:23 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी विशेष शिक्षक भर्ती 2022 की कट ऑफ में आने के बावजूद भी नियुक्ति नहीं देने पर शिक्षा सचिव, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक और कर्मचारी चयन बोर्ड सचिव से जवाब तलब किया है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश विवेक पारीक की याचिका पर दिए. अदालत ने संबंधित अधिकारियों से पूछा है कि पात्र होने के बाद भी याचिकाकर्ता को नियुक्ति क्यों नहीं दी गई और क्यों ना उसे नियुक्ति देने के आदेश दिए जाए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने तृतीय श्रेणी शिक्षक के 20471 पदों पर 16 दिसंबर, 2022 को भर्ती निकाली. इनमें से 2633 पद विशेष शिक्षकों के लिए थे. याचिका में कहा गया कि उसने भर्ती में शामिल होकर कट ऑफ से अधिक अंक हासिल किए. इसके अलावा उसने बोर्ड में 42 फीसदी दिव्यांगता का प्रमाण पत्र भी पेश कर दिया. इसके बावजूद भी चयन बोर्ड ने उसे यह कहते हुए चयन से वंचित कर दिया कि बीएड की डिग्री में परिणाम जारी होने की तिथि शिक्षक भर्ती के आवेदन के बाद की है.

पढ़ें: राजस्थान हाईकोर्ट ने चयन के बावजूद नियुक्ति नहीं देने पर मांगा जवाब

याचिका में कहा गया कि उसके बीएड पाठ्यक्रम का ऑनलाइन परिणाम शिक्षक भर्ती के आवेदन से पूर्व ही आ गया था और उसे ऑनलाइन अंक तालिका भी मिल गई थी. इसके बाद उसने भारतीय पुनर्वास परिषद में अपना पंजीकरण भी करा लिया था. ऐसे में उसे नियुक्ति से वंचित करना गलत है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी विशेष शिक्षक भर्ती 2022 की कट ऑफ में आने के बावजूद भी नियुक्ति नहीं देने पर शिक्षा सचिव, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक और कर्मचारी चयन बोर्ड सचिव से जवाब तलब किया है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश विवेक पारीक की याचिका पर दिए. अदालत ने संबंधित अधिकारियों से पूछा है कि पात्र होने के बाद भी याचिकाकर्ता को नियुक्ति क्यों नहीं दी गई और क्यों ना उसे नियुक्ति देने के आदेश दिए जाए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने तृतीय श्रेणी शिक्षक के 20471 पदों पर 16 दिसंबर, 2022 को भर्ती निकाली. इनमें से 2633 पद विशेष शिक्षकों के लिए थे. याचिका में कहा गया कि उसने भर्ती में शामिल होकर कट ऑफ से अधिक अंक हासिल किए. इसके अलावा उसने बोर्ड में 42 फीसदी दिव्यांगता का प्रमाण पत्र भी पेश कर दिया. इसके बावजूद भी चयन बोर्ड ने उसे यह कहते हुए चयन से वंचित कर दिया कि बीएड की डिग्री में परिणाम जारी होने की तिथि शिक्षक भर्ती के आवेदन के बाद की है.

पढ़ें: राजस्थान हाईकोर्ट ने चयन के बावजूद नियुक्ति नहीं देने पर मांगा जवाब

याचिका में कहा गया कि उसके बीएड पाठ्यक्रम का ऑनलाइन परिणाम शिक्षक भर्ती के आवेदन से पूर्व ही आ गया था और उसे ऑनलाइन अंक तालिका भी मिल गई थी. इसके बाद उसने भारतीय पुनर्वास परिषद में अपना पंजीकरण भी करा लिया था. ऐसे में उसे नियुक्ति से वंचित करना गलत है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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