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Rajasthan High Court: नगरीय निकाय में सफाई कार्य का अनुभव रखने वालों को भर्ती में वरीयता देने पर मांगा जवाब - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट ने नगरीय निकाय में सफाई कार्य का अनुभव रखने वालों को भर्ती में वरीयता देने पर प्रमुख स्वायत्त शासन सचिव से जवाब मांगा है.

Rajasthan High Court,  High Court seeks response
राजस्थान हाईकोर्ट.
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Published : Aug 19, 2023, 9:03 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने स्वायत्त शासन विभाग की ओर से आयोजित सफाई कर्मचारी भर्ती 2023 में नगरीय निकाय में सफाई करने का न्यूनतम एक साल का अनुभव रखने वालों को प्रथम वरीयता देने का प्रावधान करने पर प्रमुख स्वायत्त शासन सचिव अन्य से जवाब मांगा है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश गोपी कृष्ण मीणा व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अदालत को बताया कि स्वायत्त शासन विभाग ने गत 9 जून को सफाई कर्मचारी भर्ती के लिए आवेदन मांगें. वहीं, विभाग ने 11 जुलाई को संशोधित विज्ञापन जारी कर सफाई कर्मचारी के पद की योग्यता में संशोधन कर नगरीय निकाय में सफाई का अनुभव रखने वाले अभ्यर्थियों के अलावा अन्य विभागों, स्वायत्तशासी संस्था और निजी संस्थानों में काम करने का अनुभव रखने वालों को भी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर पात्र माना.

पढ़ेंः Rajasthan High Court: नगरीय निकायों में सफाई कर्मियों की भर्ती में अनियमितता पर मांगा जवाब

याचिका में कहा गया कि विभाग ने 22 जुलाई को फिर से दिशा-निर्देश जारी कर नगरीय निकाय में संविदा आदि पर सफाई करने का न्यूनतम एक साल का अनुभव रखने वाले अभ्यर्थियों को प्रथम वरीयता देने का प्रावधान कर दिया. याचिका में कहा गया कि एक बार चयन प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियमों में संशोधन नहीं किया जा सकता. इसके अलावा सिर्फ नगरीय निकाय में काम करने का अनुभव रखने वाले अभ्यर्थियों को ही वरीयता दिया जाना समानता के अधिकार के खिलाफ है. ऐसे में इस प्रावधान को रद्द किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने स्वायत्त शासन विभाग की ओर से आयोजित सफाई कर्मचारी भर्ती 2023 में नगरीय निकाय में सफाई करने का न्यूनतम एक साल का अनुभव रखने वालों को प्रथम वरीयता देने का प्रावधान करने पर प्रमुख स्वायत्त शासन सचिव अन्य से जवाब मांगा है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश गोपी कृष्ण मीणा व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अदालत को बताया कि स्वायत्त शासन विभाग ने गत 9 जून को सफाई कर्मचारी भर्ती के लिए आवेदन मांगें. वहीं, विभाग ने 11 जुलाई को संशोधित विज्ञापन जारी कर सफाई कर्मचारी के पद की योग्यता में संशोधन कर नगरीय निकाय में सफाई का अनुभव रखने वाले अभ्यर्थियों के अलावा अन्य विभागों, स्वायत्तशासी संस्था और निजी संस्थानों में काम करने का अनुभव रखने वालों को भी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर पात्र माना.

पढ़ेंः Rajasthan High Court: नगरीय निकायों में सफाई कर्मियों की भर्ती में अनियमितता पर मांगा जवाब

याचिका में कहा गया कि विभाग ने 22 जुलाई को फिर से दिशा-निर्देश जारी कर नगरीय निकाय में संविदा आदि पर सफाई करने का न्यूनतम एक साल का अनुभव रखने वाले अभ्यर्थियों को प्रथम वरीयता देने का प्रावधान कर दिया. याचिका में कहा गया कि एक बार चयन प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियमों में संशोधन नहीं किया जा सकता. इसके अलावा सिर्फ नगरीय निकाय में काम करने का अनुभव रखने वाले अभ्यर्थियों को ही वरीयता दिया जाना समानता के अधिकार के खिलाफ है. ऐसे में इस प्रावधान को रद्द किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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