जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सिंगल यूज प्लास्टिक से जुड़े मामले में कहा कि इस संबंध में भारत सरकार की ओर से 12 अगस्त, 2021 को जारी अधिसूचना को प्रभावी तरीके से लागू करने में राज्य सरकार का अब तक सुस्त और लापरवाह रवैया रहा है. इसके साथ ही अदालत ने आदेश की कॉपी मुख्य सचिव, प्रदूषण नियंत्रण मंडल, पर्यावरण मंत्रालय, वन एवं जलवायु परिवर्तन सचिव सहित अन्य को भेजते हुए इस अधिसूचना का तत्काल प्रभावी क्रियान्वयन करने को कहा है.
वहीं, अदालत ने माना है कि प्लास्टिक कोटेड पेपर कप भी सिंगल यूज प्लास्टिक की श्रेणी में आते हैं. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश मैसर्स खंडेलवाल पेपर इंडस्ट्रीज व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए दिए. याचिका में कहा गया कि वह कच्चे माल का प्रोडक्शन करती है, जिसका उपयोग प्लास्टिक कोटेड पेपर कप बनाने में होता है. इसमें प्लास्टिक की मात्रा काफी कम होती है.
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इधर, इस माल का उपयोग प्लेट और ग्लास बनाने में भी किया जाता है. केन्द्र सरकार ने 12 अगस्त, 2021 को अधिसूचना जारी कर सिंगल यूज प्लास्टिक के निर्माण, विक्रय, भंडारण और उपयोग पर बैन लगा दिया था. इस अधिसूचना के तहत राज्य सरकार ने याचिकाकर्ता फर्म को बंद करने का नोटिस दे दिया है. याचिका में कहा गया है कि वह इस अधिसूचना के तहत नहीं आते हैं. ऐसे में उनको दिए नोटिस को रद्द किया जाए. जिसका विरोध करते हुए केन्द्र सरकार की ओर से अधिवक्ता संदीप पाठक ने कहा कि पेपर कप में कोटिंग के लिए प्लास्टिक की मात्रा मायने नहीं रखती है. ऐसा प्लास्टिक सिंगल यूज प्लास्टिक की श्रेणी में आता है और इस अधिसूचना के तहत इसका निर्माण और बिक्री आदि नहीं हो सकती है. दोनों पक्षों को सुनकर अदालत ने याचिकाओं को खारिज करते हुए अधिसूचना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं.