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अनुकंपा नियुक्ति का आवेदन लंबित रहते पुत्री के शादी करने पर नहीं कर सकते नियुक्ति से वंचित

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Published : Nov 5, 2022, 4:58 PM IST

अनुकंपा नियुक्ति के एक मामले में कोर्ट ने कहा है कि आवेदन के लंबित रहने के दौरान अगर आवेदनकर्ता पुत्री शादी कर ले, तो भी उसे नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता (compassionate appointment to Married daughter) है. कोर्ट ने सरकार को आदेश दिए हैं कि वह याचिकाकर्ता पुत्री को तीन माह में सभी परिलाभों के साथ नियुक्ति दे.

Rajasthan High court says if daughter marriage during compassionate appointment
अनुकंपा नियुक्ति का आवेदन लंबित रहते पुत्री के शादी करने पर नहीं कर सकते नियुक्ति से वंचित

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि अनुकंपा नियुक्ति के लिए किए गए आवेदन के लंबित रहने के दौरान आवेदनकर्ता पुत्री के शादी करने पर उसे नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा (compassionate appointment to Married daughter) सकता. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह याचिकाकर्ता को तीन माह में सभी परिलाभों के साथ अनुकंपा नियुक्ति दे. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश काक्षमा चतुर्वेदी की याचिका पर दिए.

अदालत ने कहा कि अनुकंपा नियुक्ति का आवेदन करते समय याचिकाकर्ता अविवाहित थी और उसने आवेदन करने के करीब एक साल बाद विवाह किया था. इसके अलावा हाईकोर्ट तय कर चुका है कि विवाहित बेटी की अनुकंपा नियुक्ति की हकदार है. याचिका में अधिवक्ता सुनील समदडिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के द्वितीय श्रेणी शिक्षक पिता की नवंबर 2008 में मौत हो गई थी. इस पर याचिकाकर्ता ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया था.

पढ़ें: राजस्थान में अब 45 दिन में देनी होगी अनुकंपा नियुक्ति, नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी, कार्मिक विभाग ने जारी किए आदेश

वहीं आवेदन लंबित रहने के दौरान दिसंबर 2009 में उसने विवाह कर लिया. इसके करीब चार साल में भी अनुकंपा नियुक्ति नहीं देने पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति दिलाने की गुहार की. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता के विवाहित होने के कारण उसे अनुकंपा नियुक्ति नहीं दे सकते. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को तीन माह में समस्त परिलाभों सहित नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि अनुकंपा नियुक्ति के लिए किए गए आवेदन के लंबित रहने के दौरान आवेदनकर्ता पुत्री के शादी करने पर उसे नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा (compassionate appointment to Married daughter) सकता. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह याचिकाकर्ता को तीन माह में सभी परिलाभों के साथ अनुकंपा नियुक्ति दे. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश काक्षमा चतुर्वेदी की याचिका पर दिए.

अदालत ने कहा कि अनुकंपा नियुक्ति का आवेदन करते समय याचिकाकर्ता अविवाहित थी और उसने आवेदन करने के करीब एक साल बाद विवाह किया था. इसके अलावा हाईकोर्ट तय कर चुका है कि विवाहित बेटी की अनुकंपा नियुक्ति की हकदार है. याचिका में अधिवक्ता सुनील समदडिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के द्वितीय श्रेणी शिक्षक पिता की नवंबर 2008 में मौत हो गई थी. इस पर याचिकाकर्ता ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया था.

पढ़ें: राजस्थान में अब 45 दिन में देनी होगी अनुकंपा नियुक्ति, नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी, कार्मिक विभाग ने जारी किए आदेश

वहीं आवेदन लंबित रहने के दौरान दिसंबर 2009 में उसने विवाह कर लिया. इसके करीब चार साल में भी अनुकंपा नियुक्ति नहीं देने पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति दिलाने की गुहार की. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता के विवाहित होने के कारण उसे अनुकंपा नियुक्ति नहीं दे सकते. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को तीन माह में समस्त परिलाभों सहित नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं.

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