जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सौम्या गुर्जर (Rajasthan HC On Saumya Gurjar) को राहत देते हुए राज्य सरकार के 27 सितंबर के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसके तहत राज्य सरकार ने सौम्या गुर्जर को मेयर पद से बर्खास्त कर दिया था. जस्टिस महेंद्र गोयल ने यह आदेश सौम्या गुर्जर की याचिका को निस्तारित करते हुए दिए. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि राज्य सरकार ज्यूडिशियल इन्क्वायरी के आधार पर सौम्या को नए सिरे से नोटिस जारी करे और सौम्या का पक्ष सुनकर नए सिरे से आदेश जारी करे.
सुबह सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की ओर से राज्य सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल मेहता को कहा गया कि वह आधे घंटे में सौम्या गुर्जर का बर्खास्तगी आदेश को वापस ले और उन्हें नए सिरे से आदेश जारी करें. इसके बाद हुई सुनवाई में अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने सौम्या गुर्जर को नए सिरे से नोटिस देना तय किया है. इस पर अदालत ने दोनों पक्षों को सुनकर सौम्या गुर्जर को बर्खास्त करने के आदेश को निरस्त कर दिया है.
अदालत ने स्पष्ट किया है कि जब सौम्या को हटाने वाला राज्य सरकार का 27 सितंबर का आदेश ही अब अस्तित्व में नहीं है तो फिर ग्रेटर नगर निगम के मेयर पद के लिए चुनाव करवाए जाने का भी कोई औचित्य नहीं है और ना ही इसके लिए अभी चुनाव हो सकते हैं.
राज्य निर्वाचन आयोग को लिखित आदेश का इंतजार- प्रकरण को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग आदेश का इंतजार कर रहा है. आयुक्त मधुकर गुप्ता ने कहा कि आदेश की प्रति आने के बाद कोई फैसला लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि आदेश आने के बाद आयोग चुनाव प्रक्रिया रद्द करने के बारे में फैसला लेगा. गुप्ता ने कहा कि हमने जब चुनाव प्रक्रिया शुरू की थी तब भी सरकार के लिखित आदेश पर की थी. इसलिए बिना लिखित आदेश के कोई निर्णय नहीं करेंगे. लिखित आदेश के बाद विधिसम्मत प्रक्रिया अपनाई जाएगी.
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गौरतलब है कि ग्रेटर निगम के तत्कालीन आयुक्त यज्ञ मित्र देव सिंह से अभद्रता के मामले में राज्य सरकार ने सौम्या गुर्जर को मेयर पद से बर्खास्त करते हुए छह साल के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी.
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