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Rajasthan High Court: पूर्व वित्तीय सलाहकार को चिकित्सा राशि के पुनर्भरण करने के दिए आदेश

राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्व वित्तीय (Rajasthan High Court orders) सलाहकार को चिकित्सा राशि के पुनर्भरण के आदेश राज्य सरकार को दिए हैं.

Rajasthan High Court,  Rajasthan High Court orders
पूर्व वित्तीय सलाहकार को चिकित्सा राशि के पुनर्भरण करने के दिए आदेश.
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 12, 2023, 9:04 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह इंदिरा गांधी नगर मंडल के पूर्व वित्तीय सलाहकार को घुटनों के ऑपरेशन में खर्च हुए 1.81 लाख रुपए की राशि का तीन माह में पुनर्भरण करे. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार के 30 नवंबर 2017 के उस आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसके तहत राज्य सरकार ने इस राशि का पुनर्भरण करने से इनकार कर दिया था. अदालत ने कहा कि यदि पुनर्भरण में देरी की जाती है तो इस राशि पर छह फीसदी ब्याज भी अदा किया जाए. जस्टिस अनूप ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश केवल कुमार खन्ना की याचिका को स्वीकार करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता विमल चौधरी और अधिवक्ता योगेश टेलर ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने वर्ष 2017 में संतोकबा दुर्लभजी अस्पताल में घुटनों का ऑपरेशन कराया था. जिसमें याचिकाकर्ता के 1 लाख 81 हजार रुपए से अधिक की राशि खर्च हुई थी. याचिकाकर्ता की ओर से जब इस राशि के पुनर्भरण के लिए बिल पेश किए तो राज्य सरकार ने राशि पुनर्भरण करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि संतोकबा दुर्लभजी अस्पताल राज्य सरकार से अनुमोदित नहीं है. साथ ही गंभीर आपातकाल की स्थिति में ही गैर अनुमोदित अस्पताल में इलाज कराने पर ही राशि का पुनर्भरण हो सकता है.

पढ़ेंः Rajasthan High Court : पेंशन डायरी का नवीनीकरण नहीं होने पर पुनर्भरण से इनकार, हाईकोर्ट ने दी पेंशनर को राहत

जबकि याचिकाकर्ता के घुटने बदलने का ऑपरेशन को आपात परिस्थिति में शामिल नहीं किया जा सकता. याचिका में राज्य सरकार की इस कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा गया कि बिना ऑपरेशन कराए याचिकाकर्ता का चलना-फिरना दूभर हो गया था और यह उसके लिए आपात स्थिति ही थी. ऐसे में वह चिकित्सीय राशि का पुनर्भरण का हकदार है. इसलिए राज्य सरकार को निर्देश दिए जाएं कि वह उसके इलाज में खर्च राशि का पुनर्भरण करे. इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने तीन माह में याचिकाकर्ता को इस राशि का पुनर्भरण करने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह इंदिरा गांधी नगर मंडल के पूर्व वित्तीय सलाहकार को घुटनों के ऑपरेशन में खर्च हुए 1.81 लाख रुपए की राशि का तीन माह में पुनर्भरण करे. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार के 30 नवंबर 2017 के उस आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसके तहत राज्य सरकार ने इस राशि का पुनर्भरण करने से इनकार कर दिया था. अदालत ने कहा कि यदि पुनर्भरण में देरी की जाती है तो इस राशि पर छह फीसदी ब्याज भी अदा किया जाए. जस्टिस अनूप ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश केवल कुमार खन्ना की याचिका को स्वीकार करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता विमल चौधरी और अधिवक्ता योगेश टेलर ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने वर्ष 2017 में संतोकबा दुर्लभजी अस्पताल में घुटनों का ऑपरेशन कराया था. जिसमें याचिकाकर्ता के 1 लाख 81 हजार रुपए से अधिक की राशि खर्च हुई थी. याचिकाकर्ता की ओर से जब इस राशि के पुनर्भरण के लिए बिल पेश किए तो राज्य सरकार ने राशि पुनर्भरण करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि संतोकबा दुर्लभजी अस्पताल राज्य सरकार से अनुमोदित नहीं है. साथ ही गंभीर आपातकाल की स्थिति में ही गैर अनुमोदित अस्पताल में इलाज कराने पर ही राशि का पुनर्भरण हो सकता है.

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जबकि याचिकाकर्ता के घुटने बदलने का ऑपरेशन को आपात परिस्थिति में शामिल नहीं किया जा सकता. याचिका में राज्य सरकार की इस कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा गया कि बिना ऑपरेशन कराए याचिकाकर्ता का चलना-फिरना दूभर हो गया था और यह उसके लिए आपात स्थिति ही थी. ऐसे में वह चिकित्सीय राशि का पुनर्भरण का हकदार है. इसलिए राज्य सरकार को निर्देश दिए जाएं कि वह उसके इलाज में खर्च राशि का पुनर्भरण करे. इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने तीन माह में याचिकाकर्ता को इस राशि का पुनर्भरण करने को कहा है.

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