जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट ने प्रमुख गृह सचिव, कार्मिक सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर पूछा है की पुलिस निरीक्षक से उपाधीक्षक पदोन्नति को लेकर याचिकाकर्ता का लिफाफा पिछले 5 साल से सीलबंद क्यों कर रखा है. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने यह आदेश कैलाश चंद मीणा की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता जीएस गौतम ने अदालत को बताया की याचिकाकर्ता को पुलिस निरीक्षक से उपाधीक्षक पद पर पदोन्नत करने के संबंध में 15 नवंबर 2014 को निर्णय किया गया था, लेकिन याचिकाकर्ता के विरुद्ध आपराधिक मामला लंबित होने के कारण उसका पदोन्नति के संबंध में लिए गए निर्णय को सीलबंद लिफाफे में रखा गया.
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याचिका में कहा गया की समान मामले में राज्य सरकार दूसरे अधिकारियों के लिफाफे को खोल चुकी है, लेकिन करीब 5 साल की अवधि पूरी होने के बाद भी उसके लिफाफे को नहीं खोला गया. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.