जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने चाकसू तहसील के ग्राम भुरटिया में बागरिया समाज के करीब तीन दर्जन परिवारों को दी गई 103 बीघा ग्राम दानी भूमि पर यथास्थिति के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही अदालत ने जयपुर कलेक्टर, एसडीएम चाकसू, तहसीलदार और राजस्थान भूदान-ग्रामदानी बोर्ड सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश रामभजन व अन्य की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता बाबूलाल बैरवा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं को ग्रामदान अधिनियम, 1971 के तहत 103 बीघा भूमि दी गई थी. इसके साथ ही इंदिरा आवास योजना के तहत पक्के मकान भी आवंटित किए गए थे. याचिका में कहा गया कि स्थानीय प्रभावशाली लोगों ने याचिकाकर्ताओं को बेदखल कर फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से इस जमीन का हथिया लिया.
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वहीं जब याचिकाकर्ताओं ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई तो उन्हें पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में मारा-पीटा गया और उनके मकानों पर जेसीबी चलाकर नष्ट कर दिया गया. याचिका में बताया गया कि ग्रामदान अधिनियम के तहत मिली जमीन को अन्य किसी व्यक्ति को हस्तांतरित नहीं की जा सकती. इसके बावजूद प्रभावशाली लोगों ने इस ग्राम दानी गांव को राजस्व गांव में हस्तांतरित भी करवा लिया है. ऐसे में उन्हें जमीन वापस दिलाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने भूमि पर यथास्थिति के आदेश देते हुए जयपुर कलेक्टर, एसडीएम चाकसू समेत संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.