जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश के 2000 से ज्यादा महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में दस हजार से ज्यादा प्राचार्य व उप प्राचार्य सहित अन्य शिक्षकों व कार्मिकों का नियमों के विपरीत जाकर चयन करने पर प्रमुख शिक्षा सचिव व माध्यमिक शिक्षा निदेशक से 19 अक्टूबर तक जवाब देने के लिए कहा है. अदालत ने पूछा कि इनका चयन सिर्फ लिखित परीक्षा के जरिए ही क्यों किया गया है?. जस्टिस सुदेश बंसल ने यह आदेश कल्याणी की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने बताया कि राज्य सरकार ने जून 2023 में महात्मा गांधी राजकीय इंग्लिश मीडियम स्कूलों, स्वामी विवेकानंद राजकीय आदर्श विद्यालय व सभी अन्य राजकीय इंग्लिश मीडियम स्कूलों में शिक्षकों व अन्य कार्मिकों के पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञप्ति जारी की. विज्ञप्ति में स्कूल प्राचार्य, उपप्राचार्य सहित विभिन्न विषयों के लेक्चरर, वरिष्ठ अध्यापक, अध्यापक लेवल-2 व लेवल- एक सहित 13 विभिन्न पदों के लिए आवेदन मांगे. जिसमें अंग्रेजी भाषा में संप्रेषण कौशलता की प्रमुख शर्त रखी गई. इस दौरान माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने 17 जून को इन पदों पर भर्ती के लिए दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए. इसमें भी स्पष्ट किया कि इन स्कूलों में कार्मिकों का चयन इंटरव्यू के जरिए किया जाएगा. इसके अलावा इंटरव्यू से पहले यदि लिखित टेस्ट लिया जाए तो वह तीस अंकों का और इंटरव्यू भी तीस अंकों का होगा.
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इसमें से हर में न्यूनतम 12 अंक लाना जरूरी होगा. इसके बावजूद विभाग ने केवल लिखित परीक्षा ही ली और इसमें प्राप्त अंकों के आधार पर ही शिक्षकों व कार्मिकों का चयन कर लिया. वहीं 2 व 4 अक्टूबर को चयन प्रक्रिया पूरी करते हुए पूरे प्रदेश के स्कूलों में नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए. याचिका में कहा कि राज्य सरकार की यह प्रक्रिया नियमों के विपरीत है, क्योंकि राज्य सरकार ने 2023 में ही महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में चयन के लिए विशेष नियम बनाए हैं. जिसके नियम 10 व 11 में केवल इंटरव्यू के आधार पर ही इन स्कूलों में चयन का प्रावधान किया है. इंटरव्यू के जरिए ही शिक्षकों व कार्मिकों की इंग्लिश की योग्यता को परखा जा सकता है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.