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गहलोत सरकार के आदेश पर HC की रोक...गौशालाओं को मिला अनुदान पाने का अधिकार

राज्य सरकार द्वारा गौशालाओं के अनुदान को रोकने के आदेश को राजस्थान उच्च न्यायालय में चुनौती दिये जाने के मामले में नोटिस जारी कर कोर्ट ने सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है. उच्च न्यायालय ने प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए माना कि सरकार का आदेश अनुचित है और तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए दोनों गौशालाओं को अनुदान का हकदार माना है.

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गौशालाओं को मिला अनुदान पाने का अधिकार
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Published : Dec 16, 2020, 9:03 PM IST

जोधपुर. राज्य सरकार द्वारा गौशालाओं के अनुदान को रोकने के आदेश को राजस्थान उच्च न्यायालय में चुनौती दिये जाने पर नोटिस जारी करते हुए राज्य सरकार के आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है. वरिष्ठ न्यायाधीश विजय विश्नोई की अदालत ने सुजाननाथ गौशाला कुडी भोपालगढ और राधे कृष्णा गौशाला ताम्बडिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के आदेश पर रोक लगाई है.

अधिवक्ता मोती सिंह राजपुरोहित ने पक्ष रखते हुए बताया कि राज्य सरकार द्वारा 26 अगस्त 2020 को एक आदेश जारी करते हुए दोनों गौशालाओं को स्थाई रूप से अनुदान के लिए अपात्र कर दिया गया है. अधिवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने अवैध तरीके से मनमानी करते हुए अनुदान राशि से अपात्र कर दिया जबकि समय समय पर पटवारी स्तर के अधिकारी द्वारा गौशालाओं को निरीक्षण किया जाता रहा है.

ये भी पढ़ें: अच्छी खबर : 337 नए पदों के सृजन को CM गहलोत ने दी मंजूरी, युवाओं को मिलेंगे रोजगार के अवसर

राजपुरोहित ने कहा कि सरकार का आदेश मनमानी पूर्ण है गौशालाए निरंतर रूप से संचालित हो रही हैं, उसका सत्यापन हर महीने विभाग के अधिकारी द्वारा किया जा रहा है. दोनों गौशालाओं में करीब 600 की संख्या में गायों का संरक्षण और पोषण हो रहा है जिसके सबूत पत्रावली पर पेश कर दिये गये हैं. उच्च न्यायालय ने प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए माना कि सरकार का आदेश अनुचित है और तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए दोनों गौशालाओं को अनुदान का हकदार माना है.

जोधपुर. राज्य सरकार द्वारा गौशालाओं के अनुदान को रोकने के आदेश को राजस्थान उच्च न्यायालय में चुनौती दिये जाने पर नोटिस जारी करते हुए राज्य सरकार के आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है. वरिष्ठ न्यायाधीश विजय विश्नोई की अदालत ने सुजाननाथ गौशाला कुडी भोपालगढ और राधे कृष्णा गौशाला ताम्बडिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के आदेश पर रोक लगाई है.

अधिवक्ता मोती सिंह राजपुरोहित ने पक्ष रखते हुए बताया कि राज्य सरकार द्वारा 26 अगस्त 2020 को एक आदेश जारी करते हुए दोनों गौशालाओं को स्थाई रूप से अनुदान के लिए अपात्र कर दिया गया है. अधिवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने अवैध तरीके से मनमानी करते हुए अनुदान राशि से अपात्र कर दिया जबकि समय समय पर पटवारी स्तर के अधिकारी द्वारा गौशालाओं को निरीक्षण किया जाता रहा है.

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राजपुरोहित ने कहा कि सरकार का आदेश मनमानी पूर्ण है गौशालाए निरंतर रूप से संचालित हो रही हैं, उसका सत्यापन हर महीने विभाग के अधिकारी द्वारा किया जा रहा है. दोनों गौशालाओं में करीब 600 की संख्या में गायों का संरक्षण और पोषण हो रहा है जिसके सबूत पत्रावली पर पेश कर दिये गये हैं. उच्च न्यायालय ने प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए माना कि सरकार का आदेश अनुचित है और तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए दोनों गौशालाओं को अनुदान का हकदार माना है.

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