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Rajasthan High Court: कॉलेज शिक्षा आयुक्त पेश होकर बताएं क्यों नहीं की आदेश की पालना - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट ने निजी कॉलेज को सत्र 2020-21 की स्थाई (Rajasthan High Court expressed displeasure) एनओसी जारी नहीं करने पर नाराजगी जताई है. कोर्ट ने कॉलेज शिक्षा आयुक्त को 28 नवंबर को पेश होकर स्पष्टिकरण देने को कहा है.

Rajasthan High Court,  Rajasthan High Court expressed displeasure
राजस्थान हाईकोर्ट.
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Published : Nov 8, 2022, 6:52 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने निजी कॉलेज को सत्र 2020-21 की स्थाई एनओसी जारी (Rajasthan High Court expressed displeasure) करने के अदालती आदेश के बावजूद एनओसी जारी नहीं करने पर नाराजगी जताई है. साथ ही अदालत ने कॉलेज शिक्षा आयुक्त को 28 नवंबर को पेश होकर इस संबंध में अपना स्पष्टीकरण देने को कहा है. अदालत ने कहा कि यदि आदेश की पालना हो जाती है तो कॉलेज आयुक्त को पेश होने की जरूरत नहीं है. जस्टिस प्रकाश गुप्ता की एकलपीठ ने यह आदेश जामिया मदरसा एजुकेशन सोसायटी की अवमानना याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता आत्माराम मीणा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने कॉलेज शिक्षा विभाग में वर्ष-2020-21 की स्थाई एनओसी के लिए आवेदन किया था. विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं करने पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका पेश की थी. जिस पर गत वर्ष 2 दिसंबर को सुनवाई करते हुए अदालत ने विभाग को आदेश दिए थे कि वह याचिकाकर्ता के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए एक माह में एनओसी जारी करे.

पढ़ेंः Rajasthan Hicourt Order: मेडिकल छात्र का एडमिशन सुनिश्चित कर बकाया छात्रवृत्ति जारी करने के आदेश

अवमानना याचिका में कहा गया कि अदालती आदेश के करीब 11 माह बीतने के बाद भी विभाग ने अब तक एनओसी जारी नहीं की है. ऐसे में अदालती आदेश की पालना कराई जाए और अवमानना कर्ता अफसरों को दंडित किया जाए. वहीं याचिका में जवाब पेश करने के लिए अतिरिक्त महाधिवक्ता ने दो सप्ताह का समय मांगा. इस पर अदालत ने 28 नवंबर तक आदेश की पालना नहीं होने पर कॉलेज शिक्षा आयुक्त को पेश होकर अपना स्पष्टीकरण देने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने निजी कॉलेज को सत्र 2020-21 की स्थाई एनओसी जारी (Rajasthan High Court expressed displeasure) करने के अदालती आदेश के बावजूद एनओसी जारी नहीं करने पर नाराजगी जताई है. साथ ही अदालत ने कॉलेज शिक्षा आयुक्त को 28 नवंबर को पेश होकर इस संबंध में अपना स्पष्टीकरण देने को कहा है. अदालत ने कहा कि यदि आदेश की पालना हो जाती है तो कॉलेज आयुक्त को पेश होने की जरूरत नहीं है. जस्टिस प्रकाश गुप्ता की एकलपीठ ने यह आदेश जामिया मदरसा एजुकेशन सोसायटी की अवमानना याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता आत्माराम मीणा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने कॉलेज शिक्षा विभाग में वर्ष-2020-21 की स्थाई एनओसी के लिए आवेदन किया था. विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं करने पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका पेश की थी. जिस पर गत वर्ष 2 दिसंबर को सुनवाई करते हुए अदालत ने विभाग को आदेश दिए थे कि वह याचिकाकर्ता के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए एक माह में एनओसी जारी करे.

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अवमानना याचिका में कहा गया कि अदालती आदेश के करीब 11 माह बीतने के बाद भी विभाग ने अब तक एनओसी जारी नहीं की है. ऐसे में अदालती आदेश की पालना कराई जाए और अवमानना कर्ता अफसरों को दंडित किया जाए. वहीं याचिका में जवाब पेश करने के लिए अतिरिक्त महाधिवक्ता ने दो सप्ताह का समय मांगा. इस पर अदालत ने 28 नवंबर तक आदेश की पालना नहीं होने पर कॉलेज शिक्षा आयुक्त को पेश होकर अपना स्पष्टीकरण देने को कहा है.

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