जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में डेयरी बूथ आवंटन की प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में पेश स्टे एप्लीकेशन को भी खारिज कर दिया है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फाउंडेशन लि. की याचिका में दायर प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए दिए.
प्रार्थना पत्र में कहा गया कि प्रदेश में आरसीडीएफ को डेयरी बूथ आवंटन कर उसमें उसके उत्पाद बेचने की अनुमति दी जा रही है. इन बूथों में याचिकाकर्ता के डेयरी उत्पादों को बेचने की अनुमति नहीं है. डेयरी बूथ में सिर्फ आरसीडीएफ के उत्पादों को बेचने की अनुमति देना एकाधिकार की श्रेणी में आता है. ऐसे में किए जा रहे बूथ आवंटन में याचिकाकर्ता को भी शामिल किया जाए और इन बूथों में याचिकाकर्ता के डेयरी उत्पादों को भी बेचने की अनुमति दी जाए.
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इसका विरोध करते हुए राज्य सरकार और आरसीडीएफ की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल मेहता ने कहा कि आरसीडीएफ राज्य सरकार का खुद का उपक्रम है. ऐसे में वह इसके लिए व्यवस्था करने और सुविधा उपलब्ध कराने का अधिकार रखती है. वहीं प्रदेश में याचिकाकर्ता के डेयरी उत्पाद भी बिना रुकावट बिक रहे हैं. राज्य सरकार ने याचिकाकर्ता को अपने उत्पाद बेचने के रोका नहीं है और इनके उत्पाद बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं. ऐसे में यह एकाधिकार की श्रेणी में नहीं आता है. इसलिए याचिकाकर्ता के प्रार्थना पत्र को खारिज किया जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने मामले में पेश स्टे एप्लीकेशन को खारिज कर दिया है.
तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती की उत्तर कुंजी का मामलाः राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2022 लेवल वन की विवादित उत्तर कुंजी से जुड़े मामले में राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के चेयरमेन और सचिव से जवाब मांगा है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश प्रियंका शर्मा की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने 16 दिसंबर, 2022 को तृतीय श्रेणी शिक्षक लेवल वन के 17563 पदों पर भर्ती निकाली. जिसकी लिखित परीक्षा गत 25 फरवरी को आयोजित की गई.
चयन बोर्ड ने 18 मार्च को प्रारंभिक उत्तर कुंजी जारी कर अभ्यर्थियों से आपत्तियां मांग ली. वहीं 26 मई को दूसरी उत्तर कुंजी जारी कर भर्ती का परिणाम घोषित कर दिया. याचिका में कहा गया कि उत्तर कुंजी में करीब 6 प्रश्न विवादित हैं. इनमें से कुछ प्रश्नों को बोर्ड ने डिलीट कर दिया और कुछ के जवाब बदल दिए. याचिकाकर्ता की ओर से मान्यता प्राप्त पुस्तकों का हवाला देते हुए कहा कि उसके उत्तर सही थे. ऐसे में इन प्रश्नों की जांच के लिए विशेषज्ञ कमेटी का गठन किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.
हाजिरीगाह तोड़ रेस्ट हाउस बनाने का मामलाः राजस्थान हाईकोर्ट ने जवाहर नगर के गोल मार्केट के पास हेरिटेज नगर निगम के वार्ड संख्या 93 के पार्षद की ओर से पुरानी हाजिरीगाह तोड़कर वहां रेस्ट हाउस बनाने पर हेरिटेज निगम की मेयर, आयुक्त और पार्षद नीरज अग्रवाल सहित अन्य से जवाब मांगा है. सीजे एजी मसीह और जस्टिस एमएम श्रीवास्तव की खंडपीठ ने यह आदेश अंकित गुप्ता की जनहित याचिका पर दिए.
याचिका में कहा गया कि हेरिटेज निगम के वार्ड 93 में नगर निगम की पुरानी हाजिरीगाह थी. इसे वहां के पार्षद ने बिना किसी अधिकार तुड़वाकर वहां अपना रेस्ट हाउस और निजी ऑफिस बना लिया है. वहीं स्थानीय पार्षद इसका निजी स्तर पर ही उपयोग कर रहे हैं. इसके अलावा हाजिरीगाह को बिना किसी सक्षम अधिकारी की मंजूरी लिए बिना सार्वजनिक स्थान पर थड़ी में अस्थाई तौर पर शिफ्ट कर दिया. याचिकाकर्ता ने इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारियों से आरटीआई के तहत सूचना मांगी, लेकिन उसे सूचना नहीं दी गई. याचिका में गुहार की गई है कि पुरानी हाजिरीगाह की जमीन से अतिक्रमण हटाया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.