जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के 15 अक्टूबर के उस (High Court bans implementation of order) आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है, जिसके तहत गजेन्द्र सिंह राठौड़ को राजस्थान खेल परिषद के सदस्य पद से हटा दिया गया था. साथ ही अदालत ने मामले में प्रमुख खेल सचिव, उप खेल सचिव और राजस्थान खेल परिषद सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस अशोक गौड़ की एकलपीठ ने यह आदेश गजेन्द्र सिंह राठौड़ की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में कहा गया कि खेल विभाग ने गत तीस सितंबर को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को खेल परिषद में सदस्य के तौर पर नियुक्त किया था. जिसकी पालना में याचिकाकर्ता ने छह अक्टूबर को पदभार ग्रहण कर लिया. याचिका में कहा गया कि विभाग ने 15 अक्टूबर को याचिकाकर्ता का मनोनयन रद्द कर एक अन्य को मनोनीत कर दिया. इस दौरान याचिकाकर्ता को न तो सुनवाई का मौका दिया और ना ही पद से हटाने का कोई कारण बताया गया.
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याचिका में कहा गया कि परिषद के सदस्य की नियुक्ति तीन साल के लिए की जाती है. ऐसे में राज्य सरकार अपनी शक्तियों का गलत उपयोग कर बीच अवधि में मनोनयन को निरस्त नहीं कर सकती है. इसके अलावा याचिकाकर्ता के साथ ही चार अन्य को भी सदस्य पद पर मनोनीत किया गया था. याचिका में कहा गया कि शेष चार सदस्य अभी भी कार्यरत हैं और सिर्फ याचिकाकर्ता का मनोनयन ही रद्द किया गया है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को पद से हटाने पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.