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Rajasthan High Court: डीजीपी पेश होकर बताएं डेढ़ साल से क्यों नहीं हुई नाबालिग बरामद? - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट ने डेढ़ साल से लापता नाबालिग की (High Court asked the DGP ) बरामदगी नहीं होने पर नाराजगी जताई है. कोर्ट ने कहा है कि 25 जुलाई को डीजीपी पेश होकर बताएं कि अब तक नाबालिग क्यों नहीं बरामद हो पाई.

Rajasthan High Court,  High Court asked the DGP
राजस्थान हाईकोर्ट ने दिया आदेश.
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Published : Jul 19, 2023, 8:36 PM IST

Updated : Jul 19, 2023, 11:25 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने करीब डेढ़ साल पहले अलवर से लापता 15 साल की नाबालिग के अब तक बरामद नहीं होने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने 25 जुलाई को पुलिस महानिदेशक को व्यक्तिश: पेश होकर बताने को कहा है कि अब तक लापता की बरामदगी क्यों नहीं हुई है?. अदालत ने कहा कि यदि इस बीच लापता बरामद कर ली जाती है तो डीजीपी को पेश होने की आवश्यकता नहीं है. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश मुकेश की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने कहा कि नाबालिग डेढ़ साल से लापता है और ऐसा लगता है कि पुलिस उसकी तलाश करने में सक्षम नहीं है. कोर्ट ने पूर्व में एसपी अलवर और मानव तस्करी निरोधक यूनिट के एडीजी को भी तलब किया था, इसके बावजूद भी अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं. याचिका में कहा गया कि 29 मार्च 2022 की रात पन्द्रह वर्षीय नाबालिग अपने परिवार के साथ सो रही थी. देर रात नाबालिग का भाई उठा तो नाबालिग वहां से गायब मिली.

पढ़ेंः राज्य सरकार और RPSC बताए, क्यों न ईओ व आरओ परीक्षा रद्द कर दी जाए : राजस्थान हाईकोर्ट

इस पर उसके परिजनों ने नाबालिग की आसपास कई जगह तलाश की, लेकिन वह नहीं मिली. इस पर उसके पिता ने हरसोरा थाने में रिपोर्ट दर्ज आरोप लगाया कि उसकी बेटी को संदीप गुर्जर नाम का युवक बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया है. इस पर पुलिस ने आईपीसी व एससी, एसटी एक्ट में मामला दर्ज किया. पीड़िता के बरामद नहीं होने पर उसके पिता ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पेश कर आरोप लगाया कि पीड़िता अभी भी संदीप गुर्जर के कब्जे में है. ऐसे में उसे बरामद कर कोर्ट में पेश कराया जाए. इस पर अदालत ने पूर्व में एसपी और एडीजी को तलब किया था, लेकिन उसके बाद भी पुलिस ने पीडिता को बरामद नहीं किया. इस पर अब खंडपीठ ने डीजीपी को पेश होकर इस संबंध में अपना स्पष्टीकरण देने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने करीब डेढ़ साल पहले अलवर से लापता 15 साल की नाबालिग के अब तक बरामद नहीं होने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने 25 जुलाई को पुलिस महानिदेशक को व्यक्तिश: पेश होकर बताने को कहा है कि अब तक लापता की बरामदगी क्यों नहीं हुई है?. अदालत ने कहा कि यदि इस बीच लापता बरामद कर ली जाती है तो डीजीपी को पेश होने की आवश्यकता नहीं है. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश मुकेश की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने कहा कि नाबालिग डेढ़ साल से लापता है और ऐसा लगता है कि पुलिस उसकी तलाश करने में सक्षम नहीं है. कोर्ट ने पूर्व में एसपी अलवर और मानव तस्करी निरोधक यूनिट के एडीजी को भी तलब किया था, इसके बावजूद भी अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं. याचिका में कहा गया कि 29 मार्च 2022 की रात पन्द्रह वर्षीय नाबालिग अपने परिवार के साथ सो रही थी. देर रात नाबालिग का भाई उठा तो नाबालिग वहां से गायब मिली.

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इस पर उसके परिजनों ने नाबालिग की आसपास कई जगह तलाश की, लेकिन वह नहीं मिली. इस पर उसके पिता ने हरसोरा थाने में रिपोर्ट दर्ज आरोप लगाया कि उसकी बेटी को संदीप गुर्जर नाम का युवक बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया है. इस पर पुलिस ने आईपीसी व एससी, एसटी एक्ट में मामला दर्ज किया. पीड़िता के बरामद नहीं होने पर उसके पिता ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पेश कर आरोप लगाया कि पीड़िता अभी भी संदीप गुर्जर के कब्जे में है. ऐसे में उसे बरामद कर कोर्ट में पेश कराया जाए. इस पर अदालत ने पूर्व में एसपी और एडीजी को तलब किया था, लेकिन उसके बाद भी पुलिस ने पीडिता को बरामद नहीं किया. इस पर अब खंडपीठ ने डीजीपी को पेश होकर इस संबंध में अपना स्पष्टीकरण देने को कहा है.

Last Updated : Jul 19, 2023, 11:25 PM IST
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