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Rajasthan High Court: वरीयता सूची में ज्यादा अंक लाने वालों को क्यों नहीं किया शामिल ?

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 19, 2023, 8:43 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट ने नर्सिंग ऑफिसर भर्ती 2023 से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने वरीयता सूची में ज्यादा अंक लाने वालों को शामिल नहीं करने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव समेत अन्य से जवाब मांगा है.

Rajasthan High Court,  Rajasthan High Court asked
राजस्थान हाईकोर्ट.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने नर्सिंग ऑफिसर भर्ती-2023 में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के ज्यादा अंक होने के बावजूद उन्हें अंतरिम वरीयता सूची में शामिल नहीं करने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव और चिकित्सा निदेशक सहित अन्य से जवाब तलब किया है. अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि अंतरिम वरीयता सूची में ज्यादा अंक वालों की जगह कम अंक वाले अभ्यर्थी कैसे चयनित किए गए हैं?. इसके साथ ही अदालत ने याचिका की कॉपी एजी को दिलवाई है. जस्टिस सुदेश बंसल ने यह आदेश गिर्राज व अन्य की याचिका पर दिया.

याचिका में कहा कि नर्सिंग ऑफिसर भर्ती- 2023 की अंतरिम वरीयता सूची 7 अक्टूबर को जारी की गई. इसमें याचिकाकर्ता सहित ओबीसी व एससी-एसटी के उन अभ्यर्थियों को शामिल नहीं किया, जिनके ज्यादा अंक थे. वहीं उनसे कम मेरिट वाले अन्य वर्ग के अभ्यर्थियों को शामिल कर लिया गया. इसके अलावा भर्ती में अनुभव के बोनस अंक देने में भी राज्य सरकार अपने संशोधित आदेश का पालन नहीं कर रही है.

पढ़ेंः Rajasthan High Court : अतिरिक्त स्वास्थ्य सचिव बताएं क्यों नहीं की पांच साल में भी आदेश की पालना ?

राज्य सरकार ने अभ्यर्थियों को बोनस अंक के लिए अनुभव प्रमाण पत्र एक महीने में 26 दिन के हिसाब से जारी किए हैं, जबकि संशोधित आदेश 30 दिन से जारी करने के लिए था. ऐसे अनुभव प्रमाण पत्र जारी करने से याचिकाकर्ताओं की वरीयता भी प्रभावित हो रही है. इसलिए याचिकाकर्ताओं को अंतरिम वरीयता सूची में शामिल करवाया जाए और अनुभव प्रमाण पत्र में एक महीने में 30 दिन माने जाएं. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने नर्सिंग ऑफिसर भर्ती-2023 में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के ज्यादा अंक होने के बावजूद उन्हें अंतरिम वरीयता सूची में शामिल नहीं करने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव और चिकित्सा निदेशक सहित अन्य से जवाब तलब किया है. अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि अंतरिम वरीयता सूची में ज्यादा अंक वालों की जगह कम अंक वाले अभ्यर्थी कैसे चयनित किए गए हैं?. इसके साथ ही अदालत ने याचिका की कॉपी एजी को दिलवाई है. जस्टिस सुदेश बंसल ने यह आदेश गिर्राज व अन्य की याचिका पर दिया.

याचिका में कहा कि नर्सिंग ऑफिसर भर्ती- 2023 की अंतरिम वरीयता सूची 7 अक्टूबर को जारी की गई. इसमें याचिकाकर्ता सहित ओबीसी व एससी-एसटी के उन अभ्यर्थियों को शामिल नहीं किया, जिनके ज्यादा अंक थे. वहीं उनसे कम मेरिट वाले अन्य वर्ग के अभ्यर्थियों को शामिल कर लिया गया. इसके अलावा भर्ती में अनुभव के बोनस अंक देने में भी राज्य सरकार अपने संशोधित आदेश का पालन नहीं कर रही है.

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राज्य सरकार ने अभ्यर्थियों को बोनस अंक के लिए अनुभव प्रमाण पत्र एक महीने में 26 दिन के हिसाब से जारी किए हैं, जबकि संशोधित आदेश 30 दिन से जारी करने के लिए था. ऐसे अनुभव प्रमाण पत्र जारी करने से याचिकाकर्ताओं की वरीयता भी प्रभावित हो रही है. इसलिए याचिकाकर्ताओं को अंतरिम वरीयता सूची में शामिल करवाया जाए और अनुभव प्रमाण पत्र में एक महीने में 30 दिन माने जाएं. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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