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राजस्थान सरकार का कोल इंडिया के साथ MoU, केंद्रीय मंत्री बोले- राजस्थान के पास 7 दिन का कोयला शेष - राजस्थान में सौर ऊर्जा

सीएम अशोक गहलोत और केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी की मौजूदगी में आज 1190 मेगावाट क्षमता की सोलर परियोजना स्थापित करने के लिए राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम और कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Limited) के बीच एमओयू हुआ. इस दौरान सीएम गहलोत ने जोशी की जमकर तारीफ की.

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Published : Oct 13, 2022, 1:37 PM IST

Updated : Oct 13, 2022, 8:04 PM IST

जयपुर. राज्य सौर ऊर्जा को लेकर हर रोज नई उड़ान भरने की तैयारी कर रहा है. इसी क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम (Rajasthan Electricity Generation Corporation) ने महत्वपूर्ण MOU साइन किए. निगम का पूगल, बीकानेर में 2000 मेगावाट का सोलर पार्क बनेगा. 1190 मेगावाट क्षमता के लिए कोल इंडिया लिमिटेड से MOU हुआ है. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी और ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी मौजूद रहे.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि हम राजस्थान को हमेशा सहयोग करते रहे हैं. इस दौरान उन्होंने इस बात की ओर भी इशारा किया कि राजस्थान के पास अब सिर्फ 7 दिन का कोयला ही शेष है. जोशी ने कहा कि कोल इंडिया की पहली प्राथमिकता है कि राज्य को कोयले की कमी नहीं आने दी जाए. कोल इंडिया अब सौर ऊर्जा पर भी विशेष जोर दे रहा है ताकि पर्यावरण को भी नुकसान होने से बचाया जा सके.

जोशी ने कहा कि कोविड में हमने राज्यों को कहा था कि कोयला स्टॉक कीजिए, लेकिन अधिकांश राज्यों ने ऐसा नहीं किया. राजस्थान में कोयले की दिक्कत की जानकारी है. मेरे रिकॉर्ड के हिसाब से राजस्थान में 7 दिन तक का कोयला है, लेकिन राज्य में कोयले की समस्या नहीं आने दी जाएगी. इसके लिए ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था को और बेहतर करने के प्रयास किए जा रहे हैं. जोशी ने पारसा माइनिंग की दिक्कतों को लेकर CM गहलोत से हस्तक्षेप के लिए आग्रह किया. अन्य देशों के मुकाबले रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में भारत की रफ्तार बेहद धीमी है. राजस्थान के साथ हमने तीन एमओयू किए लेकिन यह एमओयू केवल रिन्यूएबल एनर्जी से जुड़ा है.

पढ़ें- राजस्थान के लिए कोयले की हुई वैकल्पिक व्यवस्था, ऊर्जा विभाग ने ली राहत की सांस...

कोयला का भविष्य 50 साल- प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कोयले का भविष्य अभी 50 साल का और है, लेकिन हमें रिन्यूएबल एनर्जी पर काम करना होगा. कोल इंडिया अपने टारगेट के अनुसार काम कर रहा है. बिना प्रदूषण फैलाए हमें उर्जा का उत्पादन करना है. उन्होंने कहा कि सड़क और समुद्र के रास्ते भी कोयला भेजने का काम हम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोयला ट्रांसपोर्ट से ज़्यादा आसान बिजली ट्रांसपोर्ट करना होता है. अगर राजस्थान चाहे तो केंद्र के साथ एग्रीमेंट कर सकता है. मैं मंच से खुला ऑफ़र दे रहा हूं.

गहलोत ने की तारीफ- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोयला मामले में केंद्र सरकार की ओर से मिले सहयोग पर केंद्रीय मंत्री का आभार जताया. उन्होंने कहा कि यह सही है कि जब जब भी राजस्थान को लेकर संकट आया तब-तब कोयला मंत्रालय ने हमारा पूरा सहयोग किया है. गहलोत ने कहा कि राजस्थान देश का सबसे बड़ा क्षेत्रफल के लिहाज से राज्य है. यहां पर सौर ऊर्जा की भी और ज्यादा संभावना है. गहलोत ने कहा कि अगर सौर ऊर्जा उपक्रम तैयार करने के प्रोजेक्ट राजस्थान में ही लगे तो और अच्छे से हम सौर ऊर्जा को आगे बढ़ा सकते हैं. इसके साथ ही रोजगार के अवसर भी ज्यादा बढ़ेंगे.

राज्य सरकार ने पूगल तहसील, बीकानेर में 4846 हेक्टेयर भूमि आवंटित की है और इस पार्क में 810 मेगावाट क्षमता की सोलर परियोजना स्वयं उत्पादन निगम कीओर से स्थापित की जाएगी और 1190 मेगावाट क्षमता का प्रोजेक्ट कोल इंडिया लिमिटेड की ओर से स्थापित की जाएगी . इससे राज्य के विद्युत क्षेत्र का विकास होगा और आमजन को निर्बाध विद्युत आपूर्ति की जा सकेगी.

इन्वेस्ट राजस्थान में सबसे ज्यादा सौर ऊर्जा पर निवेश- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में सौर ऊर्जा को लेकर अपार संभावना है. यही वजह कि 7 और 8 अक्टूबर को राजस्थान निवेश में सम्मेलन में सबसे ज्यादा समझौता-पत्र सौर ऊर्जा को लेकर किए गए हैं . इसमें अडाणी ग्रुप से लेकर टाटा जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल हैं.

कोल इंडिया ही देता है कोयला- राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम के थर्मल, हाइडल एवं गैस आधारित विद्युत गृहों की ओर से बिजली का उत्पादन किया जा रहा है, जिसमें कोयले पर आधारित 23 थर्मल इकाइयों से 7580 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हो रहा है. इन इकाइयों को कोयले की आपूर्ति कोल इंडिया लिमिटेड की विभिन्न खदानों से पिछले 40 वर्षों से की जा रही है. वर्तमान में राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम बीकानेर जिले के पूगल तहसील में 2000 मेगावाट क्षमता का सोलर पार्क विकसित कर रहा है, जिसमें से 1190 मेगावाट क्षमता की सोलर परियोजना को कोल इंडिया लिमिटेड की ओर से स्थापित किया जाएगा.

छत्तीसगढ़ सरकार ने रोक कोयला
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने के कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने पारसा ईस्ट व कान्ता बासन एक्सटेंशन कोल ब्लॉक पर रोक लगा रखी है. हम पॉलिटिकल इशू पर बात नहीं करना चाहता, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने कोयला रोका है. छत्तीसगढ़ सरकार ने राजस्थान को अलॉटेड खान निरस्त करने को लेकर केंद्र को पत्र लिखा है लेकिन भारत सरकार उसे निरस्त नहीं कर रही है. हमने प्रोसेस करके राजस्थान को दिया है. केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने सीएम अशोक गहलोत को साफ कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है. पारसा ईस्ट और कान्ता बासन और सरगुजा में राजस्थान को अलॉट कोल माइंस से किसी कारण से कोयला रुका हुआ है. इसके लिए भारत सरकार भी प्रयास कर रही है लेकिन राजस्थान सरकार की ओर से गहलोत भी छत्तीसगढ़ सीएम से बात करें. पारसा खान से अगर राजस्थान को 11 रेक कोयला मिलने लग जाए तो यहां थर्मल पावर प्लांट के लिए कोयले की कमी की समस्या का समाधान हो जाएगा.

लोगों को पता हो तो इरिटेशन नहीं होता
बिजली की कटौती पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि कटौती को कैसे कम किया जाए, लेकिन यह सही है कि कई बार लोगों को कटौती के बारे में समय पर जानकारी नहीं होने से उनको ज्यादा इरिटेशन होता है . इसलिए जरूरी है कि लोगों को कब और कितने समय के लिए कटौती होगी उसकी प्रॉपर जानकारी हो. गहलोत ने यह भी कहा कि कोयले की कमी को लेकर हम लगातार छत्तीसगढ़ सरकार से संवाद कर रहे हैं और जल्दी समस्या का समाधान निकालेंगे.

जयपुर. राज्य सौर ऊर्जा को लेकर हर रोज नई उड़ान भरने की तैयारी कर रहा है. इसी क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम (Rajasthan Electricity Generation Corporation) ने महत्वपूर्ण MOU साइन किए. निगम का पूगल, बीकानेर में 2000 मेगावाट का सोलर पार्क बनेगा. 1190 मेगावाट क्षमता के लिए कोल इंडिया लिमिटेड से MOU हुआ है. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी और ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी मौजूद रहे.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि हम राजस्थान को हमेशा सहयोग करते रहे हैं. इस दौरान उन्होंने इस बात की ओर भी इशारा किया कि राजस्थान के पास अब सिर्फ 7 दिन का कोयला ही शेष है. जोशी ने कहा कि कोल इंडिया की पहली प्राथमिकता है कि राज्य को कोयले की कमी नहीं आने दी जाए. कोल इंडिया अब सौर ऊर्जा पर भी विशेष जोर दे रहा है ताकि पर्यावरण को भी नुकसान होने से बचाया जा सके.

जोशी ने कहा कि कोविड में हमने राज्यों को कहा था कि कोयला स्टॉक कीजिए, लेकिन अधिकांश राज्यों ने ऐसा नहीं किया. राजस्थान में कोयले की दिक्कत की जानकारी है. मेरे रिकॉर्ड के हिसाब से राजस्थान में 7 दिन तक का कोयला है, लेकिन राज्य में कोयले की समस्या नहीं आने दी जाएगी. इसके लिए ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था को और बेहतर करने के प्रयास किए जा रहे हैं. जोशी ने पारसा माइनिंग की दिक्कतों को लेकर CM गहलोत से हस्तक्षेप के लिए आग्रह किया. अन्य देशों के मुकाबले रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में भारत की रफ्तार बेहद धीमी है. राजस्थान के साथ हमने तीन एमओयू किए लेकिन यह एमओयू केवल रिन्यूएबल एनर्जी से जुड़ा है.

पढ़ें- राजस्थान के लिए कोयले की हुई वैकल्पिक व्यवस्था, ऊर्जा विभाग ने ली राहत की सांस...

कोयला का भविष्य 50 साल- प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कोयले का भविष्य अभी 50 साल का और है, लेकिन हमें रिन्यूएबल एनर्जी पर काम करना होगा. कोल इंडिया अपने टारगेट के अनुसार काम कर रहा है. बिना प्रदूषण फैलाए हमें उर्जा का उत्पादन करना है. उन्होंने कहा कि सड़क और समुद्र के रास्ते भी कोयला भेजने का काम हम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोयला ट्रांसपोर्ट से ज़्यादा आसान बिजली ट्रांसपोर्ट करना होता है. अगर राजस्थान चाहे तो केंद्र के साथ एग्रीमेंट कर सकता है. मैं मंच से खुला ऑफ़र दे रहा हूं.

गहलोत ने की तारीफ- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोयला मामले में केंद्र सरकार की ओर से मिले सहयोग पर केंद्रीय मंत्री का आभार जताया. उन्होंने कहा कि यह सही है कि जब जब भी राजस्थान को लेकर संकट आया तब-तब कोयला मंत्रालय ने हमारा पूरा सहयोग किया है. गहलोत ने कहा कि राजस्थान देश का सबसे बड़ा क्षेत्रफल के लिहाज से राज्य है. यहां पर सौर ऊर्जा की भी और ज्यादा संभावना है. गहलोत ने कहा कि अगर सौर ऊर्जा उपक्रम तैयार करने के प्रोजेक्ट राजस्थान में ही लगे तो और अच्छे से हम सौर ऊर्जा को आगे बढ़ा सकते हैं. इसके साथ ही रोजगार के अवसर भी ज्यादा बढ़ेंगे.

राज्य सरकार ने पूगल तहसील, बीकानेर में 4846 हेक्टेयर भूमि आवंटित की है और इस पार्क में 810 मेगावाट क्षमता की सोलर परियोजना स्वयं उत्पादन निगम कीओर से स्थापित की जाएगी और 1190 मेगावाट क्षमता का प्रोजेक्ट कोल इंडिया लिमिटेड की ओर से स्थापित की जाएगी . इससे राज्य के विद्युत क्षेत्र का विकास होगा और आमजन को निर्बाध विद्युत आपूर्ति की जा सकेगी.

इन्वेस्ट राजस्थान में सबसे ज्यादा सौर ऊर्जा पर निवेश- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में सौर ऊर्जा को लेकर अपार संभावना है. यही वजह कि 7 और 8 अक्टूबर को राजस्थान निवेश में सम्मेलन में सबसे ज्यादा समझौता-पत्र सौर ऊर्जा को लेकर किए गए हैं . इसमें अडाणी ग्रुप से लेकर टाटा जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल हैं.

कोल इंडिया ही देता है कोयला- राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम के थर्मल, हाइडल एवं गैस आधारित विद्युत गृहों की ओर से बिजली का उत्पादन किया जा रहा है, जिसमें कोयले पर आधारित 23 थर्मल इकाइयों से 7580 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हो रहा है. इन इकाइयों को कोयले की आपूर्ति कोल इंडिया लिमिटेड की विभिन्न खदानों से पिछले 40 वर्षों से की जा रही है. वर्तमान में राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम बीकानेर जिले के पूगल तहसील में 2000 मेगावाट क्षमता का सोलर पार्क विकसित कर रहा है, जिसमें से 1190 मेगावाट क्षमता की सोलर परियोजना को कोल इंडिया लिमिटेड की ओर से स्थापित किया जाएगा.

छत्तीसगढ़ सरकार ने रोक कोयला
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने के कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने पारसा ईस्ट व कान्ता बासन एक्सटेंशन कोल ब्लॉक पर रोक लगा रखी है. हम पॉलिटिकल इशू पर बात नहीं करना चाहता, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने कोयला रोका है. छत्तीसगढ़ सरकार ने राजस्थान को अलॉटेड खान निरस्त करने को लेकर केंद्र को पत्र लिखा है लेकिन भारत सरकार उसे निरस्त नहीं कर रही है. हमने प्रोसेस करके राजस्थान को दिया है. केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने सीएम अशोक गहलोत को साफ कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है. पारसा ईस्ट और कान्ता बासन और सरगुजा में राजस्थान को अलॉट कोल माइंस से किसी कारण से कोयला रुका हुआ है. इसके लिए भारत सरकार भी प्रयास कर रही है लेकिन राजस्थान सरकार की ओर से गहलोत भी छत्तीसगढ़ सीएम से बात करें. पारसा खान से अगर राजस्थान को 11 रेक कोयला मिलने लग जाए तो यहां थर्मल पावर प्लांट के लिए कोयले की कमी की समस्या का समाधान हो जाएगा.

लोगों को पता हो तो इरिटेशन नहीं होता
बिजली की कटौती पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि कटौती को कैसे कम किया जाए, लेकिन यह सही है कि कई बार लोगों को कटौती के बारे में समय पर जानकारी नहीं होने से उनको ज्यादा इरिटेशन होता है . इसलिए जरूरी है कि लोगों को कब और कितने समय के लिए कटौती होगी उसकी प्रॉपर जानकारी हो. गहलोत ने यह भी कहा कि कोयले की कमी को लेकर हम लगातार छत्तीसगढ़ सरकार से संवाद कर रहे हैं और जल्दी समस्या का समाधान निकालेंगे.

Last Updated : Oct 13, 2022, 8:04 PM IST
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