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प्रदेश में मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण का गठन, चिकित्सा विभाग में 5500 रिक्त पदों पर होगी जल्द भर्ती - मानसिक स्वास्थ्य बोर्ड में कौन कौन होंगे

राजस्थान में गहलोत सरकार ने मानसिक स्वास्थ्य रोगियों की उचित देखभाल के लिए राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण का गठन किया है. इसका नोटिफिकेशन सोमवार को जारी कर दिया गया है.

चिकित्सा विभाग की अपर मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह
चिकित्सा विभाग की अपर मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह
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Published : Jul 4, 2023, 6:56 AM IST

जयपुर. मानसिक रोगियों की देखभाल के लिए प्रदेश को गहलोत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. राज्य सरकार की ओर से राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण का गठन करते हुए गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है. जल्द ही मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की बैठक आयोजित कर राज्य मानसिक स्वास्थ्य संबंधी नियम और उपनियम बनाए जाएंगे.

मानसिक रोगियों की देखभाल के लिए मानसिक स्वास्थ्य देखरेख अधिनियम-2017 और राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण नियम-2018 की पालना में प्रदेश में राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण का गठन कर दिया गया है. चिकित्सा विभाग की अपर मुख्य सचिव (एसीएस) शुभ्रा सिंह ने बताया कि प्रदेश में मानसिक स्वास्थ्य रोगियों की देखभाल के लिए गठित मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से राज्य मानसिक स्वास्थ्य संबंधी नियम और उपनियम बनाए जाएंगे. साथ ही मानसिक स्वास्थ्य बोर्ड भी गठित किए जाएंगे. यही नहीं मानसिक रोगियों के अधिकारों संबंधी नियमावली भी निर्धारित की जाएगी. मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण में एसीएस अध्यक्ष, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डायरेक्टर मुख्य कार्यकारी अधिकारी और जनस्वास्थ्य डायरेक्टर को सदस्य सचिव के रूप में नामित किया गया है. साथ ही इस प्राधिकरण में इनके अलावा पदेन और गैर सरकारी सदस्य भी होंगे.

वहीं चिकित्सा विभाग में जल्द अधिकारियों और पैरामेडिकल के 5500 पद यूटीबी (Urgent temporary basis) पर भरे जाएंगे. एसीएस शुभ्रा सिंह के अनुसार चिकित्सा संस्थानों में चिकित्सा अधिकारियों और पैरामेडिकल स्टाफ के रिक्त पदों को सीधी भर्ती से नियुक्ति होने तक यूटीबी पर भरने का फैसला लिया गया है. चिकित्सा अधिकारी के 500 और पैरामेडिकल के 5000 रिक्त पदों को यूटीबी पर भरा जाएगा. वित्त विभाग से मिली स्वीकृति के बाद निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए जल्द ही इन पदों को भरा जाएगा.

पढ़ें कैबिनेट बैठक में नए जिलों के गठन को दिया अंतिम रूप, जयपुर और जोधपुर में होंगे ग्रामीण जिले

जयपुर. मानसिक रोगियों की देखभाल के लिए प्रदेश को गहलोत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. राज्य सरकार की ओर से राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण का गठन करते हुए गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है. जल्द ही मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की बैठक आयोजित कर राज्य मानसिक स्वास्थ्य संबंधी नियम और उपनियम बनाए जाएंगे.

मानसिक रोगियों की देखभाल के लिए मानसिक स्वास्थ्य देखरेख अधिनियम-2017 और राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण नियम-2018 की पालना में प्रदेश में राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण का गठन कर दिया गया है. चिकित्सा विभाग की अपर मुख्य सचिव (एसीएस) शुभ्रा सिंह ने बताया कि प्रदेश में मानसिक स्वास्थ्य रोगियों की देखभाल के लिए गठित मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से राज्य मानसिक स्वास्थ्य संबंधी नियम और उपनियम बनाए जाएंगे. साथ ही मानसिक स्वास्थ्य बोर्ड भी गठित किए जाएंगे. यही नहीं मानसिक रोगियों के अधिकारों संबंधी नियमावली भी निर्धारित की जाएगी. मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण में एसीएस अध्यक्ष, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डायरेक्टर मुख्य कार्यकारी अधिकारी और जनस्वास्थ्य डायरेक्टर को सदस्य सचिव के रूप में नामित किया गया है. साथ ही इस प्राधिकरण में इनके अलावा पदेन और गैर सरकारी सदस्य भी होंगे.

वहीं चिकित्सा विभाग में जल्द अधिकारियों और पैरामेडिकल के 5500 पद यूटीबी (Urgent temporary basis) पर भरे जाएंगे. एसीएस शुभ्रा सिंह के अनुसार चिकित्सा संस्थानों में चिकित्सा अधिकारियों और पैरामेडिकल स्टाफ के रिक्त पदों को सीधी भर्ती से नियुक्ति होने तक यूटीबी पर भरने का फैसला लिया गया है. चिकित्सा अधिकारी के 500 और पैरामेडिकल के 5000 रिक्त पदों को यूटीबी पर भरा जाएगा. वित्त विभाग से मिली स्वीकृति के बाद निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए जल्द ही इन पदों को भरा जाएगा.

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