जयपुर. राजस्थान पुलिस के 34वें डीजीपी रहे एमएल लाठर गुरुवार को सेवानिवृत्त हो (Rajasthan DGP ML Lather retired) गए. सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने पुलिस फोर्स को संदेश देते हुए कहा कि कोरोना काल में जिस निष्ठा के साथ पुलिस ने काम कर आमजन के दिलों में अपनी जगह बनाई है, उसे राजस्थान पुलिस आगे भी कायम रखे. डीजीपी के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद एमएन लाठर को परंपरागत तरीके से पुलिस मुख्यालय से विदाई दी गई. उमेश मिश्रा को डीजीपी का चार्ज सौंपने के बाद एमएल लाठर पुलिस के आला अधिकारियों व अपने परिजनों के साथ पुलिस मुख्यालय के पोर्च में पहुंचे, जहां पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
उन्होंने पुलिस के तमाम आला अधिकारियों से मुलाकात की और परंपरागत तरीके से एमएल लाठर और उनकी पत्नी (DGP ML Lather retirement Ceremony) को ओपन जिप्सी में बैठाया गया. इसके बाद जिप्सी के बोनट को दो बड़ी रस्सियों से बांधा गया. पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों ने रस्सी के जरिए जिप्सी को खींचकर पुलिस मुख्यालय के बाहर तक पहुंचाया. इसके बाद लाठर अपने परिजनों के साथ आवास की ओर रवाना हुए. इस दौरान पुलिस की गाड़ियों ने उन्हें एस्कॉर्ट किया.
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पुलिस का सहयोग करूंगा : सेवानिवृत्त होने के बाद एमएल लाठर ने ईटीवी भारत पर खास बातचीत के दौरान बताया कि वह अब एक आम नागरिक के रूप में राजस्थान पुलिस का सहयोग करेंगे. लाठर ने कहा कि हम सभी लोगों का कर्तव्य बनता है कि हम पुलिस का सहयोग करें. लाठर ने कहा कि पुलिस फोर्स का सदस्य होने के नाते मैं आगे बढ़कर राजस्थान पुलिस की हर संभव मदद करूंगा.
साइबर सिक्योरिटी सेंटर से होगा समस्याओं का निदान : लाठर ने कहा कि प्रदेश में जितने भी तरह की समस्याएं होती हैं, उसे लेकर पुलिस और सरकार काफी गंभीर रहती है. वर्तमान में प्रदेश के सामने साइबर क्राइम सबसे बड़ी समस्या है. प्रदेश के हर जिले में साइबर क्राइम थाने का गठन किया जा चुका है. वहीं अब साइबर क्राइम की बढ़ती हुई समस्याओं को देखते हुए स्टेट लेवल पर साइबर सिक्योरिटी सेंटर बनाया जा रहा है, जिसके फंक्शनल होने के बाद काफी हद तक समस्याओं का निदान किया जा सकेगा.